मरीज की हालत बिगड़ने पर डॉक्टर ने किया रैफर: एम्बुलेंस का चालक बोला, मुझे रात में दिखाई नहीं देता, मजबूरन किराए पर कार ली, उसमें ऑक्सीजन सिलेण्डर लगाया, तब पहुंचे ग्वालियर अस्पताल

मरीज की हालत बिगड़ने पर डॉक्टर ने किया रैफर: एम्बुलेंस का चालक बोला, मुझे रात में दिखाई नहीं देता, मजबूरन किराए पर कार ली, उसमें ऑक्सीजन सिलेण्डर लगाया, तब पहुंचे ग्वालियर अस्पताल


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मुरैना3 मिनट पहले

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राजकुमारी के साथ उसके पति प्रेमचंद जैन

  • जौरा अस्पताल के हालात बद से बदतर, नहीं कोई सुनवाई

मुरैना(जौरा)। अगर आपका मरीज गंभीर हालत में है, उसे डॉक्टर दूसरे अस्पताल में रैफर कर दें और उस वक्त एम्बूलेंस का चालक यह कह दे, कि उसे रात में दिखाई नहीं देता, इसलिए वह गाड़ी नहीं चला सकेगा। तब सोचिए, आप पर क्या बीतेगी। यह हादसा बीती रात कस्बे के प्रेमचंद जैन के साथ घटी। जब वे अपनी पत्नी को कस्बे के सामुदायिक स्वास्थय केन्द्र पर लेकर गए, तो वहां मौजूद डॉक्टरों ने कहा कि उनकी पत्नी को जिस फ्लो के ऑक्सीजन की जरूरत है, वह यहां नहीं है। इसलिए आप उन्हें जिला चिकित्सालय मुरैना या ग्वालियर ले जाएं। जब उन्होंने अस्पताल के एम्बुलेंस चालक से चलने को कहा, तो वह छूटते ही बोला, मेरी आंखे खराब हैं, मुझे रात में दिखाई नहीं देता।
वार्ड नंबर 14 नारायण गली, जौरा निवासी प्रेमचंद जैन की पत्नी राजकुमारी, उम्र 55 वर्ष, पिछले 4 दिन से बुखार से पीड़ित थीं। जब उसकी हालत बिगड़ने लगी तो वे रात में ही उसे लेकर सामुदायिक स्वास्थय केन्द्र जौरा पहुंचे। वहां जब डॉक्टरों ने राजकुमारी का ऑक्सीजन लेवल नापा तो बहुत कम निकला। इस पर उन्होंने ऑक्सीजन लगा दी। राजकुमारी को जिस ऑक्सीजन फ्लो की जरूरत थी वह उसे नहीं मिल रही थी। इस पर डॉक्टरों ने कहा कि आप उन्हें ग्वालियर लेकर जाएं क्योंकि यहां ऑक्सीजन का फ्लो बहुत कम है। इसके बाद डॉक्टर ने राजकुमारी को ग्वालियर के लिए रैफर कर दिया। डॉक्टरों की सलाह पर मरीज के परिजन बोले कि मरीज के साथ एंबुलेंस भेज दो, जिससे मरीज को रास्ते में ऑक्सीजन मिलता रहेगा। जब सरकारी एंबुलेंस के ड्राइवर अशोक बाथम को बुलाया तो वह मरीज के परिजनों से बोला कि मुझे रात में दिखाई नहीं देता,, इसलिए मैं नहीं जा सकता। आनन-फानन में मरीज के परिजन एक ट्रैवल एजेंसी से निजी गाड़ी बुक कर अस्पताल लेकर पहुंचे और एंबुलेंस का ऑक्सीजन सिलेंडर खोलकर गाड़ी में फिट किया, तब कहीं जाकर मरीज को ग्वालियर लेकर गए।
हां यह सही है कि ड्राइवर को रात में दिखाई नहीं दे रहा
इस मामले को लेकर बीएमओ मनोज त्यागी से जब बात की, तो उन्होंने कहा कि अस्पताल में एंबुलेंस पर पदस्थ ड्राइवर ने उन्हें बताया था, कि उसे कुछ परेशानी है और कुछ दिनों से उसे रात में दिख नहीं रहा है।
कहते हैं अपर कलेक्टर
मुझे इस मामले की जानकारी नही हैं। इस संबंध में जौरा सामुदायिक केन्द्र के डॉक्टरों से बात करके एम्बुलेंस चालक के खिलाफ कार्यवाही की जाएगी।
नरोत्तम भार्गव, अपर कलेक्टर, मुरैना

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