MP की प्राची ने पैरालिंपिक के लिए क्वालीफाई किया: तैराकी से शुरू किया सफर अब पैरा कैनो में देश को गोल्ड दिलाने का सपना

MP की प्राची ने पैरालिंपिक के लिए क्वालीफाई किया: तैराकी से शुरू किया सफर अब पैरा कैनो में देश को गोल्ड दिलाने का सपना


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ग्वालियर2 मिनट पहलेलेखक: विशाल भदौरिया

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टूर्नामेंट की तैयारी के लिए प्राची 20 मई को भोपाल पहुंचेगी।

बहोड़ापुर की प्राची यादव। जन्म से दोनों पैर खराब। 9 साल की उम्र में बतौर एक्सरसाइज 2007 में तैराकी से जुड़ी। इसी साल चैंपियनशिप में खेलने का भी मौका मिला। उन्होंने इस अवसर को भुनाया और जूनियर कैटेगरी में गोल्ड जीता। इस जीत से उनकी खेल के प्रति रुचि और आत्मविश्वास बढ़ा। लेकिन कुछ समय बाद घर की बदहाल स्थिति और उनके आने-जाने की परेशानी ने उन्हें इस खेल से दूर कर दिया। फिर उम्मीद जागी और उन्होंने अब आर्थिक स्थिति से लड़ते हुए गाड़ी चलाना भी सीखना शुरू कर दिया। 8 साल के लंबे अंतराल के बाद उन्होंने फिर डबास सर के अंडर में कोचिंग करना शुरू की। अब जोश और उत्साह पहले से भी ज्यादा था।

दिन रात की कड़ी मेहनत के बाद लगातार 3 साल पदकों की झड़ी लगाती रहीं। इसी बीच डबास सर ने कैनो और क्याक मैं भाग्य आजमाने के लिए कहा। 2018 में भोपाल के छोटे तालाब में प्रैक्टिस करना शुरू कर दिया। तैराकी से जुड़े होने के कारण प्राची को पानी से किसी प्रकार का कोई डर नहीं था। मयंक सर की देखरेख में दिन और रात कैनो और क्याक् की प्रैक्टिस की।

इसका नतीजा 2019 पहली नेशनल में एक गोल्ड और एक सिल्वर के रूप में देखने को मिला। बस इसी दिन से ही मेरे इस खेल में देश के लिए कुछ करने की ललक पैदा हो गई। इसके बाद अगस्त 2019 में हंगरी में खेले गए पैरालिंपिक के क्वालीफाइंग टूर्नामेंट कैनो इवेंट में 8वी पोजीशन पर रहीं। फिर सितंबर में टोक्यो T20 टेस्ट में 10th पोजीशन हासिल की। प्राची हंगरी टूर्नामेंट से ही पैरालंपिक में खेलने के लिए क्वालीफाई हुई हैं। इस टूर्नामेंट की तैयारी के लिए प्राची 20 मई को भोपाल पहुंचेगी।
-जैसा प्राची यादव ने दैनिक भास्कर को खास बातचीत में बताया

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