रमेश पवार ने दो टेस्ट और 31 वनडे खेले हैं. (Instagram)
नई दिल्ली. पूर्व भारतीय गेंदबाज रमेश पवार (Ramesh Powar) को फिर भारतीय महिला क्रिकेट टीम का कोच बनाया गया है. 2018 में मिताली राज से विवाद के बाद पवार को हटा दिया गया था और उनकी जगह डब्ल्यूवी रमन (Wv raman) को जिम्मेदारी दी गई थी. लेकिन मदन लाल की अगुआई वाली क्रिकेट सलाहकार समिति (Cricket Advisory Committee) ने एक बार फिर रमेश पवार को मौका दे दिया है. अब मदन लाल की कमेटी पर सवाल उठ रहे हैं. यह पहली बार नहीं है जबकि महिला टीम को लेकर बीसीसीआई के रवैए पर सवाल उठ रहे हों. महिला आईपीएल में भी सिर्फ तीन टीमों को मौका देना और इस बार लीग का आयोजन न करना पहले से बोर्ड पर सवाल खड़े कर रहा है. रमेश पवार को साल 2018 में टी20 वर्ल्ड कप के बाद दिग्गज महिला क्रिकेटर मिताली राज के साथ विवाद के बाद निलंबित कर दिया गया था. मिताली ने पवार पर हरमनप्रीत कौर की कप्तानी वाली टी20 टीम से इंग्लैंड के खिलाफ वर्ल्ड कप (2018) सेमीफाइनल से उन्हें बाहर करने का आरोप लगाया था. मिताली ने बीसीसीआई को पत्र तक लिखा था और पवार पर गंभीर आरोप लगाए थे. मिताली ने कहा था, ‘उन्होंने (रमेश) मेरे करियर को खत्म करने और मुझे अपमानित करने के लिए ऐसा किया है.’
11 साल में 11 कोच, चार को दो बार मौका रमेश पवार को खिलाड़ियों के साथ विवाद के बाद भी कोच की जिम्मेदारी दी गई. 2010 में सुधा शाह को दो साल कोचिंग देने के बाद हटा दिया गया. केवीपी राव (2010), अंजू जैन (2011-13), तुषार आरोटे (2013) और पूर्णिमा राव (2014) को कोचिंग की जिम्मेदारी मिली. फिर सुधा शाह (2014), पूर्णिमा राव (2015-17), तुषार आरोट (2017-18), रमेश पवार (2018), डब्ल्यूवी रमन (2019-21) को मौका दिया गया. अब फिर पवार की वापसी हुई है. यानी पिछले 11 साल चार कोच को दो बार मौका दिया गया.
यह भी पढ़ें: भुवनेश्वर कुमार ने कहा- मैं टेस्ट खेलने को तैयार, ना खेलने की बात पूरी तरह झूठी पुरुष टीम में विवाद के बाद कुंबले को माैका नहीं दिया गया भारतीय पुरुष टीम की बात की जाए तो 2016-17 के बीच पूर्व भारतीय कप्तान अनिल कुंबले टीम इंडिया के कोच थे. लेकिन कप्तान विराट कोलही के साथ कई मौकों पर उनके मतभेद सामने आए. अंतत: कुंबले कोच पद से हट गए और रवि शास्त्री को इसकी जिम्मेदारी मिली. लेकिन महिला टीम की बात की जाए तो सबसे सीनियर खिलाड़ी मिताली राज से विवाद के बाद भी रमेश पवार को कोच बना दिया है. यह खिलाड़ियों के लिए मानसिक तौर पर अच्छा नहीं कहा जा सकता. अगले साल वनडे वर्ल्ड कप भी है.