कांग्रेस MLA वानखेड़े को झोलाछाप पर भरोसा!: कहा- जनता का झोलाछाप डॉक्टरों पर यकीन, मौजूदा वक्त में इलाज करने की अनुमति दें

कांग्रेस MLA वानखेड़े को झोलाछाप पर भरोसा!: कहा- जनता का झोलाछाप डॉक्टरों पर यकीन, मौजूदा वक्त में इलाज करने की अनुमति दें


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उज्जैन2 घंटे पहले

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विधायक विपिन वानखेड़े

झोलाछाप डॉक्टरों पर ग्रामीणों को ज्यादा भरोसा है। इन झोलाछाप डॉक्टरों को कोरोना बीमारी के इलाज की ट्रेनिंग दी जाए और गांवों में इलाज की स्वीकृति दी जाएं। यह बात कांग्रेस से आगर विधायक विपिन वानखेड़े ने कही। उन्होंने इसी मंतव्य का एक पत्र कलेक्टर को भी लिखा है। सोशल मीडिया पर अपना एक वीडियो भी वायरल किया है। विधायक का यह बयान बेतुका इस वजह से माना जा रहा है कि कुछ दिन पहले ही बाप की डिग्री पर खेत में इलाज कर रहे एक डॉक्टर करीम खान के खिलाफ कार्रवाई की गई है।

विधायक ने झोलाछाप डॉक्टरों से कोरोना संक्रमितों का इलाज करवाने की पैरवी करते हुए इनके साथ शासकीय कर्मचारियों की ड्यूटी लगाने की मांग की। चर्चा यह है कि अगर विधायक खुद गांव गांव जाकर ग्रामीणों को कोरोना से लड़ने के उपाय और प्रोटोकॉल समझाने की कोशिश करते तो शायद बात समझ आती लेकिन इस तरह का बयान किसी भी सूरत में सही नहीं कहा जा सकेगा।

विधायक ने कहा कि कोरोना महामारी से रोजाना कई लोग अपनी जान गंवा रहे हैं। अस्पताल के बेड भर चुके है। दुनिया के बड़े बड़े वैज्ञानिक कोरोना से लड़ने के लिए दवा आज भी खोज रहे है। उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्र में हमारे परिवार के लोगों के मन में डर बैठा हुआ है। जितना डर कोरोना वायरस का है उससे ज्यादा डर कोविड सेंटर में जाने का है। ऐसे में झोलाछाप डॉक्टरों की सही उपयोगिता होनी चाहिए। ग्रामीण क्षेत्र की जनता का झोलाछाप डॉक्टरों पर विश्वास है। कोरोना जैसी महामारी में जितना इलाज की जरूरत है उतनी ही आत्मविश्वास की भी जरूरत है।

विधायक ने कहा कि इसलिए मैंने कलेक्टर से निवेदन किया है। झोलाछाप डॉक्टरों के साथ पटवारी और पंचायत सचिव एवं अन्य सरकारी कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई जाए। कोरोना के प्राथमिक उपचार की दवाइयां झोलाछाप डॉक्टरों को दी जाए। ऑक्सीमीटर दिया जाए। जिस मरीज की हालत गंभीर लगे उसे कोविड सेंटर हेतु भेज सकें’, यह मैंने सुझाव दिया है।

झोलाछाप डॉक्टर पर 5 मई को हुई थी कार्रवाई आपको बता दे की आगरा मालवा इलाके में 5 मई को धानियाखेडी गांव से करीब आधा किलोमीटर दूर से हैरान करने वाली तस्वीरें सामने आई थी। जहां पर मुख्य सड़क से 200 मीटर की दूरी पर स्थित संतरे के एक बगीचे में दरी पर मरीजों को लेटाकर झोलाछाप डॉक्टर इलाज कर रहे थे। यही नहीं पेड़ पर स्लाइन की बोतल लटका कर मरीजों का उपचार किया जा रहा था। झोलाछाप डॉक्टर पर कार्रवाई की गई थी। इसी जगह पर आसपास के करीब 10 गांव के मरीज बड़ी संख्या में अपना इलाज करवाने के लिए पंहुचे थे।

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