अब ब्लैक फंगस बनी चुनौती: कोविड-19 कंट्रोल रूम में 5 ऑपरेटर रोजाना 1 मार्च से डिस्चार्ज मरीजों को करेंगे कॉल, पूछेंगे आंखों में दर्द या लालपन तो नहीं

अब ब्लैक फंगस बनी चुनौती: कोविड-19 कंट्रोल रूम में 5 ऑपरेटर रोजाना 1 मार्च से डिस्चार्ज मरीजों को करेंगे कॉल, पूछेंगे आंखों में दर्द या लालपन तो नहीं


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इंदौर35 मिनट पहले

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कोरोना के बाद शहर में ब्लैक फंगस का कहर बढ़ने लगा है। प्रतिदिन इसके 8 से 10 मामले सामने आ रहे हैं। कोरोना के साथ ही फंगस के रोकथाम के लिए भी प्रशासन के साथ ही निगम ने प्लानिंग शुरू कर दी है। इसी के तहत अब नगर निगम कोविड-19 कंट्रोल रूम में 5 सदस्यीय दल का गठन किया गया है। इसमें 5 ऑपरेटर राेज सुबह 8 बजे से शाम 5 बजे तक 1 मार्च से डिस्चार्ज मरीजों को कॉल करके उनके स्वस्थ के बारे में जानकारी लेंगे। साथ ही उन्हें ब्लैक फंगस के लक्षणों के बारे में बताएंगे।

आयुक्त प्रतिभा पाल ने बताया कि नगर निगम द्वारा ब्लैक फंगस के बढ़ते मामलों को देखते हुए कोविड-19 कंट्रोल रूम में 5 सदस्यीय दल का गठन किया गया है। जिसमें 5 ऑपरेटर रोजाना सुबह 8 बजे से शाम 5 बजे तक पिछले 1 मार्च से जितने भी मरीज हॉस्पिटल से डिस्चार्ज हुए हैं, उन्हें कॉल करके उनसे उनके स्वस्थ के बारे में जानकारी लेंगे। इतना ही नहीं उन्हें ब्लैक फंगस के लक्षणों के बारे में बताने के साथ ही अगर किसी मरीज में ब्लैक फंगस के लक्षण नजर आए तो उसे अपने निजी डॉक्टर या एमवाय हॉस्पिटल में संपर्क करने की सलाह देंगे। यह इसलिए जिससे मरीज का ब्लैक फंगस इंफेक्शन ज्यादा न फैल सके।

यह हैं ब्लैक फंगस के शुरुआती लक्षण
एक तरफ आंख का दर्द होना, चेहरे का दर्द, चेहरे में सुन्नपन, बुखार, मुंह से दुर्गंध, स्वाद नाक बंद होना, अकड़न होना, नाक फूलना, नाक से रक्त निकलना, साइनस का दर्द होना, नाक में सूजन आना, खांसी में खून निकलना। इसके अलावा अन्य लक्षण जैसे आंखों में धुंधलापन, अचानक दृष्टि से कम दिखना, आंखों में सूजन आना, चेहरे का पक्षाघात होना, लकवा, मिर्गी के दौरे, भूलना आदि।

ऐसे बचें ब्लैक फंगस से

  • निगम की टीम सुझाव के साथ मरीजों को यह भी बताएगी कि आखिर वे इससे कैसे बचे रह सकते हैं। इसके लिए नियमित निगरानी के साथ ही ब्लड शुगर का सख्त नियंत्रण। इसके लिए दिन में 5 बार शुगर टेस्ट (नाश्ते से पहले, दोपहर के भोजन से पहले, दोपहर भोजन के बाद, रात के खाने से पहले एवं रात के खाने के बाद)।
  • तरल पदार्थों का पर्याप्त सेवन, उच्च कोटि के अधिक प्रोटीन युक्त आहार और पर्याप्त संतुलित भोजन भी संक्रमण से बचाने एवं रोकथाम में सहायक।
  • विशेषज्ञ द्वारा दी निर्धारित दवाई लें, अपने मन से दवा नहीं लें, अपने मन से नहीं, डॉक्टर की सलाह से ही सिटरोइड लें, स्वयं की और आसपास की स्वच्छता को बनाए रखें।

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