नई दिल्ली. भारत के ‘चाइनामैन’ गेंदबाज कुलदीप यादव (Kuldeep Yadav) ने पिछले छह महीने में एक टेस्ट मैच और दो वनडे मैच खेले हैं. उन्हें भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड के वार्षिक अनुबंध में डाउनग्रेड किया गया. इसके साथ ही इंडियन प्रीमियर लीग में कोलकाता नाइट राइडर्स के लिए उन्हें प्लेइंग इलेवन में भी जगह नहीं मिल पाई. भारत के इस 26 वर्षीय स्पिनर के लिए यह पिछले छह महीने सबसे कठिन रहे. इसके अलावा कुलदीप यादव का भविष्य अनिश्चित है, क्योंकि उन्हें इंग्लैंड दौरे के लिए नहीं चुना गया है. कुलदीप यादव ने इंडियन एक्सप्रेस को दिए इंटरव्यू में अपनी बॉलिंग, खराब परफॉर्मेंस, डिप्रेशन, आईपीएल, महेंद्र सिंह धोनी को लेकर कई बातें शेयर कीं. कुलदीप यादव ने बताया कि पिछले 12 महीने उनके अच्छे नहीं रहे. मैंने जितना उम्मीद की थी, उतने मैच नहीं खेल पाया. इसके साथ ही मेरा आत्मविश्वास भी कहीं ना कहीं नीचे गिरा. कुलदीप यादव ने कहा, ”जितना मैं बाहर होता गया, यह उतना ही मुश्किल होता गया. जब मैंने इस फरवरी में चेन्नई में इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट खेला तो मुझे खुद पर बहुत दबाव महसूस हुआ.” इस स्पिनर ने इससे पहले अपना अंतिम टेस्ट मैच जनवरी 2019 में खेला था. इंग्लैंड के बाद न्यूजीलैंड के खिलाड़ी भी नहीं खेलेंगे आईपीएल 2021 के बचे हुए मैच! उन्होंने कहा, ”कोविड-19 की वजह से कहीं कुछ नहीं हो रहा था. ऐसे में चीजें और भी मुश्किल हो गई, यहां तक कि पिछले साल के मुकाबले से भी ज्यादा. यह मेरा बेस्ट पीरियड नहीं था.” कुलदीप यादव ने कहा, ”मैं दबाव महसूस कर रहा था. कई बार मुझे ऐसा लगता है कि क्या चल रहा है? यह बहुत मुश्किल वक्त था. कई बार मेरा दिमाग कहता था कि अब शायद वो कुलदीप नहीं रहा. कई बार मुझे लगता था कि नहीं, मैं वही पुराना कुलदीप हूं और मौके का इंतजार करने लगता था.”कुलदीप ने आगे कहा, ”ऐसे दिन थे जब आप ड्रिंक देने में अच्छा महसूस करते थे और बेंच पर होना सबसे अच्छा होता है. ऐसा लगता था- यार ये तो बेस्ट सीट है अपने लिए और उसके बाद, लेकिन ऐसे दिन आते हैं, जब आप उस जगह पर नहीं होना चाहते हैं. मुझे लगता है कि मुझे वहां खेलना चाहिए था. मैं अपने आपको हर वक्त मोटिवेट करने की कोशिश करता हूं. मैं खुश रहने की कोशिश करता हूं और महसूस करता हूं कि मैं अच्छी बॉलिंग कर रहा हूं. कहीं न कहीं आत्मसंदेह है. यह सभी के साथ होता है. मैंने खुद से सवाल करना शुरू कर दिया था. उन्होंने आगे कहा, ”दूसरे मेरे बारे में क्या कह रहे हैं, मैंने इस पर फोकस करना शुरू कर दिया था. बजाय खुद को सपोर्ट करने के और अपने दिमाग में शक ना लाने के. मैंने अपने कोच कपिल पांडे से बात की और टीम के बॉलिंग कोच भरत अरुण से भी बात की. एक बात जो उन्होंने मुझसे कही वो यह थी कि तुम बस प्रक्रिया को फॉलो करो, बाकी सब खुद ही अपनी जगह पर हो जाएगा.” उन्होंने कहा कि कोई भी खिलाड़ी बेंच पर नहीं बैठना चाहता है. टीम की जीत में हर कोई भागीदार बनना चाहता है. कई बार टीम का कॉम्बिनेशन बड़ी भूमिका निभाता है. कभी-कभी स्थिति ऐसी होती है कि व्यक्ति को बाहर बैठना पड़ता है. ऐसी चीजें किसी के हाथ में नहीं हैं. मैच फिक्सिंग मामले में फंसे पाकिस्तानी बल्लेबाज उमर अकमल ने इजरायल को बताया आतंकवादी देश
कोच भरत अरुण ने कुलदीप यादव को कुछ सलाहें दीं, जिनके बारे में बताते हुए स्पिनर ने कहा, ”मेरी गेंदबाजी में कुछ छोटी चीजें थीं. हमने एंगल और मेरी गेंदबाजी में गति के इस्तेमाल को लेकर बात की. मैंने रवि भाई और विराट कोहली से भी बात की. उन्होंने मुझे कहा कि मुझे ज्यादा सोचने की जरूरत नहीं है. अरुण सर ने कहा कि टीम संयोजन की मांग कुछ और है. इस समय टीम की आवश्यकताएं अलग हैं. अपनी गेंदबाजी खामियों पर बात करते हुए कुलदीप यादव ने कहा, ”ऐसा कई बार होता है. मैंने यह उम्मीद की कि बहुत तेजी से गेंद करने पर बल्लेबाज को गेंद तक पहुंचने का समय नहीं मिलता. मैंने गति के साथ बॉलिंग करने की कोशिश की और जाना कि यह मेरी ताकत नहीं है. इंग्लैंड के खिलाफ मैंने यह गलती की. मैंने महसूस किया कि मैं राशिद खान नहीं हो सकता, जो गति के साथ स्पिन करता है. मेरी ताकत फ्लाइट, हवा के साथ खेला और टर्न है. मुझे इसे पर भी कायम रहना चाहिए. मैं धीमी गेंदबाजी के कारण सफल रहा हूं. कभी-कभी गति के साथ गेंदबाजी करना भिन्नता के रूप में अच्छा हो सकता है, लेकिन लंबे समय में यह मुझे वहां नहीं ले जा सकता, जहां मैं जाना चाहता हूं.”
कोच भरत अरुण ने कुलदीप यादव को कुछ सलाहें दीं, जिनके बारे में बताते हुए स्पिनर ने कहा, ”मेरी गेंदबाजी में कुछ छोटी चीजें थीं. हमने एंगल और मेरी गेंदबाजी में गति के इस्तेमाल को लेकर बात की. मैंने रवि भाई और विराट कोहली से भी बात की. उन्होंने मुझे कहा कि मुझे ज्यादा सोचने की जरूरत नहीं है. अरुण सर ने कहा कि टीम संयोजन की मांग कुछ और है. इस समय टीम की आवश्यकताएं अलग हैं. अपनी गेंदबाजी खामियों पर बात करते हुए कुलदीप यादव ने कहा, ”ऐसा कई बार होता है. मैंने यह उम्मीद की कि बहुत तेजी से गेंद करने पर बल्लेबाज को गेंद तक पहुंचने का समय नहीं मिलता. मैंने गति के साथ बॉलिंग करने की कोशिश की और जाना कि यह मेरी ताकत नहीं है. इंग्लैंड के खिलाफ मैंने यह गलती की. मैंने महसूस किया कि मैं राशिद खान नहीं हो सकता, जो गति के साथ स्पिन करता है. मेरी ताकत फ्लाइट, हवा के साथ खेला और टर्न है. मुझे इसे पर भी कायम रहना चाहिए. मैं धीमी गेंदबाजी के कारण सफल रहा हूं. कभी-कभी गति के साथ गेंदबाजी करना भिन्नता के रूप में अच्छा हो सकता है, लेकिन लंबे समय में यह मुझे वहां नहीं ले जा सकता, जहां मैं जाना चाहता हूं.”