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जबलपुर11 मिनट पहले
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- आंधी-बारिश से खरीदी केंद्रों में रखे गेहूं को नुकसान, िसस्टम की बदइंतजामी उजागर
बेमौसम बारिश ने सिस्टम की बदइंतजामी उजागर कर दी और किसानों की मेहनत पर पानी फेर दिया। सोमवार-मंगलवार रात गरज-चमक के साथ हुई बारिश से हजारों क्विंटल गेहूं भींग गया। बारिश से पाटन, गोसलपुर, सिहोरा के खरीदी केंद्रों में बिकने के लिए आया गेहूं पानी से भींगकर सडऩे की स्थिति में पहुंच गया। कई केंद्रों में जलभराव की स्थिति निर्मित हो गई, जिससे जमीन में रखे गेहूं के बोरे तक भींग गए। जबकि कुछ जगह किसानों ने ही तिरपाल से गेहूं को ढक दिया।
गोसलपुर: पानी में डूबीं गेहूं की पांच हजार बोरियां-घुघरी रोड गोसलपुर स्थित वेयर हाउस में बनाए गए कछपुरा खरीदी केंद्र में बिकने के लिए रखा किसानों का गेहूं गीला हो गया। वहीं, खरीदी गई गेहूं की बोरियां भींग गईं। इस बारे में कर्मचारियों ने कहा, गेहूं का समय पर परिवहन ना होने के कारण खुले में रखीं लगभग पांच हजार गेहूं की बोरियां पानी में डूब गई हैं, जिनमे भरा गेहूं सडऩे लगा है।
बंधा गांव के कृषक राजीव तिवारी, रामनिरंजन तिवारी, अमरजीत श्रीवास, संजीव तिवारी ने बताया, बारदाना की कमी के चलते उनका गेहूं नहीं तुल सका, जिस कारण उन्हें अचानक हुई तेज बारिश से अपनी गेहूं को बचाने में परेशान होना पड़ा। तहसीलदार सिहोरा राकेश चौरसिया ने कहा, कछपुरा खरीदी केंद्र में शीघ्र ही बारदाना उपलब्ध कराने डीएमओ को निर्देश दिए हैं एवं केंद्र प्रभारी को बारिश से गेहूं के बचाव के लिए कहा है। कछपुरा समिति प्रबंधक राकेश दुबे ने कहा, बारदाना का मांग पत्र जिला विपणन अधिकारी को भेजा है। बारदाना की कमी के चलते किसानों को असुविधा हुई है।
पाटन: इंतजाम नाकाफी, भींगा कई क्विंटल गेहूं- नुनसर समिति की दिव्यांश वेयर हाउस में समर्थन मूल्य पर गेहूं खरीदी हो रही है। यहां समिति प्रबंधक द्वारा गेहूं को बारिश से बचाने किसी प्रकार के इंतजाम नहीं किए गए थे, जिससे पिछले दो दिनों में हुई बारिश से कई क्विंटल गेहूं भींग गया, जिसके सडऩे की आशंका है।
सिहोरा: किसानों ने खुद की अपनी उपज की सुरक्षा- मझौली विकासखंड अंतर्गत तलाड खरीदी केंद्र वेयर हाउस में संचालित होने के कारण अधिकांश उपज का भंडारण हो जाने से गेहूं भीगने से बच गया। वहीं, जिनकी तौल नहीं हुई थी, उन किसानों ने अपनी उपज की सुरक्षा स्वयं की। सायलो बैग हरगढ़ में ट्रैक्टर ट्रॉलियों में गेहूं लेकर आए किसानों व टै्रैक्टर चालकों ने खुद तिरपाल आदि का इंतजाम कर गेहूं को भीगने से बचा लिया।
बारिश से सुरक्षा हेतु सायलो प्रबंधन में भी किसी प्रकार के कोई इंतजाम नहीं किए गए थे। इस संबंध में सायलो बैग प्रबंधक सतीश लवानिया, ने बताया, सायलो कैंपस के अंदर रखी उपज की सुरक्षा प्रबंधन द्वारा की जाती है। लाइन में लगे ट्रैक्टर की सुरक्षा किसानों को स्वयं करनी होती है।
मझौली: गेहूं को ज्यादा नुकसान नहीं होने का दावा– रानीपुर खरीदी केंद्र पर 77760 क्विंटल की खरीदी की जा चुकी है। इसमें से 55036 क्विंटल गेहूं का परिवहन हो चुका है। केंद्र में 22824 क्विंटल गेहूं का स्टॉक है। खरीदी केंद्र के आसपास कम पानी गिरने तथा केंद्र प्रभारी रत्नेश भट्ट द्वारा गेहूं ढांकने बड़े-बड़े तिरपाल की व्यवस्था पहले से कर लेने से ज्यादा गेहूं को नुकसान नहीं हुआ।