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- Close The Room Overnight And Beaten And Put Chilli In The Mouth By Standing On The Ice, Two Policemen Suspected To Be Involved
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इंदौरकुछ ही क्षण पहले
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मालिक और उनकी बेटी सहित अन्य ने राज और चिराग को इतना पीटा की उनके पूरे शरीर सूज गया।
- प्लांट संचालक, उसकी बेटी, मैनेजर और अन्य के खिलाफ मारपीट की धाराओं में केस दर्ज
कुमेड़ी के ऑक्सीजन प्लांट में काम करने वाले पांच कर्मचारियों ने प्लांट के मालिक, उसकी बेटी, मैनेजर, बाणगंगा थाने के दो पुलिस कर्मचारी और 15 लोगों के खिलाफ रातभर कमरा बंद कर पीटने, बर्फ पर खड़ाकर मुंह में मिर्ची डालने के आरोप लगाए हैं। बाणगंगा पुलिस ने कर्मचारी राज वर्मा, चिराग वर्मा और तीन अन्य की शिकायत पर प्लांट संचालक भंवरलाल शेखावत, उसकी बेटी कोमल, मैनेजर धीरज और चायवाले पप्पू के खिलाफ मारपीट की मामूली धाराओं में केस दर्ज किया है। पुलिस ने आरोपियों को पकड़ने के लिए कई जगह दबिश दी, लेकिन वे अभी हाथ नहीं आए हैं।
पाटनीपुरा के लालापुरा में रहने वाले राज और नेहरू नगर गली नंबर एक में रहने वाले चिराग वर्मा ने बताया कि हम दोनों भंवरलाल शेखावत के कुमेड़ी स्थित बीआरजे कॉरपोरेशन प्लांट में काम करते हैं। 12 मई की रात 10 बजे जैसे ही काम पर पहुंचे। अंदर हमें एक हॉल में ले जाया गया। वहां बाणगंगा थाने के दो सिपाही, प्लांट का मालिक, उसकी बेटी कोमल, मैनेजर धीरज, चायवाला पप्पू सहित 15-20 लोग थे। अंदर ले जाते ही हमें जानवरों की तरह पीटने लगे। आधा घंटे बाद पुलिस वाले चले गए। इसके बाद ये चार लोग अंदर वाले कमरे में ले गए। वहां फिर पीटना शुरू कर दिया। हम दोनों गुहार लगाते रहे, लेकिन किसी का दिल नहीं पसीजा। मालिक की बेटी प्लास्टिक के पाइप से पीट रही थी। फिर हमें बर्फ पर खड़ा कर दिया। बाल खींचे। मुंह में मिर्ची डाली। ऊपर से बर्फ ठूंस दिया। बोले- चिल्लाए या मिर्ची फेंकी तो खत्म कर देंगे।

राज और चिराग दोनों ऑक्सीजन प्लांट में काम करते थे।
रात 2 बजे हमारे साथ काम करने वाले रवि नंदवाल निवासी पाटनीपुरा, अनिकेत और दिव्यांश दोनों निवासी गांधी नगर पहुंचे। फिर इन तीनों के साथ भी वैसी ही पिटाई की। हम गिड़गिड़ाते रहे, लेकिन किसी का दिल नहीं पसीजा। हम पर चोरी का आरोप लगाकर लगातार पीटा जा रहा था। आखिर सुबह जब हमारे घर वाले प्लांट पर पहुंचे तो हमें छोड़ा गया। हम सीधे थाने पहुंचे। वहां टीआई ने प्लांट वाले को धमकाया और फिर केस दर्ज कर रवाना कर दिया। इस दौरान जो रिपोर्ट लिखी है, वह भी उन्हीं पुलिस वालों ने लिखी जिन्होंने हमें पीटा। उन्होंने रिपोर्ट लिखने के दौरान हमारा वीडियो भी बना लिया, जैसे कि हम आरोपी हैं, जबकि पुलिस ने अभी तक उन्हें नहीं पकड़ा, जिन्होंने हमें पीटा है।

पाइप पड़ने से पांव में भी सूजन आ गई है।
एक लाख वापस लाकर दिए
चिराग ने कबूला कि प्लांट पर कोरोना के कारण जब से लोगों को ऑक्सीजन रिफिल की जाने लगी, तभी से वहां चोरी शुरू हो गई। हर कर्मचारी चालान कटाने के बाद चोरी कर रहा था। जब किसी का चालान कटता है तो उस ग्राहक से खाली सिलेंडर वापस नहीं लेते थे और बदले में उसे भरा हुआ सिलेंडर दे देते थे। इसके बदले में पैसा कमाया जाता था। मैनेजर धीरज ने भी बड़ा हाथ मारा है। चिराग ने कबूला कि मैंने दस सिलेंडर परिचितों को दिए थे, जबकि राज ने 2 सिलेंडर दिए थे। चिराग ने चोरी कबूलकर एक लाख रुपए मालिक को जमा भी करवा दिए थे, वहीं राज ने दोनों सिलेंडर दे दिए थे। इसके बाद भी पीटा गया। उनका कहना था कि यदि चोरी पकड़ी है तो पुलिस के हवाले कर दो, लेकिन ऐसा मत पीटो। फिर भी रातभर बंधक बनाकर पीटा है।
डीआईजी मनीष कपूरिया का कहना है कि फैक्ट्री में काम करने वाले कुछ कर्मचारियों के साथ घटना हुई है। केस दर्ज कर लिया गया है। बाणगंगा के एसआई सुखलाल भंवर के मुताबिक, अभी आरोपियों ने रिपोर्ट दर्ज कराई है। हम उस पर जांच कर रहे हैं। जल्द ही कार्रवाई करेंगे।