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- Oxygen Plant Was To Be Built In 21 Days, Only Shed Could Be Built In 18 Days, Now Waiting For Machinery
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भिंड22 मिनट पहले
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कोविड का असर… 15 दिन पहले रोज 70 ऑक्सीजन सिलेंडर लग रहे थे, अब 200 से 225।
- प्लांट लगाने की जिम्मेदारी सरकार ने औरंगाबाद की जिस कंपनी को दी, वह भिंड ही नहीं आई
- दावा- मई के अंत तक शुरू कर देंगे प्लांट
जिला अस्पताल परिसर में ऑक्सीजन की पूर्ति के लिए बनाए जा रहे ऑक्सीजन प्लांट का काम सुस्त है। इस प्लांट को 21 दिन में चालू करने का लक्ष्य रखा गया था लेकिन 18 दिन में सिर्फ प्लांट का प्लेटफार्म और टीनशेड (सिविल वर्क) बनकर तैयार हो पाया है। अब अस्पताल प्रबंधन प्लांट की मशीनरी आने का इंतजार कर रहा है। बता दें कि कोरोना काल में जिला अस्पताल में ऑक्सीजन की मांग बढ़ गई है।
रोज 200 से 225 ऑक्सीजन सिलेंडर की खपत हो रही है। अभी ऑक्सीजन की पूर्ति मालनपुर स्थित सूर्या ऑक्सीजन जनरेशन प्लांट और आरआर गैस से की जा रही है। साथ ही भविष्य की जरूरत को देखते हुए अस्पताल परिसर में दो ऑक्सीजन प्लांट लगाए जा रहे हैं, जिसे 21 दिन में चालू करने का लक्ष्य 20 अप्रैल को कलेक्टर डॉ. सतीश कुमार एस और एसपी मनोज कुमार सिंह ने सीएमएचओ डॉ. अजीत मिश्रा और पीआईयू के कार्यपालन यंत्री पंकज परिहार को दिया था। लक्ष्य के अनुरूप पीआईयू ने प्लेटफार्म और टीनशेड बना दिया है ।
जिस कंपनी पर जिम्मेदारी, उसने अब तक नहीं भेजीं प्लांट के लिए मशीन
ऑक्सीजन जनरेशन प्लांट को लगाने की जिम्मेदारी औरंगाबाद की एरोक्स कंपनी को दी है। प्लांट का सिविल पूरा होने के संबंध में सीएमएचओ कार्यालय से कंपनी को जानकारी भी भेज दी गई है। करीब एक सप्ताह बाद भी कंपनी ने प्लांट के लिए जरूरी मशीन नहीं भेजी हैं। बताया जा रहा है कि जिस एरोक्स कंपनी को प्लांट लगाने की जिम्मेदारी दी गई है, उस पर प्रदेश के अन्य 31 जिलों का काम भी है। हालांकि जिला अस्पताल के इंजीनियर अमित शाक्यवार का दावा है कि इस महीने के अंत तक प्लांट चालू हो जाएगा।
प्लांट के लिए अस्पताल प्रबंधन दूसरी कंपनी से भी कर रहा बात
सिविल सर्जन डॉ. अनिल गोयल ने बताया कि ऑक्सीजन जनरेशन प्लांट लगाने के लिए एरोक्स के साथ साथ गेल कंपनी से भी अस्पताल प्रबंधन की बातचीत चल रही है। इसे अलावा नाइट्रोक्स कंपनी से भी संपर्क किया जा रहा है। डॉ. गोयल का कहना है कि जो भी कंपनी पहले मशीनरी उपलब्ध कराएगी, उसे जिम्मेदारी दी जाएगी। यहां बता दें कि जिला अस्पताल में दो ऑक्सीजन जनरेशन प्लांट लगाए जाना है, जिसमें एक प्रदेश सरकार तथा दूसरा मालनपुर में संचालित इंडस्ट्रीज के सीएसआर फंड से स्थापित कराया जा रहा है।
15 दिन में ऑक्सीजन की तीन गुना मांग बढ़ गई, इसलिए दिक्कत बढ़ी
प्रदेश के महानगरों के साथ पड़ोसी राज्यों में ऑक्सीजन की किल्लत पैदा होने के बाद जिला अस्पताल में ऑक्सीजन की मांग वाले मरीजों की संख्या बढ़ गई है। 15 दिन पहले तक जिला अस्पताल में आईसीयू सहित कुल 82 ऑक्सीजन सपोर्ट वाले पलंग थे लेकिन पिछले 15 दिन से मरीजों की बढ़ती संख्या देखकर ऑक्सीजन सपोर्ट वाले पलंगों की संख्या 175 हो गई है। वहीं 15 दिन पहले जिला अस्पताल में रोज 60 से 70 सिलेंडर ऑक्सीजन खर्च हो रही थी। अब रोज 200 से 225 सिलेंडर ऑक्सीजन खर्च हो रही है।
चार वार्डों में लगाया सेंट्रल ऑक्सीजन सिस्टम
अस्पताल में ऑक्सीजन जनरेशन प्लांट लगने से पहले प्रबंधन ने वार्डों में सेंट्रल ऑक्सीजन सिस्टम लगवाना शुरू कर दिया है। नेत्र वार्ड में 14 बेड पर सिस्टम के प्वाइंट दे दिए गए हैं। सर्जिकल वार्ड में भी 20 बेड पर प्वाइंट लग गए हैं। 32 पलंग पर लगाए जाना हैं।
मई अंत तक एक प्लांट चालू कर लेंगे
^एरोक्स कंपनी को वर्क ऑर्डर हो गया है। अब कंपनी को आकर काम शुरू करना है। कंपनी क्यों लेट कर रही है, इस संबंध में बातचीत करेंगे। हमारी नाइट्रोक्स कंपनी से भी बात चल रही है। मई अंत तक हम एक प्लांट चालू कर लेंगे। -डॉ. अजीत मिश्रा, सीएमएचओ, भिंड