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- SIT Interrogates City Hospital’s Medicine Worker Devesh, Suresh’s Number Was Found From Vijay Nagar’s Drug Shopkeeper
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जबलपुर2 घंटे पहले
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सिटी अस्पताल में नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन में रोज हो रहे नए खुलासे।
सिटी अस्पताल में 465 नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन खपाने के प्रकरण में गठित एसआईटी ने सरबजीत मोखा के विश्वासपात्र देवेश चोरसिया को पांच दिन की रिमांड पर लिया है। उससे पूछताछ में इस मामले में कई अहम जानकारी मिली है। उधर, मोखा की राजदार उसके अस्पताल की मैनेजर सोनिया खत्री और अभिषेक चक्रवर्ती से भी एसआईटी की पूछताछ जारी है।
एसआईटी की टीम विजय नगर में दवा दुकान चलाने वाले साईं सल्ले से पूछताछ की है। साई सल्ले इस मामले में बड़ी कड़ी साबित हुआ है। पुलिस ने मोखा सहित तीनों आरोपियों के खिलाफ साईं सल्ले को गवाह बनाया है। उसका कोर्ट में 164 का बयान भी दर्ज कराया जा चुका है। एसआईटी सूत्रों के मुताबिक साईं सल्ले ने ही देवेश चौरसिया को रीवा निवासी और गुजरात पुलिस की गिरफ्त में आ चुके सुनील मिश्रा का नंबर दिया था। बाद में देवेश चौरसिया ने उक्त नंबर सपन जैन को दिए थे।
इंडिया मार्ट एप के माध्यम से सुनील मिश्रा से हुई थी बात
एसआईटी की पूछताछ में पता चला है कि साई सल्ले की विजय नगर में दवा दुकान है। रेमडेसिविर इंजेक्शन की मारामारी मची तो उसने इंडिया मार्ट एप पर रेमडेसिविर इंजेक्शन को लेकर एड डाला था। इसमें रेमडेसिविर इंजेक्शन की उपलब्धता के लिए संपर्क करने के लिए अपना नंबर दिया था। इसी के माध्यम से उसकी बात रीवा निवासी सुनील मिश्रा से हुई थी। सुनील से उसने 500 रेमडेसिविर इंजेक्शन खरीदने की बात कही, लेकिन बिल-बाउचर न देने की बात पर सौदा नहीं हो पाया।
साईं सल्ले से देवेश और फिर सपन जैन को मिला था सुनील का नंबर
साईं सल्ले से सिटी अस्पताल के दवा कर्मी देवेश चौरसिया की बात हुई थी। उसने रेमडेसिविर इंजेक्शन की उपलब्धता को लेकर सुनील का नंबर दिया था। देवेश ने सुनील से बात की। इसके बाद देवेश और मोखा के माध्यम से अधारताल आशानगर निवासी सपन जैन को सुनील का नंबर मिला। फिर वह सुनील से नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन मोखा को उपलब्ध कराने लगा। 19 मई तक रिमांड पर लिए गए देवेश ने भी पूछताछ में इसके बारे में बताया है।
सोनिया खत्री से कुछ खास नहीं उगलवा पा रही एसआईटी
सूत्रों की मानें तो एसआईटी द्वारा बयान के लिए तलब की गई सिटी अस्पताल की मैनेजर सोनिया खत्री और अभिषेक चक्रवर्ती से कुछ खास नहीं उगलवा पाई है। उसके बयान दर्ज करने के साथ ही पूछताछ जारी है। वहीं सिटी अस्पताल में भी एसआईटी की टीम दस्तावेजों को खंगालने के लिए एक बार फिर शनिवार को पहुंची थी। यहां टीम ने 20 अप्रैल से 10 मई के बीच में भर्ती मरीजों को लेकर दस्तावेज जुटा रहे हैं। वहीं इस दौरान अस्पताल में भर्ती और डिस्चार्ज हो चुके मरीजों और उनके परिजनाें से भी अलग-अलग जिलों में टीम पूछताछ व बयान दर्ज करने जा रही है।