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- Infection Increased After Reducing Some, 666 New Patients, 7 Died In 24 Hours In The Record, 5942 Active Cases
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जबलपुर3 घंटे पहले
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24 घण्टे में 7 लोगों की मौत हेल्थ बुलेटिन में बताई जा रही है।
कोरोना वायरस शहर में नियंत्रित कब होगा, इसका आकलन कर पाना अभी एकदम कठिन है। हेल्थ बुलेटिन में जो मरीजों की संख्या सामने आ रही है वह हर दिन ऊपर नीचे होती दिख रही है। बैकलॉग के आधार पर रिपोर्ट सामने आती है इसमें कम और ज्यादा संख्या में पीड़ित सामने आ रहे हैं।
बीते दिन कोरोना पीड़ितों की संख्या कुछ कम थी, इसमें 540 मरीज सामने आए थे, तो मंगलवार को यह संख्या फिर बढ़ गई। मंगलवार को 666 व्यक्ति इस संक्रमण से ग्रसित होकर सामने आए। इस दौरान 670 लोगों को अस्पतालों से डिस्चार्ज किया गया। 24 घण्टे में 7 लोगों की मौत हेल्थ बुलेटिन में बताई जा रही है।
जब से संक्रमण फैला है तब से अभी तक इस वायरस ने 45 हजार से अधिक लोगों को अपनी गिरफ्त में लिया है। शहर में वर्तमान में एक्टिव केस 5942 हैं। हर दिन संक्रमण नये घरों और नई बस्तियों तक पहुँच रहा है। इलाज को लेकर अस्पतालों में अभी भी पीड़ित हलाकान हैं और स्वास्थ्य सेवाएँ लाख दावों के बाद भी एकम दमतोड़ चुकी है।
प्रोटोकॉल के तहत हुए 50 अंतिम संस्कार
इधर हेल्थ बुलेटिन में दर्ज हुई मौतों से अलग शहर में कोरोना प्रोटोकॉल के तहत मंगलवार को नगर निगम और मोक्ष संस्था के द्वारा 50 अंतिम संस्कार किए गए। 2 शव ऐसे थे जिनका अंतिम संस्कार रात होने की वजह से नहीं किया जा सका। ये शव अस्पतालों में रखे गए हैं।

ब्लैक फंगस को लेकर अलर्ट रहें- कोरोना में स्टेराइड के इस्तेमाल और हाई शुगर मरीजों को ब्लैक फंगस जैसे मर्ज से ग्रसित होने को लेकर चिकित्सकों ने अलर्ट रहने की सलाह दी है। मेडिकल नेत्र विभाग के प्रो. पीएस सिद्दकी ने कहा कि इसको लेकर सावधान रहें और लक्षण दिखने पर तुरंत चिकित्सक से संपर्क करें।
ऐसी भी तस्वीर
कोरोना का संक्रमण पीक पर है। हर रोज सैकड़ों की तादाद में संक्रमित लोग सामने आ रहे हैं। जानें भी जा रही हैं। यहाँ तक कि अस्पताल में बेड व संसाधनों की कमी भी पड़ रही है। हालात चुनौती पूर्ण हैं और प्रबुद्ध वर्ग चिंतित है। इस बीच कृषि उपज मंडी की जो तस्वीर सामने आई है वह चौंकाने वाली है। तस्वीर सुबह सात बजे की है। प्रशासन ने सुबह यहाँ केवल थोक व्यापार के लिए अनुमति प्रदान की है, लेकिन आम लोग भी पहुँच रहे हैं।
जानकारों की मानें तो यहाँ फुटकर व्यापारियों की संख्या इतनी अधिक होती है कि कोविड का हर नियम हवा में उड़ता दिखाई देता है। खरीद-फरोख्त की नियमावली और डिस्टेंसिंग कहीं भी नजर नहीं आती। इस लापरवाही के कारण कोरोना का खतरा मुख्य बाजार से होता हुआ, हाथ ठेलों में फुटकर सब्जी बेचने वालों के माध्यम से कॉलोनियों और बस्तियों की गलियों तक पहुँच रहा है।
