MP में कर्मचारियों को राहत: CM ने कहा- कोरोना से मृत कर्मचारी के परिवार वालों में से एक को समान पद पर अनुकंपा नियुक्ति, एकमुश्त 5 लाख रु. भी मिलेंगे

MP में कर्मचारियों को राहत: CM ने कहा- कोरोना से मृत कर्मचारी के परिवार वालों में से एक को समान पद पर अनुकंपा नियुक्ति, एकमुश्त 5 लाख रु. भी मिलेंगे


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मध्य प्रदेश6 घंटे पहले

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  • मुख्यमंत्री कोविड अनुकंपा नियुक्ति योजना लागू होगी
  • विशेष अनुग्रह योजना के तहत मिलेगी आर्थिक मदद

मध्यप्रदेश में कोविड से मरने वाले कर्मचारियों के लिए सरकार नई योजना लागू करने जा रही है। इसके तहत कोरोना से मरने वाले कर्मचारियों के परिवारवालों में से किसी एक को समान पद पर नियुक्ति दी जाएगी। साथ ही, 5 लाख रुपए आर्थिक सहायता के तौर पर एकमुश्त दिए जाएंगे। इसके लिए मुख्यमंत्री कोविड-19 अनुंकपा नियुक्ति योजना और विशेष अनुग्रह योजना लाने जा रही है। ये घोषणा मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सोमवार को की।

योजना का लाभ सभी नियमित, स्थाई कर्मचारी, कार्यभारित व आकस्मिक निधि से वेतन पाने वाले, दैनिक वेतन भोगी, संविदा, कलेक्टर दर पर कार्यरत कर्मचारियों को मिलेगा। इसी तरह, कोविड-19 विशेष अनुग्रह योजना के तहत पीड़ित परिवार को 5 लाख रुपए की अनुगृ़ह राशि दी जाएगी। यह राशि उनके परिवार का संबल बनेगी। इसमें आंगनवाड़ी कार्यकर्ता, आशा कार्यकर्ता, कोटवार भी योजना में शामिल होंगे।

मुख्यमंत्री कोविड-19 अनुकंपा नियुक्ति योजना 1 मार्च 2021 से 30 जून 2021 तक लागू रहेगी। इसी तरह मुख्यमंत्री कोविड-19 विशेष अनुग्रह योजना 30 मार्च 2021 से 31 जुलाई 2021 तक लागू रहेगी।

हालांकि प्रदेश में नियमित कर्मचारियों मृत्यु होने पर अनुकंपा नियुक्ति का प्रावधान लागू है। इसमें पीड़ित के परिवार में से किसी एक को योग्यता और अर्हता के आधार पर नियुक्ति दी जाती है। नई योजना में ऐसे प्रावधान किए जाएंगे, जिससे कोरोना से मौत होने पर उनके आश्रितों को जल्द नियुक्ति मिल सके।

उन्होंने कहा, आशा कार्यकर्ताओं के लिए अनुकंपा नियुक्ति की अलग से योजना बनाई जा रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि कर्मचारी राज्य शासन के अभिन्न अंग हैं। कोविड महामारी के बीच कर्मचारी निष्ठा से काम कर रहे हैं। ऐसे में दुर्भाग्यपूर्ण घटनाएं हुई हैं। कई कर्मचारी काम-काम करते हमेशा के लिए बिछड़ गए। उनके परिवार की चिंता करना हमारी जिम्मेदारी है।

कोरोना आपदा घोषित होने की तारीख से लागू हो योजना
मंत्रालय अधिकारी व कर्मचारी संघ के अध्यक्ष सुधीर नायक ने मुख्यमंत्री द्वारा घोषित दोनों योजनाओं का स्वागत किया है। उन्होंने कहा है कि दोनों योजनाएं कोरोना महामारी को आपदा घोषित होने की तारीख से लागू किया जाना चाहिए।

334 शिक्षकों की कोरोना से हो चुकी है मौत
प्रदेश में शिक्षा विभाग के अधिकारी, कर्मचारी व शिक्षक समेत 366 लोगों की कोराेना से मौत हो चुकी है। इसमें सबसे ज्यादा 334 शिक्षकों की संख्या है। साथ ही 19 कर्मचारी, 11 प्राचार्य और 2 अधिकारी शामिल हैं। वहीं, कोरोना संक्रमितों में भी 1809 में से 1633 शिक्षक कोरोना संक्रमित हैं। साथ ही 80 प्राचार्य, 73 कर्मचारी व 23 अधिकारी शामिल हैं।​​​​​

35 बिजली व 88 पुलिसकर्मियों की जान गई
जानकारी अनुसार कोरोना से 35 बिजली कर्मियों व 88 पुलिस कर्मियों की मौत हो चुकी है। राज्य मंत्रालय में ही अब तक 148 अधिकारियों व कर्मचारियों की मौत कोरोना के कारण हो चुकी है। इसके अलावा अन्य विभागों में कई अधिकारी व कर्मचारी जान गंवा चुके हैं।

18 हजार मामले लंंबित
मध्य प्रदेश में अनुकंपा नियुक्ति के करीब 18 हजार मामले लंबित पड़े हैं। हालांकि सरकार ने हाल ही में इसके नियमों में कई बदलाव किए हैं। इसमें 7 साल की वैधता ख़त्म करने, रिक्त पड़े आरक्षित पदों में सामान्य श्रेणी के उम्मीदवारों की भर्ती जैसे नियम शामिल हैं।

शिक्षा विभाग ने शिथिल किए नियम
शिक्षा विभाग द्वारा लागू किए गए नियमों के तहत अब अगर किसी शिक्षक की मृत्यु हो जाती है, तो उस पर आश्रित परिवार के किसी एक शख्स को उसकी जगह अनुकंपा नियुक्ति दी जाएगी, लेकिन ये नियुक्ति प्राथमिक शिक्षक और प्रयोगशाला शिक्षक के तौर पर की जाएगी। इसी के साथ अब अनुकंपा नियुक्ति से जुड़े लंबित मामलों को जल्द निपटाया जाएगा, ताकि पीड़ित और जरूरतमंद परिवार को जल्द राहत दी जा सके।

मंडी के संविदा कर्मचारियों के लिए 25 लाख का प्रावधान
कोरोना महामारी को देखते हुए मध्यप्रदेश राज्य कृषि विपणन बोर्ड ने मंडी बोर्ड और मंडी समितियों के अधिकारियों व कर्मचारियों के लिए पहले ही निर्णय ले लिया है। इसके तहत प्रदेश की विभिन्न कृषि उपज मंडियों में कार्यरत और मंडी बोर्ड के अधिकारियों व कर्मचारियों की यदि कोरोना से मृत्यु होती है, तो उनके आश्रित परिवार को क्षतिपूर्ति के रूप में 25 लाख रुपए दिए जाएंगे। मंडी समितियों में कार्यरत अधिकारियों व कर्मचारियों के साथ ही संविदा कर्मचारियों को शामिल किया गया है। बता दें कि मंडी के 31 अधिकारियों व कर्मचारियों की कोरोना से मौत हो चुकी है।

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