पचमढ़ी-पिपरिया में बेरोजगारी का आलम: पचमढ़ी जाने वाली टैक्सी के पहिए थमे, होटलें खाली

पचमढ़ी-पिपरिया में बेरोजगारी का आलम: पचमढ़ी जाने वाली टैक्सी के पहिए थमे, होटलें खाली


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पिपरियाएक घंटा पहले

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पिपरिया। पचमढ़ी का टूरिजम बंद होने सेे रोजगार का संकट।

पिछले साल की तरह इस वर्ष भी पचमढ़ी का टूरिस्ट सीजन कोरोना संक्रमण और लाॅकडाउन के कारण खत्म हो गया है। दो वर्ष पहले इन दिनों पचमढ़ी में हजारों की संख्या में टूरिस्ट आया करते थे और अब यह हालत है इक्का-दुक्का टूरिस्ट भी नहीं आ रहे हैं। पिपरिया और पचमढ़ी के बीच चलने वाली टैक्सी और यात्री बसों के पहिए थमकर रह गए हैं। पिपरिया से पचमढ़ी के बीच यात्री बसों के अलावा बड़ी संख्या में टैक्सी भी चला करती थीं।

यात्री बसों और टैक्सी से अनेक परिवारों को आजीविका मिलती थी। वहां टूरिस्ट ना आने से होटल खाली पड़ी हैं। पचमढ़ी लोकल में टूरिस्ट को घुमाने वाली जिप्सी के पहिए भी थमे हैं। पिपरिया और पचमढ़ी की अगर बात की जाए तो लगभग 2 हजार परिवार बेरोजगारी की मार झेल रहे हैं। यह सभी ऐसे परिवार हैं जिनके पास वैकल्पिक रूप से करने के लिए कोई दूसरा काम धंधा नहीं है। इसके चलते इन परिवारों की माली हालत खराब है।

पचमढ़ी में मंडलम कांग्रेस के अध्यक्ष नफीस खान कहते हैं कि पिछले साल की बेरोजगारी से परेशान चल रहे लोगों के लिए लगातार यह दूसरा साल आ गया है। नफीस खान ने कहा कि उनके द्वारा इस बारे में पत्राचार कर पचमढ़ी के स्थानीय लोगों के लिए सहायता की मांग की गई है। पिपरिया मैं टैक्सी कारोबार से जुड़े लोगों के लिए समाजसेवी वसीम वारसी, प्रशांत रघुवंशी के द्वारा भी स्थानीय प्रशासन से मांग की जा रही है।

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