ममता की शक्ति: मस्तिष्क में ऑक्सीजन नहीं पहुंचने से अचेत था बच्चा, अब मां के स्पर्श से लाैटने लगी चेतना

ममता की शक्ति: मस्तिष्क में ऑक्सीजन नहीं पहुंचने से अचेत था बच्चा, अब मां के स्पर्श से लाैटने लगी चेतना


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हाेशंगाबाद2 मिनट पहलेलेखक: सुमित शर्मा

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  • वेंटीलेटर व ऑक्सीजन सपोर्ट से नहीं हुआ लाभ, अस्पताल ने किया डिस्चार्ज

कहते हैँ मां का स्पर्श बच्चों के लिए सबसे बड़ी दवा है। ऐसा ही एक मामला जिले के बाबई के आरी गांव का सामने आया है। जहां पर एक मां ने अपने स्पर्श से अपने अचेत बेटे में चेतना लाैटा दी है। आरी निवासी किराना व्यापारी संदीप साहू की पत्नी नेहा साहू 23 वर्ष का प्रसव का समय पूरा हाे गया था। 29 मार्च काे ठीक 9 महीने 2 दिन पूरे हाेने पर नेहा ने बेटे काे जन्म दिया। बच्चा जन्म के समय कम राेया। डाॅक्टराें ने पिता संदीप साहू काे बताया कि बच्चे के फेफड़ाें में पानी है।

बच्चे ने कुछ देर बाद उल्टी सांस लेना शुरू कर दिया। बच्चा अचेत था, उसकाे 2 दिन वेटीलेटर सपाेर्ट पर रखा गया। इसके बाद ऑक्सीजन सपाेर्ट पर रखा गया। इसके बाद बच्चे काे 7 दिनाें तक भाेपाल में बच्चाें के अस्पताल में भर्ती रखा, लेकिन बच्चें में सुधार की काेई उम्मीद नजर नहीं आई उन्हाेंने डिस्चार्ज कर दिया। हम बच्चे काे लेकर 13 अप्रैल काे हाेशंगाबाद जिला अस्पताल पहुंचे यहां पर बच्चे काे वेंटीलेटर पर रखा गया। डाॅक्टराें की निगरानी में सामान्य स्थिति हुई ताे 2 मई काे डिस्चार्ज कर दिया।

मां के स्पर्श से हाथ पैर चलाना शुरू किया
2 मई काे डिस्चार्ज हुआ तब बच्चा चेतन्य नहीं था, लेकिन अब मां के आंचल में लगातार रहने से चेतना लाैटने लगी है। 1 महीने 11 दिन के बच्चे से अभी मां का दूध पीते नहीं बनता है, निकालकर पिलाना पड़ता है। अब हाथ-पैर हिलाने लगा है। आवाज सुनता है लेकिन कैंचिंग पाॅवर अभी कम है।

मदर टच से बच्चा ठीक हो सकता है : डॉक्टर
जिला अस्पताल की शिशुराेग विशेषज्ञ डाॅ.कीर्ति दुबे ने बताया कि प्रसव के दाैरान बच्चा जन्म लेता तब उसके ब्रेन में ऑक्सीजन की कमी या नहीं पहुंचने से यह परेशानी आती है। ब्रेन काे कितनी क्षति हुई है यह उसके फाॅलाेअप में विकास समझ आएगी। लेकिन अभी मदर टच से बच्चा ठीक हाे सकता है। उसके फाॅलाेअप 15 दिन,1 महीने, 1.5 महीने में हाेना शुरू हाेगा। हम लगातार बच्चाें के विकास काे देखते हैं।

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