हाईकोर्ट में 4 जून तक ग्रीष्म अवकाश: अब जमानत, सजा निलंबन, बंदी प्रत्यक्षीकरण और गर्भापात संबंधी मामले की ही होगी सुनवाई

हाईकोर्ट में 4 जून तक ग्रीष्म अवकाश: अब जमानत, सजा निलंबन, बंदी प्रत्यक्षीकरण और गर्भापात संबंधी मामले की ही होगी सुनवाई


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  • Now The Case Related To Bail, Suspension Of Sentence, Habeas Corpus And Medical Termination Of Pregnancy Will Be Heard.

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जबलपुर7 मिनट पहले

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एमपी हाईकोर्ट।

एमपी हाईकोर्ट की जबलपुर मुख्यपीठ सहित इंदौर व ग्वालियर खंडपीठ में अब चार जून तक ग्रीष्मकालीन अवकाश रहेगा। इस दौरान सिर्फ जमानत, सजा निलंबन, बंदी प्रत्यक्षीकरण और गर्भ के चिकित्सकीय समापन संबंधी मामले की ही सुनवाई होगी।

हाईकोर्ट के न्यायिक प्रिसिंपल रजिस्ट्रार मनोज कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि ग्रीष्मकालीन अवकाश में अति आवश्यक मामले की सुनवाई वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से होंगे। न्यायालय जमानत या सजा के निलंबन के लिए कोई भी अनुवर्ती (रिपीट) आवेदन फाइल नहीं किए जाएंगे। 10 मई के पूर्व फाइल किए गए प्रकरणों की सुनवाई हो सकती है, बशर्ते कि संबंधित जस्टिस अवकाश के दौरान आसीन हैं।
जिस्टी वीडियो कांफ्रेंसिंग या ड्राप बॉक्स में जमा कर सकते हैं केस फाइल
अति आवश्यक मामलों में आवेदन जिस्टी वीडियो कांफ्रेंसिंग प्लेटफार्म के चैट बॉक्स के माध्यम से या मुख्यपीठ सहित तीनों पीठ में बने ड्राप बॉक्स में भौतिक रूप से मेंशन मेमो फाइल कर सकता है। पैरवी करने वाले अधिवक्ता हाईकोर्ट की वेबसाइट पर उपलब्ध ई-मेंशन के लिए अनुरोध प्रस्तुत कर सकते हैं। ऐसे अनुराध सुबह 10.30 से 11.30 बजे के बीच केवल सोमवार व गुरुवार को पेश किए जा सकते हैं।
विशेष परिस्थितियों में एकलपीठ ही कर सकेगा डबल बेंच के प्रकरणों की सुनवाई
ऐसे मामले, जिसमें डबल बेंच द्वारा प्रकरण सुना जाना आवश्यक है। उसे डबल बेंच के समने रखा जाएगा। इसमें एक विशेष दिन पर वरिष्ठ आसीन जस्टिस और अन्य उपलब्ध सदस्य शामिल होंगे। यदि किसी विशेष दिन पर केवल एकलपीठ उपलब्ध है और अवकाश के दौरान डबल बेंच द्वारा तत्काल प्रकरण सुना जाना आवश्क होगा तो उसे हाईकोर्ट नियम 2008 के अध्याय 7 नियम 9 (1 व 2) में शामिल प्रावधानों के तहत एकलपीठ के समक्ष ही सूचीबद्ध किया जा सकता है।

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