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- The Accused In Indore, The Bastion Of Fake Advisory Company, Have No Fear, They Are Leisurely Roaming In The Cities
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इंदौर3 घंटे पहले
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कोरोना संक्रमित फरियादी आनंद
कोरोना के चलते कालाबाजारी करने वालों की पुलिस धरपकड़ कर रही है। कुछ मामलों में ऐसे भी आरोपी है जो बिना किसी डर के घूम रहे हैं। एक मामले में तो लोगों को लाखों रुपए का नुकसान पहुंचाने वाले आरोपियों को पुलिस पकड़ना ही उचित नहीं समझ रही है।
दो माह पहले विजय नगर पुलिस ने मेल पर मिली शिकायत के आधार पर मामला दर्ज किया। इस मामले में संजय बालानी निवासी अन्नपूर्णा को पुलिस ने गिरफ्तार भी किया था। लेकिन इस मामले के मास्टर माइंड पुनीत नाम का आरोपी अब तक पुलिस गिरफ्त से दूर है। लोगों को निवेश के नाम पर धोखाधड़ी करने वालों ने सैकड़ों लोगों को शिकार बनाकर उनसे करोडों रुपए ठगे थे। फर्जी एडवाइजरी कंपनी के बैंक खातों में 6 करोड़ रुपए का लेन-देन उजागर हुआ था। कोरोना की दूसरी लहर ने आरोपियों को आराम करने का मौका दे दिया है। शातिर ठगों में से इस गिरोह का मास्टर माइंड पुनीत निवासी अन्नपूर्णा अब तक पुलिस हिरासत से दूर है। अधिकारियों का कहना है कि कोरोना के खत्म होते ही इन शातिर आरोपियों की धरपकड़ को तेज आकर देंगे।
पुलिस को दिया गया था 10 लाख की रिश्वत का ऑफर
दो माह पहले धोखाधड़ी करने वाले फर्जी एडवाइजरी कंपनी के 3 संचालक पर विजय नगर पुलिस ने मामला दर्ज किया था। इसमें विजय नगर TI तहजीब काजी ने महाराष्ट्र, सोलापुर में रहने वाले आनंद बी मोहोलकर की ई-मेल के जरिए भेजी गई शिकायत पर FIR दर्ज की थी। आरोप था कि उनके साथ स्कीम – 54 में संचालित द यूनिक ट्रेडर्स एडवाइजरी कंपनी ने 3 लाख 87 हजार 500 रुपए की धोखाधड़ी की है। फरियादी आनंद कोरोना से ग्रसित हैं और सोलापुर के अस्पताल में भर्ती हैं, इसलिए उन्होंने काजी से वीडियो कॉल के जरिए बात की और कंपनी के खिलाफ केस दर्ज करवाया था।
पुलिस जांच में कंपनी को लेकर चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। एडवाइजरी कंपनी के 5 बैंक खातों में 6 करोड़ रुपए से ऊपर का लेन देन सामने आया था। इन शातिर बदमाशों ने आधार कार्ड और पैन कार्ड के जरिए कई फर्जी बैंक खाते खोल रखे थे। इन खातों में देश के अलग-अलग हिस्सों में फोन लगाकर लोगों से निवेश के नाम पर रुपए डलवाते थे। पुलिस को मामले को दबाने के लिए 10 लाख की रिश्वत का भी ऑफर दिया गया था, लेकिन पुलिस ने उसे ठुकरा दिया था।