संत सिंगाजी परियोजना: सिंगाजी प्लांट की ऑक्सीजन शुद्ध नहीं, नई मशीन लाएंगे

संत सिंगाजी परियोजना: सिंगाजी प्लांट की ऑक्सीजन शुद्ध नहीं, नई मशीन लाएंगे


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खंडवा2 घंटे पहले

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  • प्लांट की ऑक्सीजन की शुद्धता 70-80% है, चाहिए 100% शुद्ध

संत सिंगाजी थर्मल परियोजना की मेडिकल ऑक्सीजन कोरोना मरीजों के लिहाज से शुद्ध नहीं है। मानक के तौर पर यह सिर्फ 70 से 80 फीसदी तक ही शुद्ध है। इस कारण परियोजना से निकलने वाली हाइड्रोजन गैस से ऑक्सीजन बनाने के प्लान पर फिलहाल ब्रेक लग गया है। अब स्काडा पैटर्न की मशीन से ही आस है। यह तैयार प्लांट आहमदाबाद से कुछ दिन पहले ही आया था। सूत्रों के अनुसार खंडवा कलेक्टर ने पावर प्लांट में जांच के लिए अपर कलेक्टर और डॉक्टर्स की टीम भेजी है। यहां पर जांच के दौरान यह बात सामने आई कि मशीन लिक्विड ऑक्सीजन तो बना रही है लेकिन यह पूरी तरह शुद्ध नहीं है। मेडिकल उपयोग में इसे नहीं लिया जा सकता है। इसके चलते सारणी पावर प्लांट से भी ऑक्सीजन प्लांट को वापस रवाना कर दिया।

ऑक्सीजन शुद्ध नहीं है
हमने पूरी कोशिश की है। 100 फीसदी ऑक्सीजन शुद्ध नहीं है। इसे मरीज को नहीं दी जा सकती है। तकनीकी सुधार की जरूरत है। यहां पर डॉक्टरों की टीम ने भी मुआयना किया है, उन्होंने भी माना है कि ऑक्सीजन शुद्ध नहीं है।-शशिकांत मालवीया, अधीक्षण यंत्री, एमपीपीजीसीएल
अहमदाबाद से आई ऑक्सीजन मशीन से शुद्ध लिक्विड ऑक्सीजन नहीं बन पा रही है। इस कारण मशीन को वापस भिजवाया जाएगा। आगे की प्रक्रिया प्रमुख सचिव कार्यालय से ही होगी। –एके कैलाशिया, चीफ इंजीनियर, एमपीपीजीसीएल

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