jabalpur. गिरफ्तारी से बचने के लिए मोखा ने पहले हार्ट अटैक और फिर कोरोना होने का बहाना बनाया.
Jabalpur. 2 दिन की जांच के बाद कई सवाल खड़े हो रहे हैं. क्या एक उद्योगपति और एक इतने बड़े अस्पताल का मालिक अपने ही मरीज़ों के साथ ऐसा घिनौना काम कर सकता है. उनकी जान से खेल सकता है.

कहां से जुड़े हैं तार जांच अधिकारी ने स्पष्ट किया कि नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन का यह रैकेट बड़ा भी हो सकता है. क्या यह इंजेक्शन सिर्फ 500 थे या इसका दायरा और अधिक है और कौन-कौन लोग इस रैकेट में शामिल थे. जैसे जैसे इन सब बातों का खुलासा होगा बाकी लोगों की गिरफ्तारी भी होगी. 7 मई को रैकेट का खुलासा
गुजरात से नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन मध्य प्रदेश में सप्लाई होने का कनेक्शन 7 मई को सामने आया था. जब गुजरात पुलिस सपन जैन नाम के दवा व्यापारी को यहां के आधारताल इलाके से पकड़कर रातों-रात गुजरात ले गई थी. अपने बयान में सपन ने सिटी अस्पताल के संचालक सरबजीत सिंह मोखा का नाम लिया था जो नकली इंजेक्शन बुलवाकर अपने ही अस्पताल में भर्ती मरीजों को लगवाता था. अपने ही मरीज़ों की जान से खिलवाड़ 2 दिन की जांच के बाद कई सवाल खड़े हो रहे हैं. क्या एक उद्योगपति और एक इतने बड़े अस्पताल का मालिक अपने ही मरीज़ों के साथ ऐसा घिनौना काम कर सकता है. उनकी जान से खेल सकता है. ऐसा शक है कि हजारों की तादाद में नकली इंजेक्शन शहर में ही खपाए गए हैं जो बाद में आसपास के जिलों में भी सप्लाई किये गए. पुलिस सारे सिरे तलाश रही है. उसे उम्मीद है जल्द ही अन्य आरोपी भी उसकी गिरफ्त में होंगे. फिलहाल पुलिस सरबजीत सिंह मोखा की रिमांड के लिए अदालत में आवेदन देगी ताकि उससे पूछताछ की जा सके.