शिवपुरी में लापरवाही से जान गई: सांसें उखड़ने लगीं तो बीमार पिता को बेटे अस्पताल लेकर पहुंचे, डॉक्टर ने खाली सिलेंडर थमाया, ऑक्सीजन नहीं मिलने से मौत

शिवपुरी में लापरवाही से जान गई: सांसें उखड़ने लगीं तो बीमार पिता को बेटे अस्पताल लेकर पहुंचे, डॉक्टर ने खाली सिलेंडर थमाया, ऑक्सीजन नहीं मिलने से मौत


  • Hindi News
  • Local
  • Mp
  • Gwalior
  • Shivpuri
  • When The Breath Started To Dissipate, The Sick Father Brought The Son To The Hospital, The Doctor Gave An Empty Cylinder, Death Due To Lack Of Oxygen.

Ads से है परेशान? बिना Ads खबरों के लिए इनस्टॉल करें दैनिक भास्कर ऐप

शिवपुरी4 मिनट पहले

  • कॉपी लिंक

पड़ोसी भी मदद करने नहीं आए तो किराए के लोडिंग वाहन से शव मुक्तिधाम लेकर गए।

सामुदायिक अस्पताल करैरा में ऑक्सीजन नहीं मिलने से कोरोना संदिग्ध मरीज की मौत हो गई है। दरअसल बीमार पिता को घर पर सांस लेने में तकलीफ होने पर दोनों बेटे करैरा अस्पताल लेकर पहुंचे थे। यहां डॉक्टर ने खाली सिलेंडर पकड़ा दिया और फिर दूसरा सिलेंडर लाने में देर लगाई। समय पर ऑक्सीजन नहीं मिलने से मरीज ने दम तोड़ दिया। बेटों ने अपने पिता की मौत के लिए अस्पताल प्रबंधन को जिम्मेदार ठहराया है।

राधेश्याम गुप्ता (66) पुत्र रामरतन गुप्ता निवासी जुगयाना मोहल्ला करैरा की सामुदायिक अस्पताल में बुधवार की रात 8:30 बजे के बाद मौत हो गई। बड़े बेटे राजेंद्र गुप्ता का कहना है कि पिता की दस्त के चलते हालत बिगड़ गई थी। दोस्त की कार से अस्पताल लेकर आए थे। अस्पताल में समय पर ऑक्सीजन मिल जाती तो पिता की जान बच जाती। पिता की गंभीर हालत थी, लेकिन अस्पताल में डॉक्टर और नर्स मौके पर मौजूद नहीं थे। पिता की मौत से पहले कई बार कॉल किया लेकिन एंबुलेंस नहीं आई। मौत होने पर जवाब मिला कि डेड बॉडी ले जाना हमारा काम नहीं है।

ऊपर से नीचे आने में डॉक्टर ने आधा लगाया, फिर खाली सिलेंडर लाकर दे दिया
बेटे राजेंद्र गुप्ता और जितेंद्र गुप्ता बुधवार की रात 8 बजे पिता राधेश्याम को अस्पताल लाए थे। राजेंद्र के मुताबिक हमारे पहुंचने के बाद डॉक्टर को ऊपर से नीचे तक आने में करीब आधा घंटा बीत गया। डॉक्टर ने आकर छोटा सिलेंडर दिया, लेकिन ऑक्सीजन ही नहीं थी। खाली सिलेंडर के बारे में बताया तो बड़ा सिलेंडर लाकर रख दिया।

बड़े सिलेंडर का नोजल और गैस खोलने चाबी नहीं मिली
अस्पताल में बड़ा सिलेंडर ले आए तो उसका नोजल और गैस खोलने के लिए चाबी नहीं थी। नोजल, चाबी को ढूंढने की कोशिश के दौरान ही राधेश्याम गुप्ता की सांसें उखड़ने लगीं और उनकी स्ट्रेचर पर ही मौत हो गई। इसके बाद मौके पर मौजूद अन्य युवक ने अव्यवस्थाओं को लेकर एक वीडियो बनाया और दिखाया कि किस तरह लापरवाही बरती गई, जिससे मरीज की जान चली गई।

मौत के बाद भी सैंपल टेस्ट नहीं किया, रात भर लाश घर पर रखे रहे
मरीज की मोत के बाद अस्पताल में सैंपल टेस्ट नहीं किया गया। जिससे पता भी नहीं चला पाया कि मरीज को कोरोना था या नहीं। बेटे राजेंद्र गुप्ता का कहना है कि दोस्त की कार से ही शव को घर लाए। अस्पताल वालों ने शव को पॉलीथिन में भी पैक नहीं किया। शव को घर पर रखकर सुबह होने तक रात भर इंतजार किया। अंत्येष्टि में पड़ोसी भी मदद करने नहीं आए। गुरुवार की सुबह राजेंद्र ने हिंदू जागरण मंच के विनय मिश्रा व समाजसेवी प्रिंस को फोन लगाकर घटना बताई और किराए की लोडिंग से शव मुक्तिधाम लेकर अंत्येष्टि कराई।

खबरें और भी हैं…



Source link