MP में नकली दवा और इंजेक्शन बेचने वालों को होगी उम्र कैद, सरकार ने तैयार किया प्रस्ताव

MP में नकली दवा और इंजेक्शन बेचने वालों को होगी उम्र कैद, सरकार ने तैयार किया प्रस्ताव


सरकार ने मसौदा विभाग के पास भेजा है. मंज़ूरी मिलते ही फैसला ले लिया जाएगा.

Bhopal. मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा ऐसे लोगों के खिलाफ न केवल सख्त कार्रवाई की जाएगी बल्कि इनकी संपत्ति भी जब्त कर माफिया को नेस्तनाबूद कर दिया जाएगा.

भोपाल. मध्यप्रदेश में ड्रग माफिया (Drug mafia) पर नकेल कसने के लिए सरकार उम्र कैद की सजा दिलाने का प्रावधान कर रही है. खुद प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा (Narottam Mishra) ने इसका ऐलान किया. कोरोना संकट काल में भी नकली दवा और इंजेक्शन के बढ़ते कालाबाज़ार के कारण सरकार अब ड्रग माफिया के खिलाफ सख्ती के मूड में है. गृह मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने कहा सरकार विचार कर रही कि प्रदेश में नकली दवाइयों का गोरखधंधा करने वालों के लिए उम्र कैद का प्रावधान किया जाए. उन्होंने बताया नकली दवा-इंजेक्शन का कारोबार करने वाले इंसानियत के दुश्मनों के विरुद्ध कानूनी कार्रवाई के लिए कानून में संशोधन करने विधि विभाग से परामर्श लिया जा रहा है. विधि विभाग को भेजा प्रस्ताव नरोत्तम मिश्रा ने कहा सरकार पूरी सख्ती के साथ नकली दवा बेचने वालों के खिलाफ कार्रवाई करेगी. अभी नकली दवा बेचने वालों पर राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम के तहत कार्रवाई की जा रही है. लेकिन जल्द इसे खाद्य अपमिश्रण अधिनियम के अंतर्गत भी लाया जाएगा. खाद्य अपमिश्रण अधिनियम में इस तरह का कृत्य करने वालों के खिलाफ आजीवन कारावास की सजा का प्रावधान है. उन्होंने कहा कि इसके लिए विधि विभाग को मसौदा भेजा जा रहा है. विभाग से अंतिम रूप दिए जाने के बाद इसे कानून में शामिल कर लिया जाएगा. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान  स्वयं ऐसे लोगों के विरुद्ध कठोरतम कार्रवाई के संकेत दे चुके हैं.

संपत्ति भी की जाएगी जब्त मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा ऐसे लोगों के खिलाफ न केवल सख्त कार्रवाई की जाएगी बल्कि इनकी संपत्ति भी जब्त कर माफिया को नेस्तनाबूद कर दिया जाएगा. गृह मंत्री ने स्पष्ट किया है कि नकली दवा बेचना जघन्य अपराध है और जो लोग ऐसा करते हैं, उनके खिलाफ सरकार सख्त से सख्त कार्रवाई करने जा रही है. उन्होंने बताया अब तक एक दर्जन से ज्यादा लोगों के खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत कार्रवाई की जा चुकी है. अस्पतालों के लाइसेंस भी निरस्त किए गए हैं.









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