नई दिल्ली. इंडियन प्रीमियर लीग (IPL 2021) के बायो-बबल (जैव सुरक्षित माहौल) में कोरोना वायरस संक्रमण के आने से कुछ खिलाड़ियों में डर का माहौल था तो वही कुछ भारतीय खिलाड़ियों ने हाल ही स्थगित हुई लीग के बबल को पिछले साल यूएई में आयोजित टूर्नामेंट की तुलना में कमजोर बताया. विश्व की सबसे बड़ी टी20 लीग को चार खिलाड़ियों और दो कोचों के कोरोना वायरस से संक्रमित होने बाद मंगलवार को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया. पीटीआई-भाषा ने लीग में हिस्सा लेने वाले कुछ खिलाड़ियों से बात कर यह जानने की कोशिश की कि कोविड-19 संक्रमण के बारे में पता चलने के बाद बायो-बबल की क्या स्थिति थी. एक खिलाड़ी ने गोपनीयता की शर्त पर कहा कि यह यूएई जितना सुरक्षित नहीं था, जहां टूर्नामेंट के दौरान एक भी मामला सामने नहीं आया था. टूर्नामेंट शुरू होने से पहले कुछ पॉजिटिव मामले आये थे लेकिन बाद में एक भी ऐसा मामला नहीं आया. यूएई जितना मजबूत नहीं था भारत का बायो बबलएक खिलाड़ी ने खुलासा किया, ‘भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) और टीमों ने हालांकि अपनी तरफ से पूरी कोशिश की, लेकिन यह बायो बबल संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) इतना मजबूत नहीं था. यहां आप लोगों को आते-जाते देख सकते थे, भले ही वे अलग-अलग मंजिलों पर हों. मैंने कुछ लोगों को पूल का उपयोग करते हुए भी देखा. अभ्यास करने की सुविधाएं भी दूर थीं.’ सहम गए थे विदेशी खिलाड़ी-श्रीवत्स गोस्वामी भारतीय अंडर-19 टीम के सदस्य रहे श्रीवत्स गोस्वामी शुरू से आईपीएल का हिस्सा रहे है. उन्होने कहा कि उन्हें नहीं लगता कि किसी खिलाड़ी या सहयोगी सदस्य ने कोविड-19 से जुड़ी मानक संचालन प्रक्रिया का उल्लंघन किया है. सनराइजर्स हैदराबाद के इस खिलाड़ी ने कहा, ‘बबल के अंदर हमारी अच्छी देखभाल हो रही थी. किसी भी खिलाड़ी या सहयोगी स्टाफ ने इसका उल्लंघन नहीं किया. लेकिन मै इस बात से इनकार नहीं करूंगा कि वायरस के बबल में प्रवेश के बाद हर कोई असहज हो गया था, खासकर विदेशी खिलाड़ी.’
उन्होंने कहा, ‘ मुझे पता है कि मैं अच्छी प्रतिरोधक क्षमता वाला खिलाड़ी हूं. भगवान न करे, अगर मैं वायरस के चपेट में आ गया तो भी ठीक हो जाऊंगा. लेकिन मुझमें वायरस का लक्षण नहीं दिखा और मेरे बुजुर्ग माता-पिता इस वायरस के चपेट में आये तो क्या होगा. जब बबल में वायरस संक्रमण के मामले आये तो अधिकांश खिलाड़ी डर गए क्योंकि आप नहीं चाहते कि इससे आपका परिवार प्रभावित हो.’ भारत में गुरुवार को कोविड-19 संक्रमण के चार लाख से ज्यादा मामले आये, जबकि लगभग 4000 लोगों की मौत हो गयी. अस्पताल में बिस्तर, ऑक्सीजन और महत्वपूर्ण दवाओं की कमी से जूझने के बाद भी आईपीएल आयोजन की बड़े पैमाने पर आलोचना हो रही थी. श्रीवत्स ने आगे कहा, ‘ जाहिर है कि आप इस बात से बेखबर नहीं थे कि बाहर क्या हो रहा है. जब आप ऑक्सीजन की कमी, अस्पताल में बिस्तर की कमी के कारण लोगों को मरते हुए देखते हैं तो आपको बुरा लगता है. खासकर विदेशी खिलाड़ी इसके बारे में ट्विटर पर पढ़ कर डर गये थे. भारतीय खिलाड़ी के तौर पर हम उन्हें समझाते थे कि चीजें ठीक हो जाएंगी.’ चिंता में पड़ गए थे कमेंटेटर दीप दासगुप्ता क्रिकेटर से कमेंटेटर बने दीप दासगुप्ता ने आईपीएल के बबल को कमजोर करार देने से इनकार किया लेकिन कहा कि दिल्ली में मामले बढ़ने के बाद वह चिंतित हो गये थे. इस पूर्व विकेटकीपर ने कहा, ‘मैं यह नहीं कहूंगा कि इस बार बनाया गया बायो-बबल पिछली बार यूएई की तुलना में कमजोर था. हमारा अच्छी तरह से ख्याल रखा गया और मै सुरक्षित महसूस कर रहा था.’ उन्होंने कहा, ‘ जब दिल्ली में मामले बढ़ने लगे तब मैं डर गया था. लोगो को संघर्ष करते देखना काफी निराशाजनक था. मैं अपने माता-पिता के लिए चिंतित था जो नोएडा में रहते है. उनके बारे में सोच कर चिंतित हो रहा था.’ गर्लफ्रेंड के भाई ने किया था स्टुअर्ट मैकगिल का अपहरण, सामने आया चौंकाने वाला सच! एक अन्य खिलाड़ी ने कहा कि जब टूर्नामेंट शुरू हुआ था तब बबल काफी मजबूत था लेकिन इसके आगे बढ़ने के साथ इसमें कुछ कमियां आ गयी थी. नाम ना छापने की शर्त पर इस खिलाड़ी ने कहा, ‘टूर्नामेंट के शुरूआत में यह बेहतर था. लेकिन किसी को पता नहीं कि बबल में कोरोना वायरस कैसे आया.’
उन्होंने कहा, ‘ मुझे पता है कि मैं अच्छी प्रतिरोधक क्षमता वाला खिलाड़ी हूं. भगवान न करे, अगर मैं वायरस के चपेट में आ गया तो भी ठीक हो जाऊंगा. लेकिन मुझमें वायरस का लक्षण नहीं दिखा और मेरे बुजुर्ग माता-पिता इस वायरस के चपेट में आये तो क्या होगा. जब बबल में वायरस संक्रमण के मामले आये तो अधिकांश खिलाड़ी डर गए क्योंकि आप नहीं चाहते कि इससे आपका परिवार प्रभावित हो.’ भारत में गुरुवार को कोविड-19 संक्रमण के चार लाख से ज्यादा मामले आये, जबकि लगभग 4000 लोगों की मौत हो गयी. अस्पताल में बिस्तर, ऑक्सीजन और महत्वपूर्ण दवाओं की कमी से जूझने के बाद भी आईपीएल आयोजन की बड़े पैमाने पर आलोचना हो रही थी. श्रीवत्स ने आगे कहा, ‘ जाहिर है कि आप इस बात से बेखबर नहीं थे कि बाहर क्या हो रहा है. जब आप ऑक्सीजन की कमी, अस्पताल में बिस्तर की कमी के कारण लोगों को मरते हुए देखते हैं तो आपको बुरा लगता है. खासकर विदेशी खिलाड़ी इसके बारे में ट्विटर पर पढ़ कर डर गये थे. भारतीय खिलाड़ी के तौर पर हम उन्हें समझाते थे कि चीजें ठीक हो जाएंगी.’ चिंता में पड़ गए थे कमेंटेटर दीप दासगुप्ता क्रिकेटर से कमेंटेटर बने दीप दासगुप्ता ने आईपीएल के बबल को कमजोर करार देने से इनकार किया लेकिन कहा कि दिल्ली में मामले बढ़ने के बाद वह चिंतित हो गये थे. इस पूर्व विकेटकीपर ने कहा, ‘मैं यह नहीं कहूंगा कि इस बार बनाया गया बायो-बबल पिछली बार यूएई की तुलना में कमजोर था. हमारा अच्छी तरह से ख्याल रखा गया और मै सुरक्षित महसूस कर रहा था.’ उन्होंने कहा, ‘ जब दिल्ली में मामले बढ़ने लगे तब मैं डर गया था. लोगो को संघर्ष करते देखना काफी निराशाजनक था. मैं अपने माता-पिता के लिए चिंतित था जो नोएडा में रहते है. उनके बारे में सोच कर चिंतित हो रहा था.’ गर्लफ्रेंड के भाई ने किया था स्टुअर्ट मैकगिल का अपहरण, सामने आया चौंकाने वाला सच! एक अन्य खिलाड़ी ने कहा कि जब टूर्नामेंट शुरू हुआ था तब बबल काफी मजबूत था लेकिन इसके आगे बढ़ने के साथ इसमें कुछ कमियां आ गयी थी. नाम ना छापने की शर्त पर इस खिलाड़ी ने कहा, ‘टूर्नामेंट के शुरूआत में यह बेहतर था. लेकिन किसी को पता नहीं कि बबल में कोरोना वायरस कैसे आया.’