सूरत से चार आरोपियों लाया गया इंदौर: नकली इंजेक्शन मामले में 48 घंटे में बेच दिए थे 700 इंजेक्शन, आज दोपहर कोर्ट में किया जाएगा पेश

सूरत से चार आरोपियों लाया गया इंदौर: नकली इंजेक्शन मामले में 48 घंटे में बेच दिए थे 700 इंजेक्शन, आज दोपहर कोर्ट में किया जाएगा पेश


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इंदौर5 मिनट पहले

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कौशल वोहरा फैक्ट्री संचालक

इंदौर में 1200 इंजेक्शन बेचने वाले 4 आरोपी को मंगलवार दोपहर तक सूरत से प्रोटेक्शन वारंट कर इंदौर लाया जाएगा, चारो आरोपी सुनील मिश्रा, कुलदीप, पुनीत शाह ,कोशल वोरा को विजय पुलिस ने अपनी हिरासत में लिया है। आरोपियों को इंदौर जिला कोर्ट में पेश कर सभी की पुलिस रिमांड ली जाएँगी। रोपियों से सूरत पुलिस द्वारा पूछताछ की जा चुकी है, लेकिन इंदौर में सुनील मिश्रा द्वारा 700 इंजेक्शन इंदौर में दो दिन में खपाना बताये गए थे।पुलिस को शक है कि आरोपियों ने शहर के साथ आसपास के जिलो में भी इन नकली इंजेक्शन को खपा सकते है।

मामले में फेक्ट्री मालिक द्वारा सुरत के मोरबी में फ्रॉम हॉउस पर ग्लूकोज से यह इंजेक्शन बनाये जा रहे थे।विजय नगर पुलिस के माध्यम से सूरत पुलिस को इस पूरे रेकेड की सूचना दी गई थी जिस पर सूरत पुलिस ने कार्यवाही करते हुए इन चार आरोपियों की गिरफ्तार किया था। इस गिरोह के अब तक 11 आरोपी गिरफ्तार किए जा चुके है। लेकिन सुनील मिश्रा द्वारा ओर कितने लोगो को यह यह नकली इंजेक्शन बेचे गए है ।इस कैसे में आगे की जानकारी के लिए इन सभी से पूछताछ करने के लिए विजय नगर पुलिस मंगलवार सुबह उन्हें इंदौर की कोर्ट में पेश कर आगे की अन्य जानकरी एकत्र करेंगी ।

दलाल सुनील मिश्रा — इंदौर के दलाल सुनील मिश्रा ने बताया कि वह मास्क, सैनिटाइजर सप्लाई करता था। लेकिन कोरोना के नए स्ट्रेन में रेमडेसिविर की मांग आई थे। आरोपी का कौशल वोरा और पुनित शाह से संपर्क हुआ था । दोनों उसे मुंबई ले गए। 20 अप्रैल को उसे 700 इंजेक्शन की पहली खेप दे दी थी । इसमें से 500 इंजेक्शन जबलपुर में सिटी अस्पताल के संचालक को दे दिए थे।

गुजरात से प्रोडक्शन वारंट पर —

कालाबाजारी के रैकेट में कौशल और पुनीत दोनों अभी गुजरात पुलिस की हिरासत में हैं। दोनों ही आरोपी 20 और 21 अप्रैल के समय इंदौर आए थे। उन्होंने आरोपी चीकू को, तो इंजेक्शन दिए थे। एरोप्लेन अभी तक प्रदेश में कहां-कहां पर यह नकली इंजेक्शन दिए हैं, इसकी पूछताछ के लिए इंदौर पुलिस जल्द उन्हें गुजरात से प्रोडक्शन वारंट पर ले आए है। सूत्रों ने बताया कि आरोपी 6 इंजेक्शन का सेट 35000 रुपए में बना कर देते थे। आरोपियों से आगे की पूछताछ के लिए उन्हें कोर्ट में पेश पर उनका रिमांड लिया जाएगा।

ऐसे हुआ था खुलासा…..

विजयनगर थाना प्रभारी तहजीब काज़ी को एक पीड़ित महिला ने शिकायत की थी। उसने बताया कि रेमडेसिविर इंजेक्शन और दवाएं एक व्यक्ति उपलब्ध करा रहा है। वह सिर्फ महिलाओं को ही यह देने की बात कह रहा है। इसके बाद पुलिस ने SI प्रियंका को जरूरतमंद बनाकर इंजेक्शन के लिए भेजा था । आरोपी सुरेश यादव निवासी बाणगंगा से मैसेंजर पर टोसिलिजुमैब इंजेक्शन को देने की बात कर रहा था। महिला पुलिस अधिकारी और एक थाने के आरक्षक ने इसे जाल बिछा कर उसे पकड़ लिया था ।

आईजी हरिनारायण चारी मिश्र ने बताया था कि पूछताछ के बाद धीरज और दिनेश को पकड़ा गया। इन दोनों ने बताया कि इंजेक्शन प्रवीण उर्फ सिद्धार्थ नाम युवक से लेते थे। पुलिस ने सख्ती से पूछताछ की तो असीम भाले का भी नाम सामने आया। इसके बाद सुनील मिश्रा नामक युवक का नाम सामने आया है। उसकी कॉल डिटेल निकाली तो लोकेशन गुजरात के सूरत में मिली।

विजय नगर पुलिस ने तुरंत सूरत पुलिस को सूचना दी। सूरत पुलिस तुरंत आरोपी सुनील मिश्रा को हिरासत में लेकर फैक्टरी पर छापा मारा, जहां पर नकली स्टिकर और हजारों की तादाद में नकली इंजेक्शन की शीशियां मिलीं। इसमें से कई ग्लूकोज और पानी से भरी हुई थीं। यहां से गिरोह के और सदस्यों को भी पकड़ा है। इसकी सूचना उन्होंने इंदौर पुलिस को भी दी।

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