क्वीन ऑफ पन्ना टाइगर रिजर्व: इस मां ने आबाद किया जंगल, 12 साल में 14 शावकों को जन्म दिया

क्वीन ऑफ पन्ना टाइगर रिजर्व: इस मां ने आबाद किया जंगल, 12 साल में 14 शावकों को जन्म दिया


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छतरपुर11 मिनट पहलेलेखक: घनश्याम पटेल

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2009 बांधवगढ़ से 3 साल की बाघिन टी-1 को पन्ना टाइगर रिजर्व में लाए।

  • आज पढ़िए ऐसी बाघिन की कहानी, जिसने बाघ विहीन होते मध्यप्रदेश काे बाघों की नई पीढ़ी दे दी
  • 2009 बांधवगढ़ से 3 साल की बाघिन टी-1 को पन्ना टाइगर रिजर्व में लाए

पन्ना टाइगर रिजर्व की बाघिन टी-1 ने बाघ विहीन होते मध्यप्रदेश को बाघों की नई पीढ़ी दी। पर्यटकों के बीच क्वीन ऑफ पन्ना टाइगर रिजर्व और शर्मिली के नाम से ख्यात इस बाघिन के 12 साल में पांच प्रसव हुए, 14 शावकों को जन्म दिया। इनमें से 12 जीवित है। ये सभी अब बड़े हो गए हैं और इनमें से कई ने भी शावकों को जन्म दे दिया है। बाघिन टी-1 का यहां 22 बाघ-बाघिन का कुनबा हो गया। टाइगर रिजर्व में अब कुल 70 बाघ है। डाकुओं के आतंक की वजह से पन्ना के बीहड़ों में बाघों का शिकार हो गया था। हालत ये हो गई कि 2005 आते-आते यह पूरा क्षेत्र बाघ विहीन हो गया।

2006 में खुद वन विभाग ने इसे बाघ विहीन क्षेत्र घोषित कर दिया। फिर कुछ सालों में डाकुओं के एनकाउंटर हो गए। 4 मार्च 2009 को बांधवगढ़ नेशनल पार्क से पहली बाघिन लाई गईं, इसका नाम टी-1 दिया गया। जब इसे लाए थे तो यह 3 साल की थीं। इसके बाद 4 बाघिन व 2 बाघ और लाए गए। टी-1 ने एक साल बाद 16 अप्रैल 2010 को चार शावकों को जन्म दिया। इनमें से दो की मौत हो गईं। इसके बाद 2016 तक चार बार और प्रसव हुए। अब तक कुल 14 शावकों को जन्म दे चुकी है। अब इस बाघिन की उम्र 15 साल हो गई हैं। फील्ड डायरेक्टर उत्तम शर्मा का दावा है कि पन्ना टाइगर रिजर्व में वर्तमान में 70 बाघ हैं।

2021 टी-1 अब 15 साल की हो गई हैं, कुछ दिन पहले अपने सबसे छोटे शावक के साथ बैठी दिखी थी।

2021 टी-1 अब 15 साल की हो गई हैं, कुछ दिन पहले अपने सबसे छोटे शावक के साथ बैठी दिखी थी।

2006: टाइगर विहीन घोषित कर दिया था पन्ना का बीहड़, अब यहां 70 बाघ-बाघिन, टी-1 का कुनबा 22 का

टाइगर रिजर्व में 16 अप्रैल को मनाते हैं बाघ जन्म दिवस
तीन साल की उम्र में पन्ना पहुंची बाघिन टी-1 ने 16 अप्रैल 2010 को पहले प्रसव में 4 शावकों को जन्म दिया था। पन्ना के जंगल के बाघ विहीन होने के बाद पहली बार शावक जन्में थे। इस कारण तब से हर साल पन्ना टाइगर रिजर्व में 16 अप्रैल को बाघ जन्म दिवस के रूप में मनाया जाता है।

2009 : क्वीन ऑफ पन्ना टाइगर रिजर्व को 4 मार्च को लाया गया, तब ये 3 साल की थीं।

2010: 16 अप्रैल को 4 शावकाें को जन्म दिया, दो की मौत, दो अब भी जीवित।
2012 : दूसरी बार प्रसव, 4 शावकों को जन्म दिया, सभी बड़े हो गए।

2014 : तीसरी बार मां बनी, 2 शावकों को जन्म दिया, जो बड़े हो गए।
2015 : चौथी बार प्रसव में 2 शावकों को जन्म दिया। ये भी अब बड़े हो गए।

2016 : पांचवीं और अंतिम बार प्रसव, 2 शावकों को जन्म दिया।

2021; टी-1 अब 15 साल की हो गई हैं, कुछ दिन पहले अपने सबसे छोटे शावक के साथ बैठी दिखी थी।

मेरी नजर में: क्वीन ऑफ पन्ना टाइगर रिजर्व

शर्मिला स्वभाव, शानदार शिकारी और बेहद केयरिंग मां हैं ये बाघिन
12 साल के दौरान मुझे 500 से ज्यादा बार बाघिन टी-1 को देखने का मौका मिला। अकेले और सभी शावकों के साथ मूवमेंट करते देखा है। पर्यटक सफारी आने पर कई बार यह अपना रास्ता बदल लेती है। इसकी वजह इसका शर्मिला स्वभाव है। यह बेहद केयरिंग मां भी है। टी-1 की सतर्कता के कारण कोई दूसरा बाघ उसके शावकों को नुकसान नहीं पहुंचा सका। टी-1 शानदार शिकारी भी है। सामान्यतः कोई बाघ 8-10 प्रयास में शिकार कर पाता है लेकिन टी-1 की विशेष क्षमता के कारण उसे 3-4 प्रयास में ही शिकार मिल जाता है। इस कारण उसके शावकों को कभी भूखा नहीं रहना पड़ा।
आरपी ओमरे, गाइड, पन्ना टाइगर रिजर्व

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