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- Kuhu And Aayushi Face To Face, Kuhu Said I Have To Do The Last Rites, Aayushi Did Not Allow Her To Do The Last, The Advocates Said That This Death Should Be Investigated
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इंदौर3 मिनट पहले
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पोती खड़ी रही और बहू ने किया भय्�
भय्यू महाराज की मां कुमुदिनी देवी का शनिवार देर रात निधन हो गया। कुमुदिनी देवी भय्यू महाराज सुसाइड केस की अहम गवाह थीं। काफी समय से इंदौर के निजी अस्पताल में उनका इलाज चल रहा था। दादी की मौत की खबर सुनते ही कुहू रविवार को पुणे से इंदौर आ गई। वह सीधे मुक्तिधाम गई। यहां उसने दादी का अंतिम संस्कार करने की इच्छा जताई, लेकिन आयुषी ने नहीं करने दिया। कई घंटों तक दाह संस्कार के लिए विवाद भी चलता रहा।
जानकारी के मुताबिक कुमुदिनी देवी इंडेक्स मेडिकल कॉलेज में भर्ती थी। यहां उन्हें डायलिसिस दिया जाता था। रविवार सुबह मौत की खबर सुन कर कुहू दोपहर 3:00 बजे इंदौर पहुंची। शमशान जाते से ही आयुषी से उसने कहा कि उनके दादाजी और पिता भय्यू महाराज का अंतिम संस्कार भी कुबूल किया था, इसलिए हिंदू रीति रिवाज के हिसाब से उनको अंतिम संस्कार करने देना चाहिए, लेकिन वह शमशान में अकेली पड़ गई। आयुषी के साथ के लोगों ने कुहू को अंतिम संस्कार नहीं करने दिया।
आरोपी के वकीलों का आरोप
भय्यू महाराज सुसाइड मामले में आरोपी शरद और विनायक के वकील धर्मेंद्र गुर्जर और आशीष चौरे का कहना था, मौत की जांच होना चाहिए, क्योंकि मामले में उनकी मां कुमुदिनी के बयान होने थे, जो लंबे समय से लंबित थे। जैसे ही, उन्हें घटना की जानकारी मिली, अभियोजन ने आयुषी के साथ मिलकर कुमुदिनी देवी की गवाही नहीं कराने का आवेदन पूर्व में दिया था। वकील धर्मेंद्र गुर्जर का कहना था, आरोपी पक्ष से चर्चा करने के बाद वह इस मौत की जांच का आवेदन भी दे सकते हैं।