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भोपाल30 मिनट पहलेलेखक: मनोज जोशी
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तस्वीर कोलार रोड के ग्राम जीरी की है, यहां संक्रमण से बेफिक्र ग्रामीण एक शादी में थिरक रहे हैं। कोलार रोड, बैरसिया रोड और विदिशा रोड सहित अन्य क्षेत्रों के गांवों में भी स्थिति यही है। इन क्षेत्रों में भी लोगों के बीमार पड़ने और मृत्यु होने तक की खबरें हैं।
- डेढ़ महीने में तीन गुना बढ़े मरीज, शादी-मृत्यु भोज सब जारी, न मास्क न डिस्टेंसिंग, मरीज बेफिक्र घूम रहे
- छावनी गांव में एक हफ्ते में 10 लोगों की मौत, 50 ने टेस्ट कराया तो इनमें 10 पॉजिटिव निकले
गांवों में जिस तेजी से कोरोना फैल रहा है, उसने सरकार की चिंता बढ़ा दी है। भोपाल के आसपास के गांवों में हालात ऐसे हैं कि हर चौथे घर में सर्दी-खांसी, बुखार का मरीज है। न लोग टेस्ट करा रहे, न ही इलाज, क्योंकि यहां दोनों की व्यवस्था नहीं है। भास्कर ने 15 से ज्यादा गांवों का हाल जाना तो चौंकाने वाले तथ्य सामने आए। आदमपुर छावनी पंचायत के छावनी गांव में एक हफ्ते में 10 लोगों की मौत हो चुकी है।
सभी मृतकों को सर्दी-खांसी थी। यहां टेस्ट को लेकर वे ही लोग जागरूक हैं, जिनके घर मौत हुई है। बीमार इसे मोतीझरा (टायफाइड)समझकर झोलाछाप डॉक्टरों से इलाज करा रहे हैं तो गंभीर मरीजों के इलाज के लिए जादू-टोने किए जा रहे हैं। रायसेन रोड, सीहोर रोड, भदभदा रोड, कोलार रोड के इन गांवों में एक जैसे हालात हैं। शादी और मृत्युभोज में भीड़ जुट रही है। लोग पहले की तरह इकट्ठा हो रहे हैं। न सोशल डिस्टेंसिंग का ख्याल है, न ही मास्क का।
भदभदा रोड : गांव में 250 परिवार, इनमें 50 में मरीज
डोबरा, खाकरडोल, रसूलिया, समसगढ़, समसपुरा, भानपुर गांवों के लोग नीलबड़, सूरज नगर में झोलाछाप डॉक्टरों से इलाज करा रहे हैं। यहां के 25% परिवारों में कोई न कोई बीमार है। 250 परिवारों के केकड़िया गांव में 50 से ज्यादा परिवार में सर्दी-बुखार के मरीज हैं। यहां स्कूल में क्वारेंटाइन सेंटर बना है, लेकिन सिर्फ पलंग पड़े हैं, इसलिए खाली है। हालत बिगड़ने पर भोपाल के कोटरा, नेहरू नगर, जवाहर चौक क्षेत्र के अस्पतालों में भर्ती हो रहे हैं।
रायसेन रोड; एक ही परिवार में चार संक्रमित, दो की मौत
छावनी गांव में पिछले हफ्ते एक ही दिन में सर्दी-बुखार के 4 मरीजों की मौत हुई थी। सब झोलाछाप डॉक्टरों से इलाज करा रहे थे। एक महीने में दो संक्रमितों की मौत हो चुकी है। चोपड़ा में भी एक संक्रमित की जान जा चुकी है। इस क्षेत्र के जागरूक युवा प्रशांत ठाकुर बताते हैं कि आदमपुर छावनी में कैंप लगाकर जांच कराई गई तो 50 में से 10 संक्रमित मिले। बिलखिरिया में 20 में से 12 की रिपोर्ट पॉजिटिव आई।
ग्राम पडरिया में एक परिवार में बुजुर्ग महिला को कोरोना के लक्षण थे, लेकिन मोतीझरा (टाइफाइड) समझकर गांव के झोलाछाप डॉक्टर से इलाज कराते रहे। हालत बिगड़ी तो भोपाल में लाए। यहां पूरा परिवार पॉजिटिव निकला। बुजुर्ग महिला और उनकी बहू की मौत हो चुकी है।
5 गांव में 3 हफ्ते में 2539 मरीजों में कोरोना के लक्षण, 87 पॉजिटिव; बैरसिया में 20 दिन में 555 संक्रमित, गुनगा में 37 दिन में 26
- भोपाल से सटे पांच गांवों में बीते तीन हफ्ते में 2539 लोगों में कोरोना के लक्षण मिले हैं। इनमें से 87 संक्रमित हो चुके हैं। इन्होंने फीवर क्लीनिक में सर्दी-बुखार की शिकायत पर कोरोना टेस्ट कराया था।
- जिले के सबसे बड़े गांव बैरसिया में 15 अप्रैल को 115 संक्रमित थे। जो 16 अप्रैल से अब तक 670 हो गए हैं।
- एनएचएम की फीवर क्लीनिक सैंपलिंग और टेस्टिंग रिपोर्ट के मुताबिक अप्रैल-मई में गांवों में 200 से ज्यादा मरीज मिल चुके हैं। इनमें 47 मरीज कोलुआकलां के हैं।
- बैरसिया रोड के खारखेड़ी गांव में दो महीने में 35 संक्रमित मिले हैं। ये वे लोग हैं, जिन्होंने टेस्ट कराया। गुनगा गांव की आबादी 7 हजार है। यहां 1 अप्रैल से 7 मई तक 26 संक्रमित मिले। सभी होम आइसोलेशन में हैं। 9 स्वस्थ हो चुके हैं।
