एंबुलेंस का किराया तय नहीं: शहर में 3 से 4 किलोमीटर का 1000 कर रहे चार्ज

एंबुलेंस का किराया तय नहीं: शहर में 3 से 4 किलोमीटर का 1000 कर रहे चार्ज


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होशंगाबाद4 मिनट पहले

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जिले में निजी एंबुलेंस संचालकों पर अंकुश रखने के लिए कोई रेगुलेशन नहीं है। कोई नियम न रहने का बेजा लाभ काेराेना के कठिन दाैर में किराया से लेकर अन्य मामला में उठाया जा रहा है। मरीजों को इससे काफी परेशानी होती है। इसमें टेक्नीशियन की उपलब्धता भी नहीं रहती है। जिससे रास्ते में मरीज की स्थिति बिगड़ने पर ड्राइवर के भरोसे ही रहते हैं। स्वास्थ्य प्रशासन को तो यह भी पता नहीं है कि जिले में कितनी कहां-कहां निजी एंबुलेंस चल रही हैं। निजी एंबुलेंस संचालक मनमाफिक किराया तय करते हैं।

हाेशंगाबाद शहर में तीन से पांच किमी की दूरी के लिए 1 हजार से 1500 रुपए ले रहे है। वहीं इंदाैर के लिए 10 से 15 हजार रुपए ले रहे है। मरीजों के लिए दो श्रेणियों की एंबुलेंस सुविधा मिलती है। एक है बेसिक लाइफ सपोर्ट सिस्टम और दूसरा क्रिटिकल लाइफ सपोर्ट एंबुलेंस। जिले में केवल आरटीओ में पंजीयन कराने के अलावा अन्य काेई भी विभाग काे इनकी जानकारी नहीं है। किराया भी जिले में तय नहीं हाेने से मरीजाें से मनमाना किराया लिया जा रहा है।

एंबुलेंस संचालक राकेश यादव ने मरीज निशा जैन काे सिविल लाइन से नर्मदा अस्पताल ले जाने के लिए 1 हजार रुपए मांगे। परिजनाें ने कम करने काे कहा पर कम नहीं किए। तब पूर्व नपाध्यक्ष अखिलेश खंडेलवाल ने अपनी गाड़ी से उनकाे अस्पताल छाेड़ा।

पिछले सप्ताह नर्मदा अपना अस्पताल से एक मरीज काे इंदाैर लेकर जाने के लिए एक निजी एंबुलेंस संचालक ने 20 हजार रुपए की मांग की। बाद में टिमरनी से दूसरी एंबुलेंस बुलाकर मरीज काे इंदाैर भेजा गया। इधर एंबुलेंस संचालक ने बताया कि मेरी गाड़ी में आकसीजन की सुविधा है। इसलिए किराया ज्यादा ले रहा हूं।

हाेशंगाबाद में तय नहीं शहडाेल सहित कई जिलाें में कलेक्टर ने तय की दरें

शहडोल कलेक्टर एवं जिला मजिस्ट्रेट डॉ. सतेन्द्र सिंह ने तय किया है कि कोविड-19 संक्रमण के दौर में एंबुलेंस वाहन का रात्रि का अतिरिक्त किराया देय नहीं होगा। साथ ही वाहनों के लिए उपयोगकर्ता से धुलाई करने का अतिरिक्त चार्ज नहीं लिया जाएगा।

इसी प्रकार एंबुलेंस का एएलएस शहरी क्षेत्र के लिए प्रथम 10 किमी के लिए 500 रुपए उसके बाद 25 रुपए प्रति किमी तथा बीएलएस का प्रथम 10 किलोमीटर के लिए 250 रुपए उसके पश्चात 20 रुपए प्रति किमी तथा ग्रामीण क्षेत्र में एएलएस के लिए प्रथम 200 किमी के लिए 800 उसके पश्चात 25 रुपए प्रति किम तथा बीएलएस का प्रथम 20 किलोमीटर के लिए 550 रुपए उसके पश्चात 20 रुपए प्रति किलोमीटर निर्धारित किया गया है।

इस नियम के तहत दिया आदेश
कलेक्टर शहडाेल ने उक्त आदेश जनसामान्य के स्वास्थ्य की सुरक्षा तथा लोग शांति भंग होने की संभावना को ध्यान रखते हुए जारी किया है। उक्त आदेश दंड प्रक्रिया संहिता 1973 की धारा 144 (2) के तहत एकपक्षीय पारित किया है। उक्त आदेश का उल्लंघन पाए जाने पर संबंधित व्यक्ति के विरुद्ध भारतीय दंड संहिता की धारा 188 आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 मोटर यान अधिनियम 1988 तथा शासन के अन्य सुसंगत प्रावधानों के अंतर्गत कार्रवाई की जाएगी।

ज्यादा किराया लेने की लिखित शिकायत मिलने पर ही कार्रवाई की जा सकती है। बिना शिकायत के जांच करना संभव नहीं है। आटीओ केवल पंजीयन का काम करता है।
मनाेज तेहनगुरिया, आरटीओ

​​​​​​​ज्यादा किराया लेने के मामले में जांच कर कार्रवाई की जाएगी। लाेग प्रशासन काे इसकी शिकायत करें, किराया वापस भी कराने का काम प्रशासन करेगा।
-शैलेंद्र बडाे़निया, तहसीलदार

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