पाक कोच ने दिया आलोचकों को जवाब, बोले- विरोधी टीम कमजोर तो हम कुछ नहीं कर सकते

पाक कोच ने दिया आलोचकों को जवाब, बोले- विरोधी टीम कमजोर तो हम कुछ नहीं कर सकते


मिसबाह उल हक ने आलोचकों के जवाब देते हुए कहा कि उन्हें परवाह नहीं (Misbah-ul-Haq/Twitter)

अपने यूट्यूब चैनल पर रमीज राजा ने कहा, ”पाकिस्तान-जिम्बाब्वे जैसी सीरीज होनी ही नहीं चाहिए. टेस्ट मैचों पर वैसे ही खतरा है बहुत कम लोग इसे देखते हैं. अगर आप लोगों को इस तरह के एकतरफा मैच दिखाएंगे तो वो फुटबॉल और दूसरे खेल देखने लगेंगे. तीन दिन का टेस्ट मैच एक मजाक है.”

कराची. पाकिस्तान क्रिकेट टीम के मुख्य कोच मिसबाह-उल-हक (Misbah-ul-Haq) ने मंगलवार को कहा कि आलोचक राष्ट्रीय टीम के प्रदर्शन को लेकर क्या कहते हैं, वह इसकी परवाह नहीं करते. मिसबाह ने वर्चुअल प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, ”मैं उनकी और उनकी आलोचनाओं की परवाह नहीं करता.” पूर्व पाकिस्तानी कप्तान ने कहा कि वह भविष्य को लेकर चिंतित नहीं हैं और एक बार में केवल एक सीरीज पर ध्यान देते हैं. उन्होंने कहा, ”हम केवल कड़ी मेहनत और अपनी तरफ से बेहतर प्रयास कर सकते हैं. परिणाम हमारे हाथ में नहीं हैं. मुख्य कोच के तौर पर मैं अपने भविष्य के बारे में नहीं सोचता.” हाल ही में पाकिस्तान के पूर्व कप्तान और मशहूर कमेंटेटर रमीज राजा (Rameez Raja) ने पाकिस्तानी टीम पर कमेंट करते हुए उनका मजाक उड़ाया था. पाकिस्तान ने जिम्बाब्वे को हरारे टेस्ट में पारी और 147 रनों के बड़े अंतर से हराया. पाकिस्तान ने सीरीज तो जीत ली, लेकिन रमीज राजा ने इस जीत पर सवाल खड़े कर दिए. उन्होंने कहा कि अगर ऐसे ही मैच होते रहे तो लोग क्रिकेट देखना छोड़ फुटबॉल और दूसरे खेल देखने लगेंगे. आकाश चोपड़ा ने श्रीलंका दौरे के लिए चुनी टीम इंडिया, 2 बड़े खिलाड़ी बाहर अपने यूट्यूब चैनल पर रमीज राजा ने कहा, ”पाकिस्तान-जिम्बाब्वे जैसी सीरीज होनी ही नहीं चाहिए. टेस्ट मैचों पर वैसे ही खतरा है बहुत कम लोग इसे देखते हैं. अगर आप लोगों को इस तरह के एकतरफा मैच दिखाएंगे तो वो फुटबॉल और दूसरे खेल देखने लगेंगे. तीन दिन का टेस्ट मैच एक मजाक है.” रमीज राजा ने आगे कहा, ”कुछ लोगों का मानना है कि कमजोर और मजबूत टीमों का मैच होना चाहिए, इससे कमजोर टीमों को बहुत कुछ सीखने को मिलता है. लेकिन मुझे नहीं लगता जिम्बाब्वे ने इससे कुछ सीखा. जिम्बाब्वे ने पहले टेस्ट मैच में जैसा खेल दिखाया, ठीक वैसा ही वो दूसरे मैच में भी खेली.”रमीज राजा के इस बयान के बाद मिसबाह उल हक ने कहा कि अगर विरोधी टीमें कमजोर हैं तो इसमें उनकी कोई गलती नहीं है. इससे पहले दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ पाकिस्तानी टीम को मिली जीत पर भी कई दिग्गजों ने सवाल उठाए थे. इन आलोचकों का कहना था कि दक्षिण अफ्रीकी टीम अपनी पूरी स्ट्रेंथ के साथ नहीं खेल रही थी और इसीलिए इस जीत को ज्यादा महत्व ना दिया जाए. मिसबाह उल हक ने कहा “साउथ अफ्रीका के पास उनके अहम खिलाड़ी नहीं थे, लेकिन वो अपने घर में खेल रहे थे. इसके अलावा उनकी जगह पर जिन खिलाड़ियों को लाया गया था वो अच्छा प्रदर्शन करने में सक्षम थे. ये काफी दुर्भाग्य की बात है कि हम उनकी बेस्ट टीम का सामना नहीं कर सके, लेकिन अपनी परिस्थितियों में भी वो काफी मजबूत टीम हैं. आप केवल अपने परफॉर्मेंस को देख सकते हैं. अगर विरोधी टीमें कमजोर हैं तो इसमें हमारी कोई गलती नहीं है.” कुलदीप यादव को खुद पर नहीं रहा भरोसा, कोच ने कहा-टीम इंडिया को कुछ और चाहिए
इसके साथ ही मिसबाह ने बताया कि टीम मैनेजमेंट और चयनकर्ता कई नए खिलाड़ियों को हर फॉर्मेट में मौका दे रहे हैं. मौजूदा कोविड हालातों के मद्देनजर हमें अतिरिक्त स्क्वॉड के साथ दौरा करना पड़ रहा है, जिसके अच्छे परिणाम भी मिल रहे हैं. मगर आगामी इंग्लैंड दौरे पर सिर्फ वर्ल्ड टी-20 के मद्दनेजर ही खिलाड़ियों को चुना जाएगा. मिसबाह ने अनुभवी बल्लेबाज फवाद आलम, स्पिनर नौमान अली और पेसर ताबिश खान को राष्ट्रीय टीम में शामिल करने की वकालत की बात कही. मिसबाह की माने तो उम्र कभी भी प्रदर्शन का पैमाना नहीं होता और इसके आधार पर टीम चयन होना भी नहीं चाहिए. (भाषा के इनपुट के साथ)









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