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होशंगाबादएक मिनट पहले
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कार्तिक वर्मा (14)
- काेविड वार्ड में भर्ती काेरोना संक्रमित वर्मा परिवार की दुखद दास्तां
- इस घटना से समझिए वायरस कितनी तेजी से परिवार के सदस्यों में फैलकर ले रहा जान
- माता-पिता की देखभाल करने के दौरान संक्रमित हुआ था कार्तिक वर्मा
जिला अस्पताल के काेविड वार्ड में भर्ती वर्मा परिवार पर काेराेना ने इस कदर तबाही मचाई कि पहले पूरा परिवार संक्रमित हुआ। मां की मौत के दो दिन बाद ही 14 साल के बेटे ने दम तोड़ दिया। वहीं परिवार के मुखिया कोरोना से जूझ रहे हैं। उनकी हालत गंभीर है।
जानकारी के मुताबिक मोरछली चौक निवासी कार्तिक वर्मा (14) की कोरोना से माैत हो गई। 4 अप्रैल को कार्तिक की मां अनीता कोरोना से जंग हार गईं। पिता मनोज वर्मा भी गंभीर हालत में जिला अस्पताल में गंभीर हालत में भर्ती हैं। मनोज और अनीता के संक्रमित होने के दौरान कार्तिक उनके साथ बीटीआई कोविड केयर सेंटर में रह रहा था।
अनीता और मनोज की हालत बिगड़ने पर 5 दिन पहले दोनों को जिला अस्पताल में शिफ्ट किया था। कार्तिक निरंतर माता-पिता से मिलने जाता था। सोमवार को कार्तिक की रिपोर्ट भी पॉजिटिव आई तो उसे कोविड वार्ड में भर्ती किया गया। बुधवार रात को कार्तिक की भी मौत हो गई।
इकलौता था कार्तिक
मनोज वर्मा खेती करते हैं। उनका परिवार मोरछली चौक के पास रहता है। कार्तिक मनोज और अनीता का इकलौता लड़का था।
शव गुमा, परिजनों को शाम 5 बजे मिल पाया
जिला अस्पताल में कोरोना संक्रमित मरीजों की दुर्गति का अंदाजा इस बात से ही लगाया जा सकता है कि कार्तिक का शव जिला अस्पताल से गुम हो गया। परिजन गुरुवार सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे तक शव तलाशते रहे। बुआ मंजू वर्मा ने बताया कि कार्तिक की मौत की खबर के बाद गुरुवार सुबह जिला अस्पताल में बॉडी लेने पहुंचे तो पहले हमें शव वाहन की व्यवस्था कराने को कहा। 2 घंटे बाद बमुश्किल शव वाहन मिला तो शव गुम हो गया। विधायक डॉ. सीतासरन शर्मा काे सारी बात बताई। विधायक प्रतिनिधि प्रकाश शिवहरे ने बताया कार्तिक की बुआ उसका शव ना मिलने से परेशान हो रही थी। विधायक के संज्ञान में मामला आने के बाद शाम 5 बजे शव मिला। इसके बाद अंत्येष्टि की गई।
माता-पिता की सेवा कर रहा था कार्तिक
कार्तिक की पड़ाेसी जयबाला निगम ने बताया पिछले 8 दिनों से बीटीआई कोविड केयर सेंटर में मनाेज और अनीता भर्ती थे। उनकी सेवा और देखभाल करने के लिए कार्तिक उनके साथ रह रहा था। 5 दिन पहले जिला अस्पताल में अशोक वर्मा और अनीता वर्मा को भर्ती किया गया। उसके बाद भी वह निरंतर माता-पिता से मिलने जाता रहा। कार्तिक 10वीं का छात्र था।
शव गुमा नहीं, संक्रमित का शव अलग रखते हैं
शव गुमा नहीं था। प्रबंधन की व्यवस्था है कि कोरोना संक्रमित की मृत्यु के बाद निश्चित स्थान पर उसका शव रख दिया जाता है। शव पर नाम का टैग लगाया जाता है ताकि ढूंढने में दिक्कत ना हो। संक्रमित के किसी परिजन ने ही सुबह सबको रखवाया होगा। शवों का अंतिम संस्कार नपाकर्मी ही करते हैं। ऐसी समस्याएं आती है कोई शव लेने को तैयार नहीं होता ऐसी स्थिति में लगा कर मुझे सब को ले जाकर उसका संस्कार करते हैं। -डॉ. दिनेश दहलवार, सिविल सर्जन