सड़क पर ‘जीवन रक्षक इंजेक्शन’: तेज धूप में रखे बॉक्स , 2 से 8 डिग्री में रखने का नियम, कहीं यही तो नहीं मौत के जिम्मेदार!

सड़क पर ‘जीवन रक्षक इंजेक्शन’: तेज धूप में रखे बॉक्स , 2 से 8 डिग्री में रखने का नियम, कहीं यही तो नहीं मौत के जिम्मेदार!


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इंदौरएक मिनट पहले

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तेज धूप में रखे हुए इंजेक्शन ।

रोजाना अस्पतालों से यह खबर आती है कि पेशेंट आईसीयू से जनरल वार्ड में शिफ्ट कर दिया गया था। लेकिन अचानक से उसकी हार्ट अटैक या अन्य कारणों से मौत हो गई। जीवन रक्षक इंजेक्शन को मौत के रूप में बेचने का ये नजारा इंदौर का है। जहां छोटी ग्वालटोली थाना क्षेत्र में भार्गव केमिस्ट होलसेल इंजेक्शनों के व्यापारी हैं। जिनके दुकान के बाहर हजारों की संख्या में डब्बे में इंजेक्शन रखे हुए थे। जब भास्कर के रिपोर्टर ने उनसे पूछा कि इन्हें फ्रीजर में रखना चाहिए तो उनका जवाब था कि हमारे परिचित भी प्रेस में हैं आप उनसे बात कर लीजिए।

इम्यूनोरल 5gm सॉल्यूशन फॉर इन्फ्यूजन नाम के यह इंजेक्शन अभी कोरोना के पेशेंट को दिए जा रहे हैं। जानकारों के मुताबिक एक व्यक्ति को रोजाना 25 ग्राम इंजेक्शन लगते हैं। इम्यूनोरल इंजेक्शन की शीशी में 5 ग्राम दवाई आती है जो लगभग 8 से 10 दिनों तक एक मरीज को दी जाती है। यदि कोविड पेशेंट को अधिक इंफेक्शन है तो यह इंजेक्शन अधिक मात्रा में भी लग रहे हैं। इस एक इंजेक्शन की एमआरपी 16 हजार के लगभग है, होल सेल में इसकी कीमत 7200 रूपए है। मृत व्यक्तियों के परिजनों के द्वारा यह भी बताया गया कि भार्गव केमिस्ट के यहां से इंजेक्शन लेकर हम जाते हैं लेकिन ना उनके पास कोई फ्रीजर है न किसी प्रकार की कोई व्यवस्था।

इम्यूनोरल 5gm सॉल्यूशन के बारें में नोडल अधिकारी अमित मालाकार ने बताया कि यह एंटीबॉडी का काम करता है और वर्तमान में कई कोरोना मरीजों को यह दिया जा रहा है। जब अधिकारी से पूछा गया कि क्या इंजेक्शनों को सड़क पर तेज धूप में रखा जा सकता है…? जिस पर मालाकार का कहना था यह सरासर गलत है और इस पर साफ निर्देश है कि 2 से 8 डिग्री तक ठंडे तापमान पर ही रखा जाना चाहिए। सड़कों पर रखे हजारों की तादाद में इंजेक्शनों की जानकारी इंदौर कलेक्टर मनीष सिंह को भी दी गई। लेकिन उनका कोई जवाब नहीं आया।

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