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- 5 Villages, 1300 People, Neither The First Nor Second Wave Of Corona Could Touch, Here Is The Lakshman Rekha Of Thorns
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पिपरिया11 मिनट पहले
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पिपरिया। ग्राम पंचायत नांदिया के सभी गांव में रास्ते बंद किए गए हैं।
- पिपरिया की नांदिया पंचायत में बंद है बाहरियों के रास्ते, गांव के जो लोग बाहर उन्हें भी आने की इजाजत नहीं
छिंदवाड़ा जिले की सीमा पर होशंगाबाद जिले के पिपरिया ब्लाॅक की सबसे आखिरी ग्राम पंचायत नांदिया के पांच गांव को ना तो कोरोना की पहली और ना ही दूसरी लहर छू पाई है। इसकी वजह है लोगों की सतर्कता। आदिवासियों की इस ग्राम पंचायत के सभी ग्रामों ने कोरोना की शुरुआत से ही खुद को बाहरी दुनिया से क्वाॅरेंटाइन कर लिया है। गांव के रास्ते बाहरियों के लिए बंद हैं। यहां तक कि गांव के जो लोग बाहर हैं, उन्हें भी वापसी की इजाजत नहीं है। इसी के चलते इन पांच गांव के 300 घरों में रहने वाले 1300 ग्रामीण कोरोना से सुरक्षित हैं। यह गांव चौरागढ़ पहाड़ी के दूसरी तरफ बसे हैं।
गांव तक जाने के लिए छिंदवाड़ा जिले से होकर जाना पड़ता है। सूपडोंगर, चूरनी, गुटखेड़ा, सांकरी गांव आते हैं। पंचायत के सरपंच लक्ष्मण उइके बताते हैं हमने खुद को बाहरी दुनिया से अलग रखने का फैसला लिया। गांव में पहुंचने के मुख्य रास्ते को कटीली झाड़ियों की सीमा रेखा बनाकर बंद कर दिया गया है। मुख्य रास्ते पर ग्राम के लोग अलग-अलग पारी में ड्यूटी करते हैं कि कोई बाहर वाला आदमी गांव की सीमा में प्रवेश ना कर पाए। गांव के कुछ लोग नागपुर सहित अन्य शहरों में फंसे हुए हैं। इन लोगों को गांव के लोगों ने लाॅकडाउन तक गांव में आने से मना कर दिया है। सचिव विनोद ठाकुर बताते हैं गांव के सभी लोगों को एडवांस शासकीय राशन दे दिया गया है।
राशन मिल गया है, सब्जी व कंद जंगल से मिल जाते हैं
ग्राम चूरनी के विनोद करपे, ग्राम साँकरी के बिस्सू और सूपडोंगर के सुकरलाल ने बताया राशन मिल गया है। सब्जी के लिए जंगल में भाजी तलाश लेते हैं। जंगल के कंद की भी जानकारी है उनका उपयोग कर लेते हैं। इन ग्रामों के लोग दिहाड़ी मजदूरी के लिए पचमढ़ी, देलाखारी, तामिया, परासिया आदि जगह जाते हैं पर लाॅकडाउन के कारण सभी लोग ग्रामों में ही हैं। आजीविका के लिए जंगल से चार, गुल्ली आदि बीन रहे हैं जिन्हें देलाखारी, तामिया आदि के व्यापारी खरीद लेते हैं। जनपद पंचायत सीईओ शिवानी मिश्रा ने बताया ग्रामीणों की जागरूकता से वहां महामारी पर नियंत्रण है।