नेशनल टेक्नोलॉजी-डे: कॉलेजों की हाईटेक लैब बंद, घरों से ही जारी हैं टेक्नो इनोवेशंस, ताकि कोविड के बाद का दौर हो ज्यादा बेहतर

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भोपाल4 मिनट पहले

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  • मैनिट, सिस्टेक और एलएनसीटी के प्रोफेसर और स्टूडेंट्स तैयार कर रहे हैं तरह-तरह की यूजफुल डिवाइस

11 मार्च को इंडिया नेशनल टेक्नोलॉजी-डे मनाता है। लेकिन, सालभर से देश के सभी इंजीनियरिंग कॉलेजों की लैब्स बंद हैं। स्टूडेंट्स अपने घरों पर ऑनलाइन पढ़ाई कर रहे हैं। ऐसे में टेक्नोलॉजी बेस्ड इनोवेशन करना थोड़ा मुश्किल महसूस होता है। लेकिन, अगर असुविधाओं के बीच भी कुछ कर दिखाने का जज्बा हो, तो उसे कठिन से कठिन समय भी रोक नहीं सकता। कुछ ऐसा ही साबित कर दिखाया शहर के टेक्नो-लवर्स ने। बीते पैंडेमिक ईयर में कोविड-19 को मात देने से जुड़े इनोवेशंस तो हुए ही, कई ऐसे प्रयोगों पर भी काम किया गया, जो महामारी से अलग देश में महिला सुरक्षा, किसानों के विकास और पर्यावरण को बचाए रखने की दिशा में देश को एक नई दिशा देने वाले हैं।

स्मार्ट वुमन सेफ्टी टॉर्च
सिस्टेक में फैकल्टी मेम्बर्स डॉ. आशीष सिंघल, कविता कुश्वाहा के गाइडेंस पर आकांक्षा पटेल, आकाश भालावी, मीनू कुमारी और विजय प्रजापति ने सेफ्टी टॉर्च तैयार की। डॉ. आशीष सिंघल कहते हैं, फीमेल्स सड़कों पर खुद को सुरक्षित महसूस करें, इसके लिए एक वुमन सेफ्टी टॉर्च तैयार की है। इसमें सिर्फ एक ही स्विच से सामने वाले के चेहरे पर लाइट पड़ेगी, उसे इलेक्ट्रिक शॉक लगेगा और परिचितों-पुलिस को जीपीएस लोकेशन शेयर होगी, ताकि पता चले महिला कहां डेंजर में है। सेफ्टी बजर भी, आसपास के लोगों से मदद मिले।

बनाई एआई बेस्ड एग्रो किट

एलएनसीटी कॉलेज डॉ. विवेक रिझारिया के गाइडेंस में हर्षवर्धन धोटे, अखिल किंकर, आदिति गुड़ाधे और अक्षय धोटे ने मिलकर फार्मिंग किट तैयार की। यह किट न्यूएज फार्मर्स के लिए है। आर्टिफीशियल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग पर आधारित टूल खेत में मिट्‌टी के अंदर मौजूद न्यूट्रिएंट्स सोडियम, पोटैशियम और नाइट्रोजन को मांप कर यह बताता है कि, अब कौन सी फसल लगानी चाहिए, कितना पानी चाहिए, कौन सी खाद डाली जाए..

ट्रेडमिल साइकिल, सेहत बनाते हुए जाएं ऑफिस

मैनिट के प्रोफेसर डॉ. गजेन्द्र दीक्षित और इंजीनियर शरद शर्मा के साथ मिलकर ई-साइकिल बनाई है, जो आपकी फिटनेस के साथ पर्यावरण का भी ख्याल रखेगी। यह असल में ट्रेडमिल से इंस्पायर्ड है। साइकिल पर बैठने की बजाय आपको खड़े होकर जाना होता है। इसमें बने वॉक-पैड पर जितनी ज्यादा वॉक करेंगे, उतना ही लंबा सफर साइकिल तय करेगी। इसमें बैटरी का ऑप्शन भी दिया गया है, ऐसे में यदि आप वॉक न करना चाहें, एक बार चार्ज होने पर 35 किलोमीटर का सफर कर सकते है।

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