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- Three Employees Of Shahdol Medical College Involved In Black Marketing Of Remedesvir Injection Ceased, Dean Of Medical College Acted On The Instructions Of The Commissioner
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शहडोल22 मिनट पहले
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रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी में शामिल शहडोल मेडिकल कॉलेज के तीन कर्मचारियों की सेवाएं समाप्त कर दी गई। कमिश्नर शहडोल राजीव शर्मा के निर्देश पर यह कार्रवाई शहडोल मेडिकल कॉलेज के डीन डॉ. मिलिंद शिरालकर ने की।
इन कर्मचारियों की सेवाएं हुई समाप्त—-
– सुषमा साहू निवासी जमुई शहडोल नेशनल हेल्थ मिशन (एनएचएम) से पदस्थ स्टाफ नर्स
– उज्जवल द्विवेदी निवासी चंदिया जिला उमरिया नेशनल हेल्थ मिशन (एनएचएम) से पदस्थ लैब टेक्नीशियन
– दीपक गुप्ता निवासी कौड़िया जिला उमरिया आउटसोर्स यूडीएस से पदस्थ लैब अटेंडेंट
मरीजों का इंजेक्शन चुराकर बेचते थे अन्य को
तीनों कर्मचारी 11 मई को शहडोल के सोहागपुर थाना पुलिस की छापामार कार्रवाई में रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी करते पकड़े गए थे। इसमें स्टाफ नर्स मरीजों को इंजेक्शन नहीं लगाकर उसे उज्जवल और दीपक को देती थी। इसके बदले में वह इनसे एक-एक हजार रुपए लेती थी। उज्जवल और दीपक इंजेक्शन को मेडिकल कॉलेज के समीप स्थित मेडिकल कॉलेज अमित फॉर्मा के संचालक अमित मिश्रा को 5-5 हजार में देते थे। अमित द्वारा 40 से 50 हजार रुपए में एक इंजेक्शन पीड़ितों को दिया जाता था। कार्रवाई के दौरान पुलिस ने 6 इंजेक्शन और 6 लाख 49 हजार 480 रुपए जब्त किए थे। आरोपियों ने 20 इंजेक्शन मरीजों को नहीं देकर कालाबाजारी करना कबूल किया था।
शहडोल कमिश्नर राजीव शर्मा ने बताया कि रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी में लिप्त पाए गए तीनों कर्मचारियों की डिग्री और पंजीयन निरस्त करने के लिए मध्यप्रदेश नर्सिंग काउंसिल और मध्यप्रदेश पैरामेडिकल काउंसिल को पत्र लिखा गया है।