Bhopal News: भोपाल के आस-पास के गांवों में नहीं मिल रहा सरकारी इलाज, झोलाछाप डॉक्टरों के भरोसे मरीज

Bhopal News: भोपाल के आस-पास के गांवों में नहीं मिल रहा सरकारी इलाज, झोलाछाप डॉक्टरों के भरोसे मरीज


भोपाल से सटे इन गांवों में कुंभ से लौटे लोगों के कारण कोरोना फैला.

Bhopal News: स्वास्थ्य सुविधाओं के अभाव की वजह से गावं वाले ना तो अपनी कोरोना (Corona) जांच करा पा रहे हैं और ना ही उन्हें दूसरी स्वास्थ सुविधाएं उपलब्ध हो पा रही हैं. ऐसे में उनका झोलाछाप डॉक्टरों के भरोसे इलाज चल रहा है.

भोपाल. राजधानी भोपाल (Bhopal) से लगे आस-पास के गांवों में कोरोना (Corona) पीड़ित लोगों को सरकारी इलाज नहीं मिल पा रहा है. गांव में ना डॉक्टर है ना ही पैरामेडिकल स्टाफ. इतना ही नहीं कोरोना की जांच भी नहीं हो रही है. यह हाल जब भोपाल के आसपास के गांव का तो प्रदेश के दूर दराज के इलाकों में ग्रामीण क्षेत्रों का अंदाज आसानी से लगाया जा सकता है. भोपाल के आसपास स्थित करीब 40 गांव के बीच एक प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र हैं. उस पर भी ना डॉक्टर है और ना पैरामेडिकल स्टाफ की ड्यूटी लगाई गई है. इतना ही नहीं गांव में कोरोना की जांच भी नहीं की जा रही है. 10 से 15 गांव के बीच एक उप स्वास्थ्य केंद्र है और वहां भी स्टाफ नहीं है. इतना ही नहीं गांव वालों को सामान्य इलाज के लिए 25 किलोमीटर दूर सफर तय करना पड़ रहा है. स्वास्थ सुविधा नहीं होने की वजह से संक्रमण तेजी से फैल रहा है.

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50 गांव में फैला कोरोनाशहर के आसपास बैरसिया, गुनगा, आदमपुर छावनी, कोलार, रातीबड़, खजूरी, परवलिया, सुखीसेवनिया, बिलखिरिया समेत 50 से ज्यादा गांवों  में कोरोना फैल चुका है. इसकी वजह ये मानी जा रही है कि यहां से काफी लोग कुंभ में हरिद्वार गए थे. वहां से लौटने के बाद कोरोना फैल गया. बुखार सर्दी खांसी की वजह से ग्रामीण बीमार हो रहे हैं. ये लोग स्वास्थ्य सुविधाओं के अभाव की वजह से ना तो अपनी कोरोना जांच करा पा रहे हैं और ना ही  उन्हें  दूसरी स्वास्थ सुविधाएं उपलब्ध हो पा रही हैं. ऐसे में झोलाछाप डॉक्टरों के भरोसे  इलाज चल रहा है. सरकारी आंकड़े के अनुसार 5 गांव में 3 हफ्ते में 2539 मरीजों में कोरोना के लक्षण पाए गए. जबकि 87 मरीज पॉजिटिव मिले. बैरसिया और गुनगा से लगे आस-पास के गांव में तेजी से संक्रमण फैल रहा है. वहां पर लोगों की जान भी जा रही है. आयुष्मान कार्ड धारकों पर फोकस ग्रामीणों को निजी अस्पतालों में इलाज दिलाने के लिए आयुष्मान कार्ड धारकों की सूची तैयार की जा रही है. आयुष्मान कार्ड वाले संक्रमितों की अलग से सूची बनाई जा रही है. टारगेट पूरा करने के लिए प्रशासन ने रणनीति बनाई है. साथ ही अफसरों को जिम्मेदारी दी है. मरीजों को भर्ती कराने पर फोकस है.

विधायक अब कहीं भी खर्च कर सकते विकास निधि कोरोना संकट से निपटने के लिए विधायक अपने निर्वाचन क्षेत्र और जिले के अलावा प्रदेश में कहीं भी निर्वाचन क्षेत्र की विकास निधि दे सकते हैं. सरकार ने विधानसभा क्षेत्र के बंधन को फिलहाल खत्म कर दिया है. साथ ही अपने क्षेत्र के बाहर एक साल में अधिकतम पांच लाख रुपये के काम का बंधन भी अभी नहीं रहेगा. भाजपा और कांग्रेस के विधायकों ने मांग उठाई थी जिसे मान लिया गया है.









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