सहयोग, मानवीयता का अनोखा संदेश: फसल सुखने से बचाने पांच किसान अपने तालाब और ट्यूबेल का पानी नहर में छोड़ पहुंचा रहे खेत, कृषि मंत्री के गृहजिले में पांच किसान कर रहे जलदान

सहयोग, मानवीयता का अनोखा संदेश: फसल सुखने से बचाने पांच किसान अपने तालाब और ट्यूबेल का पानी नहर में छोड़ पहुंचा रहे खेत, कृषि मंत्री के गृहजिले में पांच किसान कर रहे जलदान


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हरदा/होशंगाबादकुछ ही क्षण पहले

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नहर में खेत के ट्यूबेल से पानी छोड़ा जा रहा।

  • तवाडेम से नहर में पानी छोड़ना हुआ है बंद

मप्र के सबसे बड़ा गेहूं उत्पादक व कृषि मंत्री कमल पटेल के गृह जिला हरदा के ग्राम सोनखेड़ी में किसानों ने एक अच्छा मानवीयता और सहयोग का अनोखा संदेश दिया है। प्रशासन ने तवा डेम से 15 मई को पानी बंद कर दिया है। इस कारण इस माइनर से जुड़े किसानों की मूंग तीसरे पानी नहीं मिलने से मुरझा रही है। ऐसे में 5 किसान जलदूत के रूप में आसपास के किसानों की मदद के लिए आगे आए। किसान ने मुकेश पुनिया अपने 1 एकड़ के तालाब का पूरा पानी नहर में छाेड़ दिया है। उनके 4 मामा ने भी उनकी पहल काे आगे बढ़ाते हुए चाराें निजी ट्यूबवेल चालू कर पानी नहर में निरंतर छोड़ रहे है। करीब 3 किमी लंबाई में लगभग 100 एकड़ रकबे में मूंग काे तीसरा पानी मिल जाएगा। इस पहल की जिलेभर में सराहना की जा रही व अन्य किसान भी इससे जुड़ने सोमवार को आगे आएंगे।

तवा डेम से नहर में पानी छोड़ना बंद:शाम 4 बजे लगाए गेट, पांच साल में दूसरी बार 17.51 एमसीए पानी रिजर्व रखा; मूंग फसल को लेकर किसानों की चिंता बढ़ी

नर्मदापुरम संभाग के होशंगाबाद और हरदा जिले में 40-40 हजार हेक्टेयर भूमि में किसानों ने मूंग की फसल बोई है। 23 मार्च से हरदा जिले के लिए पानी नहर से छोड़ा जा रहा था। बावजूद दूरस्थ खेतों की नहर तक एक बार ही पानी पहुंच पाया। 15 मई से नहर में डेम से पानी छोड़ना बंद कर दिया है। तीसरा पानी नहीं मिलने से फसलें मुरझा रही थी। किसानों की चिंता बढ़ गई। ऐसे में ग्राम सोनखेड़ी के किसान राधेश्याम ढाका, कैलाश ढाका, संतोष ढाका, रामनिवास ढाका, मुकेश पुनिया ने अपने-अपने खेतों के ट्यूबेल का पानी छोटी नहर में छोड़ना शुरू किया। ताकि एक-डेढ़ किमी दूर स्थित खेतों के किसान मूंग फसल की सिंचाई कर सकेंगे। यह पानी नहर में छोड़ने से करीब 60 से 70 एकड़ में सिंचाई हो रही है।

हम किसान साथी एक परिवार
सोनखेड़ी के किसान मुकेश पुनिया की 100 एकड़ जमीन नहर किनारे है। उन्हें तीनों पानी नहर से मिल गए। माइनर सूखी होने से जब उन्होंने दूसरे किसानों के नुकसान के बारे में सुना तो दुखी हो गए। तब उन्होंने सबसे पहले एक एकड़ तालाब का पानी पाइप के माध्यम से मोटर चलाकर माइनर में छोडऩा शुरू किया। यह नाकाफी था, तब अपने मामा राधेश्याम, कैलाश, रामनिवास व संतोष ढाका से बात की। वे भांजे की पहल से खुश हुए। उन्होंने इसे आगे बढ़ाने के लिए अपने-अपने 4 ट्यूबवेल का पानी भी इसी माइनर में छोड़ दिया। हम किसान साथी एक परिवार है। एक दूसरे के सुख-दुख में खड़े रहना हमारा फर्ज है। परिवार के कुछ सदस्यों पर संकट आता तो दूसरे सदस्य ही खड़े होकर समस्या का समाधान करते है।

टेल-टू-हेड दिया नाम, प्रेरणादायी संदेश

किसानों के इस सहयोग की फोटो व जानकारी जैसे ही जिले के अन्य किसानों मिली व सोशल मीडिया पर वायरल हुई। सभी ने सराहना की। किसानों ने इसे टेल-टू-हेड नाम दिया। किसान कांग्रेस के कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष केदार शंकर सिरोही ने बताया नहर से खेतों में पानी लिया जाता रहा। अब कुछ किसान खेत के ट्यूबेल से नहर में पानी छोड़ रहे। ऐसे किसान को साधुवाद है। भलेई पांच किसान ने यह किया। लेकिन बहुत बड़ा प्रेरणादायी संदेश है। इससे कई क्षेत्रों में किसान जिनके पास पर्याप्त पानी है। वे भी ऐसा करने आगे आएंगे।

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