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- More Infections Spread In The Town From The Village Near The Highway, More Than Ten Suspects Are Dying Every Day In The District
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भिंडएक मिनट पहले
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- गांव से लेकर कस्बा स्तर पर नहीं जांच के इंतजाम।
- झोलाछाप डॉक्टर संदिग्ध मरीजों का कर रहे उपचार।
भिंड जिले का हाईवे-719 के किनारे बसे गांव और नगर में कोविड वायरस का खतरा ज्यादा बना हुआ है। सबसे ज्यादा कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या भिंड ब्लॉक है। इसके बाद दूसरा स्थान है गोहद ब्लॉक का है। इसके बाद मेहगांव और अटेर का स्थान बना हुआ है। इन क्षेत्रों के लोग ज्यादा संक्रमित ही नहीं हो रहे है बल्कि बीमारी होकर संदिग्ध अवस्था में ज्यादा मौतें भी हो रही है। अब जिले धीरे-धीरे हॉटस्पॉट बनता जा रहा है।
भिंड जिले के गांव-गांव में संक्रमण फैल चुका है। अब तक पांच सौ से अधिक लोग एक महीने में संक्रमण के शिकार हो चुके है। ज्यादातर मरीजों को होम आइसोलेशन में रखा जा रहा है। अति गंभीर मरीजों को ही हॉस्पिटल में उपचार के लिए लाया जा रहा है। हालात यह है कि गांव से लेकर शहर तक लोग बढ़ी तादाद में बीमारी से पीड़ित हाे रहे है। ग्रामीण क्षेत्र के लोग आठ से दस दिन तक सामान्य तौर पर घरेलू उपचार या आस पास के झोलाछाप से उपचार ले रहे है।
गोहद से भिंड तक ज्यादा फैल रहा संक्रमण
इस तरह देखा जाए तो इन दिनों पूरे जिले में 273 के आस पास मरीज कोरोना संक्रमित है। जिसमें सबसे ज्यादा भिंड नगरीय क्षेत्र व ग्रामीण क्षेत्र (भिंड ब्लॉक) के लोग संक्रमित है। यहां संक्रमितों की संख्या करीब 119 है। इसके बाद दूसरा हॉट स्पॉट गोहद है। गोहद ब्लॉक में संक्रमित मरीजों की संख्या 55 है। इसके बाद तीसरा स्थान मेहगांव ब्लॉक का बना है। गोहद ब्लॉक में संक्रमित मरीज 38 है। यह तीनों ही हाईवे पर है और ग्वालियर से नजदीक है। इस तरह इन क्षेत्रों के लोगों को लगातार ग्वालियर से आना जाना बना हुआ है जहां से काेविड वायरस का संक्रमण आ रहा है। इसके बाद हाईवे पर बसा अटेर ब्लॉक का फूप कस्बा में भी अब तक अच्छी खासी संख्या में लोग संक्रमित हो चुके है। अटेर कस्बे में एक्टिव केस 36 है। इसके बाद लहार ब्लॉक के लहार, दबोह व आलमपुर में एक्टिव मरीजों की संख्या 26 है। अब तक जिले का सबसे सुरक्षित एरिया रौन बना हुआ है। यहां एक्टिव मरीज तीन ही है।
ब्लॉकवार एक्टिव केस
- – भिण्ड : 119
- – गोहद : 55
- – मेहगांव : 38
- – अटेर : 32
- – लहार : 26
- – रौन : 03
- – जिले में एक्टिव केस:- 273
- -.जिले में कुल कंटेनमेंट ज़ोन:- 31
- – नगरीय क्षेत्र में कंटेनमेंट जोन :- 22 ,
- – ग्रामीण क्षेत्र में कंटेनमेंट जोन:- 9
जिले में मरने वालों की संख्या बढ़ी
इन दिनों गांव से लेकर शहरी क्षेत्र में मरने वालों की संख्या में इजाफा हो रहा है। अचानक होने वाली मौतों से लोगों सदमे में है। जिले में बीमार होकर मरीज उपचार दो से चार दिन तक घरेलु उपचार के नुस्खे अपनाते है। फिर नजदीकी की क्लीनिक में जाकर उपचार लेते है। इस तरह आठ से दस दिन में मरीज की हालत खराब हो जाती है। इस तरह से कई मरीजों की संदिग्ध हालात हो चुकी। इन मौतों की सूचना जिला प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग के पास नहीं है। जानकारों की मानें तो इस तरह पूरे जिले में आठ से दस मौतें हो रही है। इसके बाद भी जिले की व्यवस्था सामान्य बताई जा रही है।
बाहर से आने वालों से संक्रमण का ज्यादा खतरा
स्वास्थ्य विभाग से रिटायर्ड सीएमएचओ और एमडी मेडिसिन डॉ विनोद सक्सेना का कहना है कि पंद्रह मिनट तक लगातार मरीज के पास बैठने से और छह फीट की दूरी से कम पर से लोगों के आपस में मेल मिलाप से कोविड वायरस का खतरा रहता है। यदि कोई संक्रमित या संदिग्ध है। ऐसे व्यक्ति, लोग के संपर्क में आता है तो खतरा बना रहता है। जिले स्वास्थ्य संसाधन कम होने से जांच पूरे जिले में सीमित हो रही है। बाहर से आने वाले या घर से बाहर रहने वाले लोग ऐसे समय में स्वयं को होम क्वारंटाइन रखें। मास्क को सही ढंग से लगाए। नाक और मुंह ढक कर ही रखे। घबराएं नहीं। सबसे ज्यादा गोहद , मेहगांव और भिंड के लोगों को रहने की जरूरत है। इन क्षेत्रों में बाहर से आने वालों की संख्या ज्यादा रहती है इसलिए संक्रमण इन क्षेत्रों में ज्यादा फैल रहा है।
महामारी को रोकने लिए संपूर्ण लॉकडाउन की जरुरत है
स्वास्थ्य विभाग से रिटाडर्य सीएमएचओ राकेश शर्मा का कहना है कि यह महामारी है। सन् 19 18 में जिस तरह प्लेग फैला था। इसी तरह से यह कोराेना फैला है। यह छूत का रोग है। इसके संचार को ब्रेक करना होगा। दो मनुष्य की दूरी बढ़ा दी जाए। अब जरूरत है संपर्ण लॉक डाउन की। जब तक लॉक डाउन सख्ती से नहीं लगेगा तब तक संक्रमण की चैन नहीं टूटेगी। ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों की मौत संदिग्ध हो अवस्था में हो रही है। क्योंकि जिले में स्वास्थ्य संसाधान सीमित है। लॉकडाउन के बाद ही रोग को नियंत्रित किया जा सकता है।