2016 में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कप्तान मिताली राज के साथ कोच पूनम राउ (फोटो क्रेडिट: बीसीसीआई ट्विटर)
नई दिल्ली. पिछले कुछ सालों से भारतीय महिला टीम का कोच बदलने का सिलसिला जारी है. हाल में भी बीसीसीआई ने फिर से रमेश पोवार को महिला टीम का कोच बनाया है. मदन लाल की अगुआई वाली क्रिकेट सलाहकार समिति (Cricket Advisory Committee) ने उनके नाम की सिफारिश की थी. उन्होंने डब्ल्यूवी रमन की जगह ली. इस पद के लिए 35 लोगों ने आवेदन दिया था लेकिन फाइनल लिस्ट में 4 पुरुष और 4 ही महिला उम्मीदवार बचे. 2017 से लगातार टीम के कोच को बदला जा रहा है. पूर्व भारतीय कप्तान, ऑफ स्पिनर और ऑल राउंडर पूनम राउ को 2017 महिला वर्ल्ड कप से 2 महीने पहले पद से हटा दिया गया था. राउ भारतीय टीम की आखिरी महिला कोच थी. उनके पद से हटने के बाद तुषार अरोथे, रमेश पोवार और डब्ल्यूवी रमन कोच बने. अरोथे को खिलाड़ियों से विवाद के कारण पद छोड़ना पड़ा. इसके बाद पोवार के साथ भी यही हुआ और अब रमन को उनके पद से हटा दिया गया. इस सिलसिले पर पूर्णिमा राउ ने news18.com से खास बातचीत में कहा कि ऐसा लगता है कि कोच के लिए कोई इज्जत ही नहीं है. उन्होंने इसके लिए खिलाड़ी, प्रशासन, सपोट स्टाफ सभी को जिम्मेदार बताया.
ऑर्गेनिक खेती कर रही हैं पूनम राउ उन्होंने कहा कि इसका असर खेल पर भी नजर आने लगा है. उन्होंने आरोप लगाया कि उन्हें पद से हटाने तक का कारण नहीं बताया गया था. उन्होंने कहा कि 2015-2016 में ऑस्ट्रेलिया को टी20 सीरीज में हराने के बाद टीम में जीत की भूख नजर आने लगी थी, मगर वर्ल्ड कप फाइनल में पहुंचने के बाद उन्हें पैसा, कॉन्ट्रेक्ट सब कुछ मिलने लगा और वो इसे संभाल नहीं पाईं. इससे खिलाड़ियों के बीच बॉन्डिंग भी समाप्त हो गई.
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1993 से 2000 के बीच 5 टेस्ट और 33 वनडे मैच खेलने वाली 54 साल की पूनम इस समय अपना पूरा समय हैदराबाद से करीब 40 किमी दूर ऑर्गेनिक खेती को दे रही हैं. उन्होंने कहा कि मैं ऑर्गेनिक सब्जियों और फल की खेती कर रही हूं. इसे परिवार और दोस्तों को बांटती हूं. मैं इस पल का लुत्फ उठा रही हूं. उन्होंने कहा कि मुझे भारतीय महिला क्रिकेट में जो मिला, उसकी तुलना में यह ज्यादा अच्छा है