मदर डे पर विशेष: संक्रमित गर्भवती महिला के बच्चे को सकुशल दुनिया में लाने आठ डॉक्टरों की टीम 20-20 घंटे जुटी रही, ऑपरेशन से हुई बेटी

मदर डे पर विशेष: संक्रमित गर्भवती महिला के बच्चे को सकुशल दुनिया में लाने आठ डॉक्टरों की टीम 20-20 घंटे जुटी रही, ऑपरेशन से हुई बेटी


  • Hindi News
  • Local
  • Mp
  • Ujjain
  • Team Of Eight Doctors Spent 20 20 Hours To Bring Infected Pregnant Woman’s Child Safely, Daughter From Operation

Ads से है परेशान? बिना Ads खबरों के लिए इनस्टॉल करें दैनिक भास्कर ऐप

उज्जैनएक मिनट पहले

  • कॉपी लिंक

डाॅक्टरों की टीम पिंकी से चर्चा करते। इनसेट पिंकी की नवजात बच्ची।

  • पूर्व में आठ बच्चों की मौत हुई, नौवें बच्चे की सलामती के लिए आरडी गार्डी के डॉक्टरों ने जी-जान लगा दी

कोरोना काल में सांवरिया कॉलोनी बड़नगर की एक गर्भवती महिला को आरडी गार्डी मेडिकल कॉलेज के डॉक्टरों की टीम ने मदर डे का सबसे बड़ा तोहफा दिया है। दरअसल 30 वर्षीय पिंकी पति संजय यादव कोरोना संक्रमित है। उसके आठ बच्चों की पहले मौत हो चुकी हैं। यह सभी नवजात प्री-मेच्योर व गर्भपात के चलते दुनिया में आने से पहले ही दम तोड़ गए। पिंकी नाैवें बच्चे काे जन्म देने वाली थी लेकिन कई अस्पतालों ने उन्हें भर्ती करने से इनकार कर दिया। वजह थी पिंकी का कोरोना पॉजिटिव होना। ऐसे में मेडिकल कॉलेज के डॉक्टरों की टीम ने उसकी जिम्मेदारी ली।

कॉलेज के डॉ. सुधाकर वैद्य ने बताया कि पिंकी को 5 मई को भर्ती किया गया। जांच में शुगर का भी पता चला। ऐसे में यह केस सभी के लिए चुनौती बनता जा रहा था। बावजूद डॉक्टरों की टीम ने हार नहीं मानी। दो स्त्री रोग विशेषज्ञ, दो मेडिसिन विभाग के विशेषज्ञ और चार रेसिडेंट डॉक्टर पीपीई किट पहनकर 20-20 घंटे पिंकी की देखभाल में जुटे रहे। दिमाग में यह भी चल रहा था कि मदर डे आ रहा है, आठ बच्चों को खो देने के बाद यदि पिंकी की गोद में बच्चा आएगा तो वह पल उसके साथ-साथ हम सभी के लिए भी यादगार रहेगा।

पल-पल माॅनिटरिंग की
डॉ. वैद्य ने बताया डॉक्टरों की टीम नार्मल डिलीवरी चाह रही थी। इसके लिए कई टेस्ट किए, पल-पल की मॉनिटरिंग के अलावा कई बार चार वरिष्ठ विशेषज्ञों से मार्गदर्शन भी लिया। लेकिन समय बीतने के साथ गर्भ में पल रहे बच्चे की धड़कन तेज व ऊपर-नीचे होने लगी। ऐसे में वरिष्ठ विशेषज्ञ डॉक्टरों की सलाह पर टीम ने ऑपरेशन से डिलीवरी करवाना तय किया।

6 मई को ऑपरेशन से पिंकी ने बच्ची को जन्म दिया। टीम ने जब यह जानकारी पिंकी को दी तो उसकी खुशी का ठिकाना नहीं रहा। बोली- अब उसे भी कोई मां कहकर पुकारेगा। इधर पिंकी के पति संजय कहते हैं कि उन्हें विश्वास नहीं हो रहा है कि वे पिता बन गए हैं। बहरहाल बच्ची को आईसीयू में अलग से डॉक्टरों की निगरानी में मां का दूध पिलाया जा रहा है। मां की सेहत में भी लगातार सुधार है।

डॉक्टरों की इस टीम को सैल्यूट
डॉ. कल्पना महाडिक, डॉ. पीके राय, डॉ. राजिया सुल्ताना, डॉ. आशीष शर्मा, डॉ. विपिन पोरवाल, डॉ. रजनी पटेल, डॉ. निकिता सेन, डॉ. राखी पाटीदार, डॉ. प्रकृति सिसौदिया, डॉ. शेनी जोन, डॉ. शमा अफरोज व डॉ. देवेश मिश्रा। कोराेना काल के अप्रैल 2020 से मार्च 2021 तक 6़14 डिलीवरी : डॉ. सुधाकर वैद्य बताते हैं कि कोरोना काल में सर्वाधिक परेशानी गर्भवती महिलाओं को उठाना पड़ी हैं।

कई अस्पतालों ने संक्रमण के इस दौर में महिलाओं को भर्ती तक नहीं किया। ऐसे में मेडिकल कॉलेज में अप्रैल 2020 से मार्च 2021 तक 614 महिलाओं की डिलीवरी करवाई गई। इनमें से 311 की नार्मल व 303 की ऑपरेशन से डिलीवरी करवाई गई। अभी भी कुछ कोरोना पॉजिटिव गर्भवती महिलाएं यहां भर्ती हैं।

खबरें और भी हैं…



Source link