ताऊ ते तूफान का असर: मौसम विभाग के अलर्ट के बाद भी खरीदी केंद्र में नहीं किए गए थे पानी से बचाव के उपाय, फिर हजारों क्विंटल गेहूं भीगा

ताऊ ते तूफान का असर: मौसम विभाग के अलर्ट के बाद भी खरीदी केंद्र में नहीं किए गए थे पानी से बचाव के उपाय, फिर हजारों क्विंटल गेहूं भीगा


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सतना9 मिनट पहले

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अमरपाटन क्षेत्र की समितियों में भीगा हजारों क्विंटल गेहूं।

  • सतना जिले के मैहर, रामनगर, अमरपाटन और रामपुर बाघेलान क्षेत्र में हुई थी देर रात बारिश

विंध्य क्षेत्र के सतना जिले में रविवार की देर शाम व रात में ताऊ ते तूफान के असर के कारण झमाझम बारिश ने कहर डाया था। यहां मौसम विभाग के अलर्ट के बाद भी गेहूं खरीदी केंद्रों में बारिश से बचाव के उपाय नहीं किए गए थे। नतीजन देर रात हुई भीषण बारिश के कारण हजारों क्विंटल गेहूं भीग गया।

सोमवार की सुबह जब खरीदी केंद्रों के जिम्मेदारों की नजर बोरियों की ओर पड़ी तो नीचे पानी भरा था। ऐसे में लाखों रुपए के नुकसान की आशंका व्यक्त की जा रही है। वहीं ग्रामीण किसानों ने बताया कि गेहूं खरीदी केंद्रों में सबसे ज्यादा नुकसान अमरपाटन, रामपुर बाघेलान और थोड़ा बहुत रामनगर और मैहर क्षेत्र की समितियों में हुआ है।

वारदाने की कमी के कारण भींग रहा गेहूं
समितियों से जुड़े लोगों का कहना है कि सतना जिले में करीब 15 दिनों से वारदानों की कमी थी। ऐसे में अभी तक की खरीदी फटे पुराने बोरियों से हो रही थी। हालांकि रविवार को जिले में वारदाने तो आएं है, लेकिन जब जिलेभर का आधे से ज्यादा गेहूं भीग चुका है।

पश्चिम बंगाल से दो माह बाद आई बोरियां
नान से जुड़े पदाधिकारियों का कहना है कि करीब 2 महीने बाद पश्चिम बंगाल से गेहूं के भंडारण के लिए बोरियां तो पहुंची है। लेकिन जिले में जरूरत के हिसाब से बहुत कम है। बताया गया कि रविवार को आई वारदाने की रैक में 4100 गठान आई है। जिसमे महज ​50 किलो की एक बोरी के मान से सतना जिले के हिस्से में 2100 गठाने मिली है। कहते है कि एक गठान में 500 बोरियां है।

मांग से कम मिले वारदाने
अधिकारियों ने बताया कि सतना को अभी 10 लाख बोरियां मिली है। जबकि यहां पर 20 लाख बोरियों की डिमांड थी। जरूरत के हिसाब से वारदानों की कमी के कारण खरीदी केन्द्रों को जब 21000 पुराने वारदाने पकड़ाए गए तो समितियों ने लेने से इंकार कर दिया था। ऐसे में ज्यादातर खरीदी केन्द्रों में गेहूं का उपार्जन ही बंद हो गया था।

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