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देहरादून18 मिनट पहलेलेखक: राजकिशोर
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वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप फाइनल और इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट सीरीज के लिए बंगाल के ओपनर अभिमन्यु ईश्वरन को टीम इंडिया में बतौर स्टैंडबाय जगह मिली है। मूलतः देहरादून के रहने वाले 25 साल के अभिमन्यु को दूसरी बार स्टैंडबाय के रूप में टीम इंडिया में जगह मिली है। इससे पहले इसी साल की शुरुआत में इंग्लैंड के खिलाफ घरेलू सीरीज के लिए भी उन्हें मौका दिया गया था। ईश्वरन को लेकर ऐसी धारणा है कि वे लंबे फॉर्मेट में ज्यादा बेहतर हैं। इसलिए घरेलू क्रिकेट में लगातार अच्छे प्रदर्शन के बावजूद उन्हें IPLमें आज तक कोई खरीदार नहीं मिला है। टीम इंडिया में सिलेक्शन और IPL सहित तमाम मुद्दों पर ईश्वरन ने दैनिक भास्कर के साथ विशेष बातचीत की। पेश हैं इंटरव्यू के मुख्य अंश…

अभिमन्यु ईश्वरन टीम इंडिया के कप्तान विराट कोहली की बैटिंग के फैन हैं।
आप दूसरी बार स्टैंडबाय के रूप में टीम इंडिया में शामिल हुए, इसे आप किस रूप में देख रहे हैं?
भारत को इंग्लैंड में न्यूजीलैंड के खिलाफ वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप का फाइनल खेलना है। उसके बाद इंग्लैंड के खिलाफ 5 टेस्ट मैचों की सीरीज खेली जानी है। मैं स्टैंडबाय के तौर पर टीम के साथ जुड़कर खुश हूं। मेरा मानना है कि ये मुख्य टीम में एंट्री का द्वार है। मुझे टीम के सीनियर खिलाड़ियों और कोच से सीखने का मौका मिलेगा। वहीं ट्रेनिंग और प्रैक्टिस मैच में मुझे अपनी प्रतिभा को भी सबके सामने रखने का मौका मिलेगा। मुझे उम्मीद है कि भविष्य में मुख्य टीम में जगह बना पाऊंगा।
इंग्लैंड के खिलाफ घरेलू सीरीज में भी आप स्टैंडबाय के तौर पर शामिल थे, तब आपका अनुभव कैसा रहा?
इंग्लैंड के खिलाफ घरेलू सीरीज के दौरान पहली बार मुख्य टीम के साथ स्टैंडबाय के तौर पर टीम में शामिल था। मुझे काफी कुछ सीखने को मिला। सीनियर प्लेयर विराट कोहली, अंजिक्य रहाणे और रोहित शर्मा ने मुझे टिप्स दिए, वहीं कोच रवि शास्त्री से भी बहुत कुछ जानने को मिला। इसके साथ ही मुझे मानसिक रूप से अपने को मजबूत करने का मौका मिला। टेस्ट मैच की तैयारियों के बारे में जानने का मौका मिला। इस स्तर के मैच में मानसिक स्तर किस तरह का होना चाहिए, वह जान पाया। दबाव में किस तरह अपने को मानसिक रूप से मजबूत रखना है और हार के बाद भी किस तरह वापसी करना है, इसे भी समझा। इंग्लैंड के खिलाफ पहले टेस्ट में टीम को हार मिली। यह सीरीज वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल में जगह बनाने के लिहाज से बेहद महत्वपूर्ण थी। ऐसे में पहले मैच में हार के बाद टूर्नामेंट में टीम ने वापसी की। मैं जान पाया कि हारने के बाद वापसी करना कितना महत्वपूर्ण है और अपने को हार से उबरने के लिए क्या करना पड़ता है।
टीम में बतौर ओपनर रोहित शर्मा, शुभमन गिल, मयंक अग्रवाल केएल राहुल जैसे खिलाड़ी हैं और पृथ्वी शॉ भी दावेदार हैं। ऐसे में जगह बना पाना कितना मुश्किल है?
मुझे केवल एक मौके की तलाश है। मौका मिलने पर मैं अपने को साबित कर दूंगा। मैं किसी भी बैटिंग ऑर्डर पर बल्लेबाजी करने के लिए तैयार हूं। उम्मीद है कि मुझे मौका अवश्य मिलेगा।

अभिमन्यु ने बंगाल की ओर से घरेलू क्रिकेट में अब तक शानदार प्रदर्शन किया है।
घरेलू टूर्नामेंट में आपका प्रदर्शन बेहतर रहा है। फर्स्ट क्लास में आपका औसत करीब 44 है और लिस्ट में 48 के औसत से रन बनाए हैं। फिर भी IPL में खरीदार नहीं मिले?
घरेलू टूर्नामेंट में शानदार प्रदर्शन की बदौलत ही मुझे इंडिया ए और मुख्य टीम में स्टैंडबाय के तौर पर शामिल किया गया। हालांकि मुझे IPLमें खरीददार नहीं मिले, इससे मुझे निराशा भी हुई, लेकिन मुझे उम्मीद है कि भविष्य में IPL में खेलने का मौका अवश्य मिलेगा। IPL वर्तमान में दुनिया की सबसे बड़ी लीग है। ऐसे में इस लीग में हर क्रिकेटर खेलना चाहता है। मैं भी इसमें खेलना चाहता हूं।
आप अभी तैयारी कहां पर कर रहे हैं?
मैं फिलहाल देहरादून में अपने कोच अपूर्व देसाई और मनोज रावत की निगरानी में अपनी एकेडमी में ट्रेनिंग कर रहा हूं।
आप देहरादून के रहने वाले हैं, उत्तराखंड के बजाय आपने बंगाल से रणजी खेलने का रास्ता क्यों चुना?
मैं 14 साल की उम्र में दिल्ली की हरी क्रिकेट एकेडमी में क्लब मैच खेलने के लिए गया था। वहां पर कुछ दिन अभ्यास किया। हैरी सर ने मुझे देखा और कहा कि दिल्ली में मौका मिलना मुश्किल है। ऐसे में बंगाल में जाकर क्लब लेवल के मैच खेलो। उसके बाद मैं बंगाल चला गया और वहां पर ट्रेनिंग करने और क्लब लेवल के मैच खेलने लगा। मुझे बंगाल में अलग-अलग ऐज ग्रुप से खेलने का मौका मिला। फिर मुझे रणजी में बंगाल टीम से मौका मिला।
आप क्रिकेट में कैसे आए?
मेरे पापा देहरादून में चार्टर्ड अकाउंटेंट हैं। वे क्लब लेवल की क्रिकेट भी खेलते थे। मैं भी कई बार उनके साथ जाता था। धीरे-धीरे मेरा मन क्रिकेट में लगने लगा। जिसके बाद मैने इसे करियर के तौर पर चुना। पहले क्रिकेट खेलने के लिए देहरादून से दिल्ली आया। उसके बाद बंगाल गया।
आपका नाम अभिमन्यु ईश्वरन रखे जाने की क्या वजह है?
मेरे पापा ने मेरे जन्म से पहले ही एक दोस्त के साथ मिलकर क्रिकेट एकेडमी शुरू की थी। मेरे पापा तमिल हैं जबकि मां पंजाबी हैं। पापा ने एकेडमी का नाम अभिमन्यु रखा था, क्योंकि अभिमन्यु ने मां के पेट में ही चक्रव्यूह को भेदना सीख लिया था। इसलिए मेरे जन्म के बाद मेरा नाम उन्होंने अभिमन्यु रख दिया।