कल मानेगी ईद: 15 वर्षों बाद जुमा और ईद एक साथ, होंगे एक ही दिन में दो खुदबे

कल मानेगी ईद: 15 वर्षों बाद जुमा और ईद एक साथ, होंगे एक ही दिन में दो खुदबे


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गुना10 घंटे पहले

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घरों में नमाज के बाद इफ्तारी करते बच्चे

बुधवार को चाँद नहीं दिखने से अब शुक्रवार यानी जुमे के दिन ईद मनाई जाएगी। 15 वर्षों बाद ऐसा मौका पड़ रहा हैं जब ईद और जुमा एक साथ होंगे। साथ ही एक ही दिन में दो खुदबे पढ़े जाएंगे। मुस्लिम समाज का पवित्र माह रमजान विदा हो रहा है। इसके साथ ही अब ईद मनाई जाएगी । इस पूरे रमजान माह के दौरान मुस्लिम समाज ने सतर्कता बरतते हुए कोरोना गाइडलाइन का पालन कर रोजे रखे और इबादत की। शहर काजी नूरूल्लाह यूसुफ जई ने सभी को ईद की पूर्व संध्या पर बधाई देते हुए मुस्लिम समाज को वीडियो जारी कर संदेश दिया है कि वह इस बार भी कोरोना काल में पड़ने वाली इस ईद पर सतर्कता बरते।

उन्होंने कहा कि जिस तरह से समस्त मुस्लिम समाज ने प्रशासन के निर्देशों का पालन करते हुए कोरोना गाइडलाइन के तहत इबादत की। उसी तरह ईद पर भी कोरोना गाइडलाइन का पालन करें। ईद पर की जाने वाली खरीदारी की जगह इस बार भी मुस्लिम समाज जरूरतमंदों की मदद में बढ़-चढ़कर हिस्सा ले रहा है। लॉकडाउन के चलते निचला तबका बेहद परेशान है। ऐसे में उसकी मदद के लिए समाज के लोग उन तक राशन और जरूरत का सामान पहुंचाएं।

एक ही दिन में होंगे दो खुदबे
शहर काजी ने बताया की जुम्मा और ईद एकसाथ होने से एक ही दिन में दो खुदबे पढ़े जाएंगे। 15 वर्षों बाद ऐसा मौका आया है। इससे इस महीने की पवित्रता और बढ़ गई है। शुक्रवार को एक खुदबा ईद का पढ़ा जाएगा और दूसरा जुमे का।

क्या होता है खुदबा
शहर काजी ने बताया की यह एक विशेष तरह खुदबोधन होता है। खुदबा एक अरबी शब्द होता है जिसका मतलब होता है धार्मिक प्रवचन देना। अरबी में लोगों को धार्मिक स्पीच दी जाती है। इसे इमाम द्वारा दिया जाता है। यह या तो जुमे के दिन होता है या ईद के दिन। लम्बे समय बाद यह मौका आया है की नागरिकों को एक ही दिन में दो खुदबे सुनने को मिलेंगे।

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