इनसे सीखें संक्रमण रोकना: नीमच जिले में 32 ग्राम पंचायतों ने कोरोना को रोका, चौपाल पर बैठकें बंद, मास्क किया जरूरी

इनसे सीखें संक्रमण रोकना: नीमच जिले में 32 ग्राम पंचायतों ने कोरोना को रोका, चौपाल पर बैठकें बंद, मास्क किया जरूरी


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नीमच17 मिनट पहले

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मनासा तहसील के साकरियाखेड़ी में प्रवेश मार्ग पर पेड़ की डालियां डालकर रास्ता बंद कर दिया।

  • सोशल डिस्टेंसिंग का पालन, मास्क लगाकर रखा, बाहर से आने वाले को 14 दिन के लिए होम आइसोलेट किया

नीमच, जावद, मनासा तीनों उपखंड की 236 में से 32 ग्राम पंचायतें ऐसी है जहां कोरोना संक्रमण कोसो दूर है। पंचायतों के जिम्मेदारों ने सक्रियता दिखाई तो आज इन गांव के लोग घरों में सुरक्षित है। उपखंड नीमच की 7, जावद की 13 तथा मनासा की 12 पंचायतों में ग्रामीणों ने अपने दम पर संक्रमण काे पैर नहीं पसारने दिए। पंचायत के जिम्मेदारों ने गांवों में लोगों को शुरू से संक्रमण से बचाव के लिए जागरूक किया, सैनिटाइजर का छिड़काव, चौपाल पर बैठक बंद, गांवों में बाहरी लोगों का प्रवेश बंद किया। निगरानी के लिए चौकीदार के साथ युवाओं ने रातीजगा किया। शासन, प्रशासन की गाइडलाइन का आज भी पूरी जिम्मेदारी के साथ पालन कर रहे हैं।

इसी का परिणाम है कि यह संक्रमण दूर रहकर अपने आपको पूरी तरह सुरक्षित रख रहे हैं। सर्दी, खांसी, बुखार होने पर तत्काल स्वास्थ्य केंद्र पर उपचार करवाने पहुंचते हैं। डॉक्टर की सलाह पर उपचार लेकर स्वस्थ हा़े रहे हैं। इसी तरह जिन गांवों में संक्रमण पहुंचा वहां के लोगों ने अपने आपको घरों में बंद कर लिया। संक्रमित मरीज के घर के आसपास के रहवासी 14 दिन तक बाहर नहीं निकले।

आवश्यक काम होने पर परिवार का एक सदस्य बाहर जाता वह भी मास्क लगाकर, सोशल डिस्टेंस का पालन करते हुए वापस घर पहुंचता है। इसी तरह तीनों ब्लॉक की 56 पंचायतें ऐसी है जहां अब एक भी एक्टिव केस नहीं है। कोरोना के एक साल में नीमच ब्लॉक में 2967, पालसोड़ा ब्लॉक में 734, मनासा में 1707 तथा जावद ब्लॉक में 1979 लोगों तक संक्रमण पहुंच गया। जिले में अब तक मिले 7638 मरीजों में से 250 मरीज दूसरे शहरों के है। जबकि 7388 मरीज मिले जो विभिन्न गांव व शहरी क्षेत्र के हैं।

इतनी सख्ती; ग्रामीण युवाओं ने रात-रात भर जागकर की पहरेदारी ताकि बगैर बताए बाहर से कोई संक्रमित गांव न आ जाए

कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर एक अप्रैल से तेज हुई। इस दौरान शहर सहित मनासा, जावद ब्लॉक के कई गांवों में संक्रमण फैलने से कई क्षेत्र हॉटस्पाॅट बने। जहां अब स्थिति धीरे-धीरे सामान्य होती जा रही है। नीमच में 20 से अधिक मरीज मिलने वाले इंदिरा नगर, विकास नगर, जवाहर नगर, शिक्षक कॉलोनी, बघाना, नीमच सिटी, ऑफिसर्स कॉलोनी, ग्वाला टोली, हुड़को कॉलोनी, सीआरपीएफ, पुलिस कॉलोनी, स्कीम नंबर 36 वह क्षेत्र है जहां 20 से 80 मरीज सामने आए। इनमें कई क्षेत्रों में माइक्रो कंटेनमेंट बनाए गए। इसी तरह मनासा ब्लॉक में अल्हेड़, भाटखेड़ी, कुकड़ेश्वर, खजुरी तथा मनासा नगर के कई वार्ड ऐसे थे जहां 15 से अधिक मरीज मिलने।

जावद ब्लॉक में अठाना, खोर, डीकेन, सुवाखेड़ा, सिंगोली, नयागांव, सरवानिया महाराज, रतनगढ़ में 10 से 30 मरीज मिलने से यह क्षेत्र हॉटस्पाट बन गए थे। इन क्षेत्रों के रहवासियों ने अपने आपको सुरक्षित रखने के लिए घरों में बंद किया। जो मरीज मिले उनके संपर्क में आने वाले ही पॉजिटिव निकले। अब यहां पर भी संक्रमण की रफ्तार कम होती जा रही है। किसी भी क्षेत्र में एक दिन में 3 से अधिक मरीज सामने नहीं आ रहे हैं।

56 पंचायतें ऐसी हैं जहां अब एक भी एक्टिव केस नहीं

जिले के तीनों विकासखंड में 236 पंचायतें हैं। जिपं पंचायत से मिले आंकड़ों के अनुसार जावद की 73 में से 16 में एक-एक, 25 में 2 से 5, 10 में 6 से 10 मरीज हैं। इस तरह 51 पंचायताें में संक्रमण पहुंचा। जबकि 9 पंचायतें कोरोना मुक्त हो गई है। 13 पंचायतों में संक्रमण कोसो दूर रहा। मनासा ब्लॉक की 97 पंचायतें है। इनमें 22 में एक-एक मरीज, 25 में 2 से 5 मरीज, 9 में 6 से 10 तथा एक पंचायत में 11 से अधिक मरीज मिले हैं। 57 पंचायतों तक संक्रमण पहुंचा। इनमें 28 पंचायतें कोरोना मुक्त हो चुकी है।

12 पंचायतों में कोरोना नहीं पहुंचा। इसी तरह नीमच ब्लॉक में 66 ग्राम पंचायतों में 13 में एक-एक मरीज, 25 में 2 से 5, 4 पंचायत में 6 से 10 तथा दो पंचायत में 11 से अधिक मरीज मिले हैं। कुल 44 पंचायतों तक संक्रमण पहुंच गया। इनमें से 15 पंचायतें कोरोना मुक्त हो चुकी है। 7 पंचायतें में कोरोना दूूर रहा। जावद ब्लॉक में मांडा, समेल, कोज्या, डाबलाकलां, खातीखेड़ा, दलतपुरा, बांदा, देहपुरा, भगवानपुरा, आंबा, रेतपुरा, उम्मेदपुरा, बांगरेड़, नीमच ब्लॉक की बोरदियाकलां, मांगरोल, भंवरासा, मेवाड़, छायन, केलुखेड़ा, राबड़िया, मनासा ब्लॉक में आमद, बावड़ा, दांगड़ी, दाता, डायली आदि पंचायतों में कोरोना संक्रमण प्रवेश नहीं कर सका।

दो गांव की कहानी

राजस्थान को जोड़ने वाले दोनों रास्ते बंद किए, सुरक्षित रही पंचायत
सिंगोली तहसील क्षेत्र की कोज्या पंचायत में कोज्या व ताल गांव आते हैं। आबादी 2400 से हैं। दूसरी लहर में संक्रमण बढ़ा तो सबसे पहले पंचायत के सचिव आनंद कुमार सक्सेना व सरपंच मदनलाल खटीक ने गांव के लोगों को समझाइश दी तथा राजस्थान के चित्तौड़गढ़ जिले से आने वाले दोनों रास्तों को बंद कर दिया। गांव में प्रवेश करने वाले रास्ते पर खाई खोद दी। चौकीदार व युवाओं द्वारा निगरानी शुरू की। बाहरी लोगों काे प्रवेश नहीं दिया। गांव की प्रत्येक गली, घर पर सैनिटाइजर का छिड़काव किया। आदिवासी बाहुल्य गांव होने से लोगों ने भी सावधानी रखी। इसी का परिणाम है कि पंचायत क्षेत्र का प्रत्येक व्यक्ति पूरी तरह सुरक्षित है।

सब्जी, मनिहारी बेचने वालों को भी गांव में प्रवेश नहीं दिया
भंवरासा पंचायत में भंवरासा व कचौली गांव शामिल है। आबादी 2050 है। सरपंच मोहन बाई, सचिव दिलीप गुगालिया ने बताया संक्रमण को देखते हुए गांव के रास्तों को बंद कर दिया। सब्जी व मनिहारी सामान बेचने आने वालों को भी प्रवेश नहीं दिया। गांव के लोगों ने खेतों पर उगी सब्जी ही उपयोग में ली। पंचायत कर्मी के माध्यम से गली-गली में अनाउंस कर लोगों को जागरूक किया। नियमित सैनिटाइजर का छिड़काव करवाया। लोगों को चेतावनी दी कि चौपाल पर बैठे और कोई व्यक्ति संक्रमित हुआ तो पूरा गांव जिम्मेदार होगा। लोगों ने गाइडलाइन का पालन किया। इसी जागरूकता के कारण पंचायत का प्रत्येक व्यक्ति पूरी तरह सुरक्षित है।

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