सिटी अस्पताल की कोविड अनुमति निरस्त: पत्नी व मैनेजर 3 दिन की पीआर पर, दो नकली इंजेक्शन जब्त, लोहिया पुलिया के पास कराया था नष्ट

सिटी अस्पताल की कोविड अनुमति निरस्त: पत्नी व मैनेजर 3 दिन की पीआर पर, दो नकली इंजेक्शन जब्त, लोहिया पुलिया के पास कराया था नष्ट


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जबलपुर11 मिनट पहले

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कोर्ट पेशी से पहले विक्टोरिया जिला अस्पताल में कराई मेडिकल जांच।

नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन के गुजरात कनेक्शन के बाद सिटी अस्पताल और उसके डायरेक्टर सरबजीत मोखा की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। एसआईटी ने मोखा की पत्नी और मैनेजर को तीन दिन के रिमांड पर लिया है। दोनों की निशानदेही पर एसआईटी को दो नकली इंजेक्शन मिले हैं। वहीं एक बड़ा साक्ष्य हाथ लगा है। प्रशासन ने मोखा पर एफआईआर दर्ज होने के एक सप्ताह बाद उसके अस्पताल की कोविड मान्यता निरस्त कर दी।

एसआईटी टीम ने सोमवार रात को ही मोखा की पत्नी जसमीत कौर और उसके अस्पताल की मैनेजर और मोखा की अहम राजदार सोनिया को गिरफ्तार कर लिया था। वहीं मोखा के खिलाफ साक्ष्य छुपाने के प्रकरण में धारा 201 भादवि की बढ़ोत्तरी की थी। मंगलवार को दोनों आरोपियों को एसआईटी टीम ने मुलाहिजा कराने के बाद कोर्ट में पेश किया। एसआईटी ने दोनाें महिलाओं की पीआर मांगी थी। कोर्ट ने 20 मई तक दोनों की रिमांड मंजूर की है।
दो बैग से एक-एक नकली इंजेक्शन का वायल जब्त
मंगलवार को इस केस में बड़ी कामयाबी एसआईटी के हाथ लगी। अभी तक नकली इंजेक्शन का शोर तो था, लेकिन जब्ती नहीं बन पाई थी। एसआईटी ने मोखा की पत्नी और मैनेजर सोनिया से पूछताछ के बाद दो बैग जब्त किए। एक बैग मोखा की और एक बैग सोनिया का बताया जा रहा है। दोनों बैग से एक-एक नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन जब्त हुए हैं। इसमें ग्लूकोज व नमक भरकर पैकिंग की गई थी।

सिटी अस्पताल की मैनेजर सोनिया खत्री और सरबजीत की पत्नी जसमीत कौर मोखा।

सिटी अस्पताल की मैनेजर सोनिया खत्री और सरबजीत की पत्नी जसमीत कौर मोखा।

नौकर से मिली अहम जानकारी
एसआईटी सूत्रों के मुताबिक मोखा के बंगले पर काम करने वाले एक नौकर से एसआईटी को बड़ी सफलता मिली है। बताते हैं कि आठ मई को सोनिया ने कुछ नकली बच गए रेमडेसिविर इंजेक्शन को मोखा के घर भिजवाया था। उसे नौकर के जरिए ठिकाने लगाया गया था। नौकर की निशानदेही पर टीम लोहिया पुलिया से इसकी जब्ती करने की कवायद में जुटी है। यह जब्ती हो गई तो एसआईटी को मोखा केस में एक बड़ी उपलब्धि हासिल हाेगी।
500 इंजेक्शन के 15 लाख रुपए दिए थे मोखा ने
मोखा और उसके बेटे हरकरण ने सपन जैन को 500 इंजेक्शन के एवज में 15 लाख रुपए दिए थे। इसके एवज में मोखा को 465 इंजेक्शन ही सपन ने दिए थे। 35 इंजेक्शन उसने खुद रख लिए थे। हालांकि इसे मरीजों को 20 से 25 हजार रुपए में लगाया गया था। एसआईटी की अभी तक की जांच में सामने आया है कि अस्पताल में 70-80 लोगों को नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन लगाया गया है। इसमें 15-16 लोगों की मौत भी हुई है। एसआईटी के पास भी एक आरक्षक सहित 15 के लगभग शिकायतें पहुंची हैं।
28 अप्रैल को कई मरीजों को रिएक्शन हुआ था
नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन लगवाने के बाद 28 अप्रैल को 25-30 की संख्या में मरीजों ने रिएक्शन होने की बात कही थी। इसके चलते अस्पताल में हड़कंप मच गया। चार मई को मोखा को जैसे ही गुजरात में नकली इंजेक्शन बनाने वाले गिरोह के पकड़े जाने की खबर लगी, वो भी चौकन्ना हो गया। इसके बाद हरकरण ने इंदौर से फर्जी आईडी पर बिल प्राप्त किया था। सात मई को सपन की गुजरात पुलिस द्वारा गिरफ्तारी के बाद मोखा ने नकली इंजेक्शन को ठिकाने लगाया।
शस्त्र लाइसेंस होंगे निरस्त, संपत्तियां हो सकती हैं राजसात
सरबजीत मोखा के पास सिविल लाइंस स्थित पचपेढ़ी स्थित मकान के पते पर एक शस्त्र का लाइसेंस हैं। वहीं उसके बेटे हरकरण सिंह के पास भी एक विदेशी पिस्टल होने की खबर है। जबकि अस्पताल के पते से भी लाइसेंस होने की बात पता चली है। पुलिस सभी लाइसेंस निरस्त कराने की तैयारी में है। इसके अलावा उसकी सम्पत्तियों का भी ब्यौरा जुटाया जा रहा है। इसे कुर्क कराने और राजसात कराने की तैयारी है।
देवेश का 19 मई को पीआर होगी समाप्त
एसआईटी द्वारा 19 मई तक पीआर पर लिए गए देवेश चौरसिया से पूछताछ पूरी हो चुकी है। उसके बयान भी कोर्ट में दर्ज कराए जा चुक हैं। पीआर समाप्त होते ही गुजरात पुलिस का प्रोडक्शन वारंट उसका इंतजार कर रहा है। इसके बाद उसे गुजरात पुलिस लेकर जाने वाली है। वहीं हरकण सिंह की गिरफ्तारी के लिए पुलिस की कई टीमें सक्रिय हो गई हैं।

सिटी अस्पताल में महज 16 मरीज भर्ती, कोविड की अनुमति निरस्त।

सिटी अस्पताल में महज 16 मरीज भर्ती, कोविड की अनुमति निरस्त।

अस्पताल की कोविड अनुमति निरस्त
सरबजीत मोखा की गिरफ्तारी और अस्पताल में नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन लगाने की बात की पुष्टि होने के बाद प्रशासन ने मंगलवार की देर रात सख्त कार्रवाई की। मोखा के सिटी अस्पताल में नए कोविड संक्रमितों के इलाज पर रोक लगा दी है। मंगलवार को जिला स्तरीय हेल्थ टीम ने सिटी अस्पताल का निरीक्षण किया। 150 बेड कोविड की अनुमति वाले अस्पताल में महज 14 मरीज कोरोना के और दो अन्य बीमारी के मिले। क्षेत्रीय संयुक्त संचालक डॉक्टर संजय मिश्रा के मुताबिक अस्पताल में भर्ती कोविड मरीजों का इलाज जारी रखने को कहा गया है। नए मरीज अभी वहां नहीं भर्ती हो पाएंगे।
ये है मामला
गुजरात के सूरत, राजकोट व मोरबी जिले में नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन तैयार कर बेचने वाले इंटर स्टेट गिरोह का भंडाफोड़ हुआ था। इसके तार इंदौर-जबलपुर से लेकर पांच राज्यों में जुड़ा होना मिला। गिरोह ग्लूकोज व नमक मिलाकर एक लाख नकली डोज तैयार कर बेचा है। इसमें 1200 इंदौर तो 500 जबलपुर में खपाने की बात अभी सामने आई है। इसी मामले में 6 मई की देर रात गुजरात पुलिस ने अधारताल के आशा नगर से सपन जैन को गिरफ्तार किया।

सपन जैन और नीले शर्ट में सरबजीत मोखा।

सपन जैन और नीले शर्ट में सरबजीत मोखा।

8 मई को ड्रग विभाग ने प्रशासन व पुलिस के साथ मिलकर सत्येंद्र, सत्यम व भगवती फार्मा की दुकान को सील कर दिया। 10 मई की रात में सिटी अस्पताल के डायरेक्टर सरबजीत मोखा, उसके अस्पताल में दवा कर्मी देवेश चौरसिया और सपन जैन के खिलाफ अेामती में एफआईआर दर्ज करते हुए 20 सदस्यीय एसआईटी टीम मामले की जांच में लगी है।


सिटी अस्पताल के डायरेक्टर सरबजीत मोखा की पत्नी जसमीत कौर मोखा और मैनेजर सोनिया खत्री को 20 मई तक रिमांड पर लिया गया है। दो नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन जब्त हुए हैं। मोखा के बेटे हरकण सिंह की तलाश जारी है। कुछ और जानकारी मिली है। उसकी तस्दीक कराई जा रही है।
रोहित काशवानी,(IPS) एएसपी, सिटी

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