मौत का जिम्मेदार कौन?: बिना रजिस्ट्रेशन चल रहे क्लिनिक में चर्म रोग विशेषज्ञ ने किया कोविड का इलाज; रेमडेसिविर भी घर पर लगा दिए, ठीक से जांच तक नहीं कराई

मौत का जिम्मेदार कौन?: बिना रजिस्ट्रेशन चल रहे क्लिनिक में चर्म रोग विशेषज्ञ ने किया कोविड का इलाज; रेमडेसिविर भी घर पर लगा दिए, ठीक से जांच तक नहीं कराई


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इंदौर6 मिनट पहलेलेखक: दिनेश जोशी/नीता सिसौदिया

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यूनिवर्सिटी प्रोफेसर डॉ. प्रियंका जैन के परिवार के सदस्यों की मौत हो गई।

  • भास्कर पड़ताल -प्रोफेसर जैन के परिवार के सदस्यों की मौत के मामले में सरकारी डॉक्टर की भूमिका संदेह के घेरे में

यूनिवर्सिटी प्रोफेसर डॉ. प्रियंका जैन के परिवार के सदस्यों की मौत के मामले में एक सरकारी डॉक्टर की भूमिका संदेह के घेरे में है। चर्मरोग विशेषज्ञ डॉ. इजहार मुंशी ने पलासिया स्थित नवनीत प्लाजा में बिना रजिस्ट्रेशन चल रहे स्कीन गैलेक्सी क्लिनिक में डॉ. जैन व उनके पति का उपचार किया। रेमडेसिविर तक घर पर ही लगा दिए। जबकि सरकार ने घर पर रेमडेसिविर लगाने की अनुमति ही नहीं दी है। क्लिनिक डॉ. नुरीन मुंशी का है, उन्हीं के पर्चे पर डॉ. इजहार ने डॉ. जैन को ट्रीटमेंट लिखा।

कोरोना का कहर : 20 दिन के अंतर में ऐसे उजड़ गया पूरा परिवार

परिवार के मुताबिक, 22 अप्रैल की सुबह डॉ. प्रियंका की तबीयत बिगड़ी। उन्हें निजी अस्पताल में भर्ती किया गया। ऑक्सीजन लेवल 34-35 पर आ चुका था। अगले दिन पति उमेश का ऑक्सीजन लेवल 45 पर आ गया। अस्पताल में कार्डियक अरेस्ट से उनका निधन हो गया। 23 अप्रैल की रात बेटे अमन को भर्ती किया। फेफड़े में संक्रमण 45% से एक दिन में 80% पर पहुंच गया। तीन बार रैमेट्री अटैक आए, कुछ दिन वेंटिलेटर पर रहने के बाद निधन हो गया। डॉ. प्रियंका का भी दो दिन पहले निधन हो गया।

5 माह से चला रहे क्लिनिक, कोविड मरीज भी आते हैं, लोग ले चुके आपत्ति

डॉ. मुंशी का यह क्लिनिक 5 महीने से चल रहा है और यहां कोरोना मरीजाें का भी इलाज किया जा रहा है। इसे लेकर आसपास के लोग आपत्ति ले चुके हैं। उधर, डॉ. मुंशी सरकारी सेवा से 2007 से गायब हैं, लेकिन हाल ही में उनकी छुट्‌टी मंजूर कर दी गई हैं। अब उन्हें बिना काम वेतन और भत्ते दिए जाएंगे। बीते दो साल से वे यहीं हैं और निजी क्लिनिक चला रहे हैं। संकट के समय भी अस्पताल नहीं गए। भोपाल से आदेश लेकर जेडी ऑफिस में लीगल शाखा का चार्ज लेने पहुंच गए।

जिस पर्ची पर इलाज लिखा, उस पर डॉक्टर का पूरा नाम तक नहीं है

डॉ. मुंशी ने जिस पर्ची पर डॉ. जैन को इलाज लिखा उस पर उनका पूरा नाम नहीं, बल्कि सिर्फ सरनेम है। डॉक्टर की बेटी भी चर्म रोग विशेषज्ञ है, लोगों का कहना है, वह भी कोविड मरीजों के इलाज में सहयोग करती है। परिजन का आरोप है कि वह जैन के घर भी आई थी। बिना पॉजिटिव रिपोर्ट, सिटी स्कैन पति उमेश जैन का इलाज किया। जिला प्रशासन की जानकारी में लाए बगैर 5 रेमडेसिविर घर पर लगा दिए। परिजन और मित्र अब मामले को कोर्ट ले जाने की तैयारी कर रहे हैं, ताकि जैन परिवार को न्याय दिला सकें।

सीधी बात- डॉ. इजहार मुंशी स्वास्थ्य विभाग

हमने अस्पताल जाने का ही कहा था

  • चर्मरोग विशेषज्ञ होकर कोविड का इलाज आप कैसे कर सकते हैं?
  • कोविड के मरीज नहीं देखते हैं, कोई मरीज आ जाता है तो उसके बाद पता लगता है कि उसे कोविड है।
  • क्या जैन परिवार का इलाज किया?
  • उमेश जी की पत्नी का इलाज किया है। पहले दूसरे डॉक्टर के पास भी गए। होम क्वारेंटाइन का ट्रीटमेंट चल रहा था। हमने अरबिंदो भेज दिया।
  • क्लिनिक का रजिस्ट्रेशन ही नहीं है?
  • रजिस्ट्रेशन के लिए आवेदन दिया है?
  • रेमडेसिविर इंजेक्शन घर पर कैसे दिए?
  • नहीं , वो तो इलाज लिखा था। हमने नहीं दिए। हमने तो उन्हें अस्पताल जाने के लिए ही कहा था।

बिना रजिस्ट्रेशन क्लिनिक अवैध-डॉ. बी.एस. सैत्या, सीएमएचओ

  • डॉ. मुंशी के स्कीन गैलेक्सी क्लिनिक का रजिस्ट्रेशन है क्या?
  • नहीं, हमारे यहां इस नाम से किसी क्लिनिक का कोई रजिस्ट्रेशन नहीं है।
  • क्या रजिस्ट्रेशन के लिए कोई आवेदन मिला है विभाग को?
  • नहीं, अभी तक इस तरह का कोई आवेदन भी नहीं आया है।
  • बिना रजिस्ट्रेशन कोई क्लिनिक संचालिक कर सकता है क्या?
  • नहीं, यह अवैधानिक है।
  • आपने इस पर कार्रवाई क्यों नहीं की?
  • हमारे पास बिना रजिस्ट्रेशन क्लिनिक चलाए जाने की कोई जानकारी नहीं है। आपने इस बारे में बताया है तो जांच कर आवश्यक कार्रवाई की जाएगी।

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