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इंदौर7 मिनट पहलेलेखक: राजेंद्र दुबे/शरद गुप्ता
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रामलाल मीणा ने संक्रमण से बचने के लिए खेत में ही बसेरा बना लिया।
- इंदौर जिले की राजपुराकुटी पंचायत में 3600 की आबादी, 5 मई तक 500 ने लगवाई वैक्सीन, अब तक 68 पॉजिटिव, दो की मौत
इंदौर से 47 किमी दूर बड़कुआं गांव। दोपहर 2.30 बजे यहां सन्नाटा था। यह गांव राजपुराकुटी ग्राम पंचायत में आता है। दोनों गांव में अब तक 68 लोग पॉजिटिव हो चुके। इनमें से दो की मौत हो गई। सरपंच सुशील पाटीदार के पिता की 5 मई को मौत हो गई। सरपंच के फेफड़ों का सीटी स्कोर 23 तक पहुंच गया लेकिन वैक्सीन का पहला डाेज लगने की वजह से उनकी जान बच गई।
पिता को भी वैक्सीन का पहला डोज लग चुका था लेकिन जान नहीं बची। इनके अलावा एक महिला की भी मौत हुई है। गांव वाले इस मौत की वजह कोरोना नहीं वैक्सीन मान रहे हैं। इसलिए सरपंच के पिता की मौत के बाद यहां किसी ने वैक्सीन नहीं लगवाई। तब तक पंचायत के 3600 में से 500 लोग वैक्सीन लगवा चुके थे। गांव में जानकी बाई व अन्य लोगों ने वैक्सीन लगवाने से साफ इनकार कर दिया। होम क्वारेंटाइन सरपंच ने कहा- लोगों से वैक्सीन लगाने की अपील की है। गांव में कोविड केयर सेंटर बनवाया है। अब यहां केवल 4 पॉजिटिव है।
आदिवासी गांवों में भी पहुंचा कोरोना, लेकिन कोई सावधानी नहीं बरत रहा
इंदाैर जिले के मानपुर क्षेत्र में 99 आदिवासी गांव हैं। इनमें 5 गांव ऐसे हैं, जहां कोरोना की स्थिति गंभीर है। जाफराबाद में 24 और कांकरिया गांव में 23 संक्रमित मिल चुके हैं। फिर भी कोरोना को लेकर कोई सावधानी नहीं बरती जा रही। खुर्दा गांव में 8 पॉजिटिव मिल चुके हैं।
संक्रमण से बचने खेत में ही बसेरा
रामलाल मीणा ने संक्रमण से बचने के लिए इन्होंने अपने गांव बिचौली से ही दूरी बना ली। बिचौली की आबादी 1600 है। पिछले एक महीने में 50 पॉजिटिव मिले तो रामलाल ने एक किमी दूर अपने खेत में पेड़ के नीचे ही अपना बसेरा बना लिया। बोले- केवल भोजन करने ही घर जाता हूं।