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मुरैना3 घंटे पहले
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पुलिस थाना, नगरा
- 200 गांवों के लोग परेशान हो रहे अस्पताल न होने से
शासन का नियम है कि जहां पुलिस थाना होता वहां अस्पताल खोला जाता है। पुलिस थाना नगरा को बने लगभग 60 साल होने को हैं। मगर अस्पताल आज तक नहीं खुल सका है। शासन अपने ही नियमों का पालन नहीं कर रहा है।
नगरा में पुलिस थाना को खुले हुए लगभग 60 साल हो चुके हैं, मगर अभी तक अस्पताल नहीं खुल सका है। अगर कोई भी एमएलसी आती है, तो पुलिस को 18 से 20 किलोमीटर दूर पोरसा कस्बे में जाकर एम एलसी कराने आना पड़ता है। पुलिस स्टाफ पहले से ही कम रहता है, उसके बावजूद भी एमएलसी के लिए दो व्यक्तियों के साथ घायल को इलाज के लिए पोरसा अस्पताल लाना पड़ता है।
200 गांवों के लोग परेशान हैं अस्पताल न होने से
नगरा कस्बे में अस्पताल खोलने की मांग काफी समय से चली आ रही है, मगर शासन ने आज तक कोई ध्यान नहीं दिया। नगरा के आसपास लगभग, 40 ग्राम पंचायतों के लगभग दो सौ गांव हैं। इन गांवों के लोग अस्पताल के न होने से परेशान रहते हैं। एक ओर शासन स्वास्थ्य सुविधाएं देने का वादा करता है, तो दूसरी तरफ निरंतर लापरवाही बरती जा रही है। इस लापरवाही से क्षेत्र की जनता बेहद परेशान है।
कोरोना काल में परेशान हो रहे लोग
नगरा के आस-पास 200 गांवों के लोग इस समय बेहद परेशान हो रहे हैं। कोरोनाकाल में जिला अस्तपाल मुरैना सहित सभी अस्पतालों में भीड़ है। यहां तक कि जनरल ओपीडी भी सही से नहीं हो पा रही है। डॉक्टरों के पास समय नहीं है। अधिकांश डॉक्टर व नर्सिंग स्टॉफ कोविड मरीजों के इलाज में लगा हुआ है। जिला अस्पताल तक में नर्सिंग स्टॉफ की कमी हो रही है। ऐसे में छोटी-मोटी बीमारियों के लिए किसानों को बहुत परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। अगर नगरा कस्बे में स्वास्थय केन्द्र होता तो उन्हें इस परेशानी से न गुजरना होता।