भोपाल में रेमडेसिवर इंजेक्शन की कालाबाजारी: जेके अस्पताल के कर्मचारी ने 15 दिन में 11 इंजेक्शन बेचे; कार से ग्राहक खोज रहे तीन आरोपियों से 5 इंजेक्शन बरामद

भोपाल में रेमडेसिवर इंजेक्शन की कालाबाजारी: जेके अस्पताल के कर्मचारी ने 15 दिन में 11 इंजेक्शन बेचे; कार से ग्राहक खोज रहे तीन आरोपियों से 5 इंजेक्शन बरामद


  • Hindi News
  • Local
  • Mp
  • Bhopal
  • Madhya Pradesh Bhopal JK Hospital Employee Arrested With Remdesivir Injection | Bhopal Coronavirus Latest News

Ads से है परेशान? बिना Ads खबरों के लिए इनस्टॉल करें दैनिक भास्कर ऐप

भोपाल6 मिनट पहले

  • कॉपी लिंक

भोपाल में अब तक तीन से ज्यादा मामलों में रेमडेसिवर बेचने वालों को पकड़ा जा चुका है। – प्रतीकात्मक फोटो

  • एक इंजेक्शन की कीमत 25000, ज्यादा लेने पर आधी हो जाती है कीमत
  • 3 दिन में ही ब्लैक मार्केट में इंजेक्शन के दाम 4 हजार रुपए चढ़ गए

सरकार के लाख दावे के बावजूद भी रेमडेसिवर इंजेक्शन की कालाबाजारी रुकने का नाम नहीं ले रही है। ऐसे ही एक मामले में भोपाल की कोलार पुलिस ने 5 इंजेक्शन के साथ 3 लोगों को गिरफ्तार किया है। आरोपियों ने यह इंजेक्शन जेके अस्पताल के एक कर्मचारी से लिए थे। आरोपी अब तक 11 इंजेक्शन ले चुके थे, जिनमें से 6 इंजेक्शन वे खुले मार्केट में बेच चुके हैं। सिर्फ एक इंजेक्शन लेने पर 25 हजार रुपए देने होते हैं, लेकिन अधिक लेने पर इंजेक्शन कीमत आधी यानी 12 हजार हो जाती है। हालांकि 3 दिन में ही ब्लैक मार्केट में भी 12 हजार का इंजेक्शन 16 हजार रुपए में बेचे जाने लगा है।

कोलार पुलिस को गुरुवार रात करीब 12:45 बजे सिग्नेचर रेसीडेंसी के पास कुछ संदिग्धों के होने की सूचना मिली थी। सूचना मिलते ही पुलिस ने घेराबंदी शुरू कर दी। पुलिस ने शक के आधार पर कार में सवार 3 लोगों से पूछताछ शुरू की। उनकी पहचान सिग्नेचर रेसडेंसी कोलार निवासी 36 साल के अंकित सलूजा, 26 साल के दिलप्रीत उर्फ नानू सलूजा और ग्रीन मिडोज अरेरा हिल्स निवासी 25 साल के आकाश सक्सेना के रूप में हुई।

उनके पास से पुलिस ने मौके से 5 इंजेक्शन जब्त किए। अंकित ने बताया कि 28 अप्रैल 2021 में उसने जेके अस्पताल में काम करने वाले आकाश दुबे से रेमडेसिवर इंजेक्शन 25 हजार में खरीदा था। उसने आकाश को गूगल पर के माध्यम से यह पैसे दिए थे। इसके बाद 8 मई को उसने आकाश से पांच और इंजेक्शन खरीदे।

इस बार एक इंजेक्शन कीमत 12 हजार के हिसाब से मिले। उसने 60 हजार रुपए गूगल पे के माध्यम आकाश को दिए। करीब 3 दिन पहले उसने आकाश से फिर पांच इंजेक्शन खरीदे, लेकिन इस बार आकाश ने 12 हजार की जगह 1 इंजेक्शन 16 हजार रुपए में दिया। उसने 80 हजार रुपए आकाश को नकद दिए थे।

ज्यादा इंजेक्शन की इसलिए कम कीमत

पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि एक इंजेक्शन की कीमत ज्यादा होती है, लेकिन ज्यादा इंजेक्शन लेने पर यह कीमत आधी हो जाती है। इसका कारण एक साथ सभी इंजेक्शन बिक जाने के कारण करते हैं। पुलिस ने इस मामले में आकाश दुबे को भी आरोपी बनाया है। पूछताछ में पता चला कि इंजेक्शन की काफी डिमांड है, ऐसे में अब इसके ब्लैक में ही दाम 4 हजार रुपए तक बढ़ गए हैं। हालांकि आरोपी और जरूरतमंद के बीच हुए सौदे पर ही दाम तय हो पाते हैं।

खबरें और भी हैं…



Source link