टाइगर स्टेट में टाइगर नहीं सुरक्षित :: रातापानी सेंचुरी में तीन साल के बाघ की मौत, तीन दिन पहले भी एक शावक की हो चुकी मौत, सीहोर फॉरेस्ट कर रही जांच

टाइगर स्टेट में टाइगर नहीं सुरक्षित :: रातापानी सेंचुरी में तीन साल के बाघ की मौत, तीन दिन पहले भी एक शावक की हो चुकी मौत, सीहोर फॉरेस्ट कर रही जांच


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30 मिनट पहले

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तीन साल के मादा बाघ का शव।

होशंगाबाद। टाइगर स्टेट के नाम से पहचाने जाने वाले मप्र में इन दिनों टाइगर सुरक्षित नहीं है। 2 मई को रातापानी सेंचुरी में मिडघाट के पास ट्रेन की चपेट में आ जाने से 10 माह के मादा बाघ की मौत के तीन दिन बाद बुधवार को एक ओर बाघ की मौत हो गई।

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बुदनी से सटे जहानपुरा गांव के पास बाघ का शव मिला है। गांव के पास बाघ के शव मिलने से दहशत का माहौल है। सूचना मिलते ही सीहोर जिले के डीएफओ डीएफ रमेश गनावा व बुदनी क्षेत्र का फाॅरेस्ट अमला मौके पर पहुंचा। वाइल्ड लाइफ, डॉग स्क्वायड टीम को भी घटनास्थल बुलाया गया। डॉक्टरों की टीम द्वारा पोस्टमार्टम किया गया। बाघ की मृत्यु का कारण स्पष्ट नहीं हो पाया है।

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डीएफओ डीएफ रमेश गनावा ने बताया तीन साल के मादा बाघ का शव मिला है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट मिलने पर मृत्यु का कारण स्पष्ट होगा।



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