Podcast: ‘सब चलता है’ और ‘हो जाएगा’, के भारतीय अंदाज पर होता रहा IPL, फिर अंजाम तक कैसे पहुंचता | IPL 2021 suspended by BCCI now wait for IPL new schedule Podcast Suno Dil Se

Podcast: ‘सब चलता है’ और ‘हो जाएगा’, के भारतीय अंदाज पर होता रहा IPL, फिर अंजाम तक कैसे पहुंचता | IPL 2021 suspended by BCCI now wait for IPL new schedule Podcast Suno Dil Se


आईपीएल के (IPL 2021 Suspended) अनिश्चितकाल तक के लिए स्थगित हो जाने से भारतीय क्रिकेट प्रशासकों ने वह शोहरत भी गंवा दी है, जो उन्होंने पिछले सीजन यूएई में कमाई थी. लीग का बीच रास्ते ठहर जाना कई सवालों को जन्म दे गया है. न्यूज18 के पॉडकास्ट में संजय बैनर्जी से सुनते हैं कि आखिर कहां चूक हुई और आईपीएल के यूं रुक जाने के क्या नतीजे हो सकते हैं. पॉडकास्ट सुनो दिल से (Suno Dil Se).


आईपीएल के 14वें सीजन (IPL 2021) का बीच रास्ते ठहर जाना कई सवालों को जन्म दे गया है. आईपीएल के (IPL 2021 Suspended) अनिश्चितकाल तक के लिए स्थगित हो जाने से भारतीय क्रिकेट प्रशासकों ने वह शोहरत भी गंवा दी है, जो उन्होंने पिछले सीजन यूएई में कमाई थी. यूएई में तीन जगहों पर मैच कराए गए, वहां बायो बबल की ज़िम्मेदारी एक विदेशी एजेंसी रीस्ट्राटा पर थी और उन्होंने अपना काम बखूबी निभाया. यूके की यह कंपनी ट्रैकिंग डिवाइस और बायो सिक्योर सोलुशन की विशेषज्ञ मानी जाती है. लगता है कि बीसीसीआई इस बार इसी गुणवत्ता से समझौता कर बैठी और उसका खामियाजा चुकाना पड़ा. न्यूज18 के पॉडकास्ट में संजय बैनर्जी से सुनते हैं कि आखिर कहां चूक हुई और आईपीएल के यूं रुक जाने के क्या नतीजे हो सकते हैं. पॉडकास्ट सुनो दिल से (Suno Dil Se).

आईपीएल 2021 में बायो बबल पिछली बार का पेशेवराना अंदाज़ नदारद था. जो खबरें अब सामने आ रही हैं उनसे पता चलता है कि किस तरह से इस मामले में कोताही बरती गई और परिणाम अनिश्चितकाल का स्थगन हुआ. यहां तक की प्लेयर्स और सपोर्ट स्टाफ को दिए गए ट्रैकिंग सिस्टम आईपीएल शुरू होने से तीन दिन बाद फ्रेंचाइसी को मिले और उनसे मिलने वाले डेटा भी विश्वसनीय नहीं थे. कई मामलों में इन्होंने काम भी करना बंद कर दिया और हैंग भी होते गए. सब कुछ चलता है, हो जाएगा, की तर्ज पर भारतीय अंदाज़ में होता रहा. हर जगह पर चाहे प्रैक्टिस के मैदान हों, होटल, हों या हवाई अथवा ट्रांसपोर्ट हों, कमियां नजर आती गईं. लेकिन बिल्ली के गले में घंटी कौन बांधे सो सब कुछ चलता भी रहा, जब तक मामला विस्फोटक नहीं हो गया. कहा तो यह भी जा रहा है, कि बायो बबल की सुरक्षा की ज़िम्मेदारी जिस कम्पनी को दी गई थी, उनके ज्यादातर लोग इससे पहले सिक्योरिटी के रोल में हुआ करते थे.

हालाकि सच यह भी है कि यूएई के और भारत के हालात में ज़मीन आसमान का फर्क है. जब पिछला सीजन हुआ तो वहां पॉजिटिव केस की संख्या हजार के आस पास थी. भारत में शुरू में कम थी, जो बाद में लाखो में पहुंच गई. दरअसल शुरुआती संकेतों के बाद ही जिस बड़े फैसले की ज़रुरत थी, वह समय पर नहीं लिया जा सका, और सब कुछ चलता रहा. जब यूएई में सिर्फ तीन मैदानों पर पूरा सीजन कराया जा सकता था, तो भारत में क्यों नहीं. इस सीजन का शुरूआती विचार यही था, मुम्बई के तीन मैदानों पर इसे कराया जा सकता था. लेकिन बोर्ड की अपनी मजबूरियां और सोच थी, सो इनको 6 शहरों में कराना तय पाया गया. दिल्ली और बैंगलोर में हालात बहुत खराब हो चुके थे, फिर आलम यह की दिल्ली में जब प्रैक्टिस के लिए टीमें गई तो न तो सिक्योरिटी थी और न ही बायो बबल, उन क्लब्स के मेम्बर्स अंदर आ रहे थे, और सेल्फी ले रहे थे. बहरहाल 6 शहरों में इसे कराने का प्लान दूरदर्शी नहीं था और इसका बड़ा नुकसान उठाना पड़ा.

आपको याद होगा पिछले साल समूची दुनिया में कोरोना फैलने के बाद पहली इंटरनेशनल सीरीज इंग्लैंड में हुई थी. शुरुआत में वेस्टइंडीज और पाकिस्तान की टीमों ने दौरा किया, लेकिन उन दिनों भी सब कुछ ठीक ठाक रहा. ज्योफ्रा आर्चर साउथएम्प्टन से आते हुए अपने घर ब्रिस्टल में कुछ समय के लिए रुक गए, तो उन्हें बबल ब्रीच के मामले में टेस्ट मैच से बाहर कर दिया गया. पाकिस्तान के एक प्लेयर ने पार्क में किसी फैन के साथ सेल्फी खिंचवाई, तो उन्हें आइसोलेशन में भेज दिया गया. इससे पहले सभी इंटरनेशनल टूर्नामेंट और पिछ्ला आईपीएल भी बेदाग़ निकल गया. लेकिन सच यह भी है कि इस तरह की सख्ती भारत में संभव नहीं है.  बताया गया है कि एक जगह पर कुछ वीआइपी ड्रेसिंग रूम तक चले गए.

भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड के अध्यक्ष सौरभ गांगुली ने हाल ही में कहा कि बायो सिक्योर ब्रीच कहाँ हुआ, कह पाना मुशिकल है, उनकी बात को समझा जा सकता है. लेकिन यही तो एकाउंटबिल्टी है. क्या यह ब्रीच कोलकता नाइट राइडर्स के बरुन चक्रबर्ती और संदीप वारियर से हुआ, या हवाई यात्रा से या फिर होटल से. अगर चक्रबर्ती और वारियर से हुआ होता तो 24 घंटे के अंदर अलग अलग टीमों के प्लेयर्स और ग्राउंड स्टाफ कैसे पॉजिटिव हो गए होते.

ऑस्ट्रेलियन क्रिकेट बोर्ड ने अपने प्लेयर्स से कहा है कि अगली बार से विदेशी लीग में खेलने से पहले वह चार बार सोच लें. ऑस्ट्रेलियाई बोर्ड की यह हिदायत भारतीय क्रिकेट के लिए अच्छी नहीं कही जा सकती. हालाकि बोर्ड ने प्लेयर्स और लीग से जुड़े बाकी लोगों की सकुशल वापसी के लिए हर संभव प्रयास किए हैं, लेकिन इस तरह के भयावह हालात को टाला जा सकता था.

इस बीच बताया जा रहा है की इंग्लैंड की कुछ काउन्टीस ने आईपीएल के बाकी बचे 31 मैचों की मेजबानी का प्रस्ताव दिया है. इक्का दुक्का और देशों ने भी इसमें रुचि दिखाई है. लेकिन वर्तमान हालात में इसकी कल्पना भी नही की जा सकती न भारत में और न भारत से बाहर. बोर्ड सितम्बर की विंडो तलाश रहा है. लेकिन विदेशी बोर्ड खासकर ऑस्ट्रेलिया, साउथ अफ्रीका, इंग्लैंड और न्यूज़ीलैंड टी20 वर्ल्ड कप से पहले क्या अपने प्लेयर्स को बचे हुए आईपीएल में शामिल होने की इजाज़त देंगे? लगता नहीं है. इस बात की भी संभावना है कि टी20 वर्ल्ड कप को अब यूएई शिफ्ट किया जाए. भारत की मेजबानी में होने वाले इस टूर्नामेंट से पहले यूएई में बाकी बचे मैच करा लिए जाएं. लेकिन हाल ही में बोर्ड ने ही कहा कि चौदहवें सीजन की मेजबानी का प्रस्ताव भी यूएई को दिया गया था, लेकिन उसके इनकार के बाद ही इसे भारत में कराने का निर्णय लिया गया. अगर यह सही है तो फिर टी20 की मेजबानी और बाकी बचे हुए आईपीएल मैचो के लिए भी वह क्यों तैयार होगा.

सो फिलहाल सभी कुछ अनिश्चित है. आईपीएल के बचे हुए मैच कब और कहां होंगे किसी को पता नहीं है. लेकिन हां जहां भी होंगे सिर्फ औपचारिकता ही होंगे,  इतना तय है. लीग के अचानक रुक जाने से उसका रोमांच भी जाता रहा है.

भारत में कोरोना के तांडव के बीच आईपीएल जैसे इवेंट का होना भी वक़्त के साथ ठीक नहीं लग रहा था, ऐसे में इसका फिलहाल स्थगित होना, हर नज़रिए से बेहतर है, सिवाय इसके की बोर्ड को इस स्थगन से करीब 2000 करोड़ का नुकसान उठाना पड़ेगा. ‘सुनो दिल से, आज के इस पॉडकास्ट में इतना ही. फिर मिलेंगे, अनुमति दीजिये. नमस्कार



Source link