18 प्लस वर्ग के युवाओं का डाटा वायरल: मोबाइल, पेनकार्ड व आधार नंबर हुए सार्वजनिक, साइबर क्राइम व ऑनलाइन ठगी की संभावना बढ़ी

18 प्लस वर्ग के युवाओं का डाटा वायरल: मोबाइल, पेनकार्ड व आधार नंबर हुए सार्वजनिक, साइबर क्राइम व ऑनलाइन ठगी की संभावना बढ़ी


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होशंगाबाद6 मिनट पहले

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शासकीय गर्ल्स स्कूल के बोर्ड पर चस्पा सूची।

कोविड वैक्सीनेशन के तीसरे चरण में स्वास्थ्य विभाग ने 18 से 44 साल के लोगों का डाटा सार्वजनिक कर दिया है। मोबाइल नंबर, नाम, आधार और पेनकार्ड नंबर सार्वजनिक रुप से वायरल होने से नई समस्या आ खड़ी है। पेनकार्ड, आधार और मोबाइल नंबर वायरल होने से इनके साथ साइबर क्राइम, ऑनलाइन बैकिंग ठगी के अपराध होने की आशंका है। युवती व महिला वर्ग के लिए सबसे ज्यादा परेशानी का कारण है।

जिले में 5 मई से 18 से 44 साल के युवाओं को कोविड वैक्सीन के डोज लगा रहे। अब तक में 700 लोगों का डाटा सार्वजनिक हो चुका है। टीकाकरण केंद्र पर भीड़ न लगे इसलिए वरिष्ठ अफसरों ने टीका लगाने वाले लोगों की सूची नोटिस बोर्ड पर चस्पा दी। ताकि जिनके सूची में नाम न हो। वे जबरन भीड़ लगाकर न खड़े रहे। वैक्सीनेशन केंद्र पर कई लोग बोर्ड में चस्पा सूची की फोटो क्लिक कर व पीडीएफ फाइल की सूची सोशल मीडिया पर वायरल रहे है। ऐसे में इन जानकारियों के माध्यम से ऑनलाइन ठगी व साइबर अपराध होने की आशंका है। कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए विभाग के अफसरों मंशा तो ठीक है। लेकिन उसका मिस यूज अधिक हो सकता है।

युवा बोले, आधे नंबर पर क्रास चिन्ह लगा दें

युवा सोपनिता पवार ने बताया बोर्ड पर लगी सूची में नाम के साथ मोबाइल, आधार नंबर लिखा है। ऐसे में साइबर व ऑनलाइन अपराध बढ़ सकते है। विभाग को मोबाइल, आधार या पेनकार्ड के आधे नंबर पर क्रास करना चाहिए। जितेंद्र बड़वानिया ने कहा सूची में नाम के साथ आखिरी के चार नंबर लिखे जाएं। जिससे मिस यूज न हो सकें।

ओटीपी बताने पर बढ़ सकती परेशानी

सायबर सेल प्रभारी एसआई सुरेश फरकले ने बताया मोबाइल, आधार, पेनकार्ड सार्वजनिक होने से कोई बड़ी समस्या नहीं। लेकिन कई बार फर्जी मैसेज की लिंक भेज, कॉल कर ओटीपी मांगा जाता है। ओटीपी बताने पर आपके लिए परेशानी खड़ी हो जाती। इसलिए ओटीपी न बताएं।

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