महामारी में ‘महापाप’: भोपाल मेमोरियल अस्पताल में संक्रमित महिला से सफाईकर्मी ने किया दुष्कर्म; हादसे के बाद हालत बिगड़ी, वेंटिलेटर लगा, अगले दिन मौत

महामारी में ‘महापाप’: भोपाल मेमोरियल अस्पताल में संक्रमित महिला से सफाईकर्मी ने किया दुष्कर्म; हादसे के बाद हालत बिगड़ी, वेंटिलेटर लगा, अगले दिन मौत


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भोपाल2 घंटे पहलेलेखक: अजय वर्मा

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6 अप्रैल की घटना; पुलिस-अस्पताल ने अब तक परिवार को नहीं बताया। (प्रतीकात्मक फोटो)

भोपाल मेमोरियल अस्पताल में कोरोना संक्रमित महिला के साथ दुष्कर्म का मामला महीनेभर बाद सामने आया है। पुराने भोपाल के काजी कैम्प में रहने वाली इस महिला के साथ 6 अप्रैल को बीएमएचआरसी अस्पताल में दुष्कर्म हुआ। महिला ने इसकी जानकारी अस्पताल की नर्सेस को दी। पुलिस को बुलाया गया।

दुष्कर्म की धारा-376 में मामला भी दर्ज हुआ, लेकिन पुलिस या अस्पताल ने इसकी जानकारी महीनेभर बाद भी परिवार को नहीं दी है। जबकि घटना के तुरंत बाद पीड़िता की तबीयत अचानक खराब हो गई थी और वो वेंटिलेटर पर चली गईं थी। और अगले दिन उसकी मौत हो गई। 6 अप्रैल को हुई इस घटना पर निशातपुरा पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर आरोपी को जेल भेज दिया। इस आरोपी पर घटना के दो दिन पहले एक संक्रमित नर्सिंग छात्रा के साथ छेड़छाड़ का भी मामला दर्ज किया गया था।

सुबह 4 बजे आया सफाईकर्मी, चैकअप के बहाने प्राइवेट पार्ट्स की जांच करने लगा

3 या 4 अप्रैल को भोपाल मेमोरियल अस्पताल में एक महिला को कोरोना होने के बाद भर्ती किया गया था। एक मेल स्टाफ 6 अप्रैल को सुबह चार बजे उसके कमरे में आया और बोला- चेकअप करना है। फिर वह मरीज के पूरे शरीर में ऊपर से नीचे हाथ फेरने लगा। मरीज ने पूछा कि ये कौन सी जांच है। इसके बाद वह उसे बाथरूम में ले गया और बोला- सलवार उतारो। फिर प्राइवेट पार्ट्स में अश्लील हरकत करने लगा। महिला ने रोका तो वह उसे बाहर लेकर आया। फिर महिला के बेड पर आने के बाद शरीर छूने लगा और प्राइवेट पार्ट्स की जांच करने के नाम पर छेड़छाड़ करने लगा। मरीज ने ये बात अस्पताल की कृष्णा बाई को बताई और फिर उन्होंने नर्सिंग स्टाफ सिस्टर जिंसी को जानकारी दी। आरोपी वहां से भाग गया।

ऐसी ही एक अन्य घटना को इसी सफाइकर्मी ने दो दिन पहले भी अंजाम दिया था। उसने हॉस्पिटल की नर्सिंग स्टाफ के साथ छेड़छाड़ की थी। वाक्या 4 अप्रैल को रूम नंबर 4 का है। तब सफाईकर्मी रात को करीब 3:45 बजे रूम में आया। उस वक्त नर्स साे रही थी। आरोपी महिला की कलाई पकड़कर चेक करने लगा। महिला की नींद खुली और उसने सफाईकर्मी से पूछा- ये क्या कर रहे हो, इसपर वह चुप रहा और उसकी जांघ छूने लगा। थोड़ी देर बाद कपड़े उतारने लगा। इस पर महिला चिल्लाई तो वो मॉनिटर चेक करने लगा और चला गया। मरीज ने घटना की जानकारी वॉर्ड के स्टाफ को बताई। महिला ने बताया- आरोपी संतोष है।
(जैसा अस्पताल प्रबंधन ने पुलिस को शिकायत में बताया)

जांच अधिकारी बोले- परिजनों को सूचना नहीं दी है, टीआई साहब बताएंगे

जांच अधिकारी सब इंस्पेक्टर बनवारी लाल के मुताबिक जानकारी मिलने के बाद वो पीपीई किट पहनकर बयान लेने के लिए गए थे। लेकिन महिला की हालत ठीक नहीं थी, इसलिए बयान नहीं ले पाए। अस्पताल प्रबंधन ने भी इस घटना की जानकारी महिला के परिजनों को नहीं दी है। टीआई साहब से चर्चा करेंगे कि महिला के परिजनों को इसकी जानकारी देना है या नहीं। मामले की जानकारी के लिए बीएमएचआरसी की डायरेक्टर डॉ प्रभा देसीकन से बात करने की कोशिश की तो कोई जवाब नहीं मिला।

इन बातों पर सवाल

पहला : जो चिट्‌ठी पीड़िता की बताकर अस्पताल प्रबंधन ने पुलिस को दी है क्या वो असली है?
दूसरा : परिजनों को घटना की जानकारी नहीं देने की बात चिट्‌ठी में है, लेकिन वो नाम क्यों छिपाएगी?
तीसरा : घटना के बाद महिला की तबीयत ऐसे कितनी बिगड़ी कि उसे वेंटिलेटर सपोर्ट पर लेना पड़ा?
चौथा : प्रबंधन ने महिला से ज्यादती की बात छुपा ली, पुलिस ने भी प्रबंधन का साथ क्योंं दिया?

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